क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से पाचन तंत्र में सूजन आ जाती है। यह सूजन पाचन तंत्र (Digestive system) के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, लेकिन, ज्यादातर यह छोटी आंत या बड़ी आंत को प्रभावित करती है।
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) पुरुषों और महिलाओं, किसी को भी प्रभावित कर सकता है और ये किसी भी उम्र में हो सकता है। ये बीमारी ज्यादातर 15 से 35 की उम्र के किशोरों और युवा वयस्कों (Adult) में अधिक होती है। इसके कारणों को नियंत्रित कर के बीमारी से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह करें।
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क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) के कुछ सामान्य लक्षण हैं:
ऊपर बताए गए लक्षणों में से आपको कोई भी दिखे या दिए गए संकेतों को लेकर कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें, जैसे कि:
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इसके होने वाले जोखिम कारक हैं, जैसे:
रिफाइंड और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों को आहार में लेना इस बीमारी की आशंका को बढ़ा देता है।
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) होने पर पहले डॉक्टर इस बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाएं देते हैं। दवाओं से आराम न होने पर ही सर्जरी का फैसला लेते हैं। आपको इस सर्जरी को कराने से पहले इसकी प्रक्रिया के बारे में भी पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। आपको बता दें कि क्रोहन रोग सर्जरी करने में लगभग 90 मिनट का समय लगता है। सबसे पहले एनेस्थेटिस्ट पेट का सुन्न करते हैं।
इसके बाद डॉक्टर प्रभावित स्थान पर पेट में एक चीरा या कट लगाते हैं। फिर डॉक्टर छोटी आंत का क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से प्रभावित भाग काट कर निकाल देते हैं। कभी-कभी बड़ी आंत का भी थोड़ा हिस्सा काटना पड़ता है। इसके बाद आंतों को आपस में जोड़ देते हैं। कभी-कभी जोड़ने की स्थिति नहीं होने पर कोलॉनोस्टमी या इलियॉस्टमी करते हैं। फिर पेट में किए गए चीरे के स्थान पर टांका लगाते हैं। आइए अब जानते हैं कि इस सर्जरी को कराने के बाद क्या होता है।
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इसके अलावा वैज्ञानिकों ने क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) को समझने और इसके उपचार में मदद करने वाली एक नई आर्टिफिशियल तकनीक को ढूंढ निकाला है। यह शोध क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से पीड़ित 111 लोगों पर किया गया, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से क्रोहन रोग के जेनेटिक सिग्नेचर की जांच की गई। इस तकनीक से उन जीन का खुलासा हुआ, जो क्रोहन रोग से जुड़े थे। पिछले शोध में इनका पता नहीं लगा था। सटीकता से इसकी भविष्यवाणी की गई थी कि क्या हजारों लोगों को यह बीमारी इनके चलते है।
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से निपटने में मदद कर सकते हैं:
इस आर्टिकल में हमने आपको क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) और उसकी सर्जरी से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। इसमें हमने आपको इस सर्जरी को करने की प्रक्रिया से लेकर इसके साइड इफेक्ट्स और सर्जरी के बाद मरीज का ख्याल रखने तक के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस सर्जरी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
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