जैतून के तेल के साथ ऑलिव फ्रूट भी लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से विटामिन-ई की कमी दूर होती है इसलिए यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। जैतून के तेल को खाना बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। 100 ग्राम ऑलिव में लगभग 3.81 मिलीग्राम विटामिन ई मौजूद होता है।
विटामिन-ई लगभग सभी खाद्य पदार्थों में कुछ हद तक पाया जाता है। इस वजह से ज्यादातर लोगों को इसकी कमी का खतरा नहीं होता है। ऊपर बताए गए किसी भी खाद्य पदार्थ से अगर आपको को एलर्जी हो, तो उस खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। अगर किसी को विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फिर भी आप अगर अपने विटामिन-ई के स्तर के बारे में परेशान हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर या किसी पेशेवर आहार विशेषज्ञ से अपनी डाईट में विटामिन-ई को बढ़ाने के बारे में बात कर सकते हैं।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
ये थे विटामिन ई युक्त कुछ खाद्य पदार्थ। अब जानते हैं कि शरीर में अगर विटामिन ई (vitamin e) की कमी हो, तो कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं-
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
विटामिन ई की कमी से पाचन तंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में दस्त, बुखार और वजन घटना शामिल है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis)
विटामिन ई की कमी से फेफड़ों की होने वाली एक बीमारी सिस्टिक फाइब्रोसिस है। यह वंशानुगत है और अगर परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो उसी परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को भी यह हो सकती है। इसमें विटामिन (ए, ई, के और डी) के सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं।
और पढ़ें : ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट क्या है?