याददाश्त में कमी- कुछ रिसर्च के अनुसार हरी मटर के सेवन से ब्रेन संबंधित परेशानियों से बचा जा सकता है और याददाश्त भी बेहतर हो सकती है। इसलिए बच्चे, बड़े और बुजुर्गों को इसका सेवन करना चाहिए।
अनियमित ब्लड शुगर लेवल- मटर में मौजूद कैल्शियम, मैग्नेशियम और पोटैशियम ब्लड शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने में लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से डायबिटीज कंट्रोल रहने के साथ-साथ ह्रदय संबंधित बीमारियों से बचना जा सकता है।
एनर्जी- इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में भी सहायक होती है और आप एनर्जेटिक महसूस करते हैं।
इन बीमारियों के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानियों से भी बचने में मददगार है मटर। हालांकि इसके ज्यादा सेवन से पेट फूलने जैसी अन्य परेशानी हो सकती है। इसलिए इसके अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए।
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3. हरी सब्जियों के फायदे के लिए खाएं शिमला मिर्च (Capsicum)-
शिमला मिर्च लाल और हरी दो तरह की होती हैं। हरी शिमला मिर्च की तुलना लाल शिमला मिर्च ज्यादा फायदेमंद होती है। शिमला मिर्च में विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-इ, विटामिन-बी 6, फाइबर और फोलेट होता है। ये सभी शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। शिमला मिर्च स्वाद में थोड़ी मीठी होती है। यह मिठास शिमला मिर्च में प्राकृतिक रूप से मौजूद होती है। लाल शिमला मिर्च की तुलना में हरी शिमला मिर्च कम मीठी होता है। इसके सेवन से निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों से बचा जा सकता है। जैसे-
हृदय से संबंधित बीमारियां- शिमला मिर्च के सेवन से हार्ट से संबंधित परेशानी और ब्लड वेसल्स की समस्या से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या नहीं होती है। कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रहता है।
जोड़ों की समस्या- अगर आप ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटाइड आर्थराइटिस या फाइब्रोमायल्गिया की समस्या से परेशान हैं, तो हरी सब्जियों में शामिल शिमला मिर्च आपकी इस परेशानी को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। अगर इसका सेवन ठीक तरह से किया जाए इन परेशानियों से बचा भी जा सकता है।
दर्द से मिलता है छुटकारा- रिसर्च के अनुसार शिमला मिर्च में मौजूद एक खास तरह का तत्व होता है, जिसे कैप्सेसिन कहा जाता है। यह स्किन में होने वाले दर्द में भी राहत दिलाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार शिमला मिर्च को पीस कर दर्द वाले जगहों पर लगाने से आराम मिलता है। इसके साथ ही यह हेलिकोबैक्टर पिलोरी से भी बचाता है। हेलिकोबैक्टर पिलोरी गैस्ट्रोइंटेस्टिनल से संबंधित बीमारी है।
इन बीमारियों के साथ-साथ हरी सब्जियों में शामिल शिमला मिर्च निम्नलिखित बीमारियों से भी लड़ने में सहायक है। इन बीमारियों में शामिल है-
शिमला मिर्च के सेवन से इन बीमारियों से बचा जा सकता है लेकिन, इसके अत्यधिक सेवन से जलन, खुजली, लालिमा या सूजन जैसी परेशानी हो सकती है। हरी सब्जियों के फायदे होते हैं लेकिन, अगर शिमला मिर्च के से सेवन कोई परेशानी महसूस हो तो इसका सेवन न करें। हरी सब्जियों के फायदे तभी ठीक तरह से होंगे अगर इसका ठीक तरह से सेवन किया जाएगा।
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4. लौकी में मिलेंगे सभी हरी सब्जियों के फायदे (Bottle Gourd)-
लौकी में पानी की मात्रा ज्यादा होती है और इसके साथ ही इसमें विटामिन-सी, राइबोफ्लेविन, जिंक, थायमिन, आयरन, मैग्नीज, मैग्नेशियम और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। सब्जियों में शामिल लौकी का सेवन बेहद लाभकारी माना जाता है। लौकी की सब्जी का सेवन किया जा सकता है और इसके जूस का सेवन भी लाभकारी माना जाता है। हालांकि लौकी के जूस के सेवन से पहले इसके बारे में समझें।
कौन-कौन सी बीमारी से आपकी रक्षा करती है लौकी?
इसके नियमित और संतुलित मात्रा में सेवन से निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों से बचा जा सकता है। जैसे –
दिल की बीमारी- कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से दिल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं हरी सब्जियों में शामिल लौकी में जीरो कोलेस्ट्रॉल होता है और साथ ही साथ यह एंटीऑक्सिडेंट भी है। जिससे यह शरीर में बैड कोलेस्टॉल को बढ़ने से रोकती है। इसलिए दिल की बीमारी से बचने के लिए इसका सेवन करना लाभदायक माना जाता है। हरी सब्जियों के फायदे हों इसलिए नियमित रूप से लौकी का सेवन करना चाहिए।
ब्लड फ्यूरिफाइयर– लौकी ब्लड फ्यूरिफाइयर का भी काम करती है। लौकी को उबालकर सेवन करने से खून साफ होता है और मुहांसों और फुंसियों की शिकायत भी कम हो जाती है। त्वचा संबंधी परेशानी से बचा जा सकता है।
यूरिन इंफेक्शन– शरीर में सोडियम के लेवल बढ़ने से यूरिन इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है, जिससे यूरिन के दौरान जलन जैसी समस्या शुरू हो जाती है। यूरिन इंफेक्शन को दूर करने में इसका रस काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
ग्लूकोज लेवल रहता है ठीक- लौकी में प्राकृतिक रूप से शुगर होता है, जो कि शरीर को जरूरी ग्लूकोज का स्तर प्रदान करता है। इस वजह से यह पोस्ट वर्कआउट ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सही विकल्प माना जाता है। इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो कि मसल्स की कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं और इससे मसल्स स्ट्रॉन्ग होती हैं।
डिप्रेशन- लौकी में कोलीन (choline) की मौजूदगी होती है। दरअसल कोलीन एक तरह का न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो कि दिमाग की कार्य क्षमता को सुधारता है और स्ट्रेस, डिप्रेशन और अन्य मानसिक परेशानियों से राहत दिलाने का भी काम करता है।
इन शारीरिक परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ लौकी खाने से कई अन्य शारीरिक परेशानियों से बचा जा सकता है।
लौकी के फायदे तो हैं लेकिन, इसके सेवन से नुकसान भी हो सकता है। आहार विशेषज्ञों की माने तो शुरुआत में लौकी के जूस के सेवन से कब्ज और पेट खराब होने की समस्या हो सकती है, खाली पेट में इसके जूस के सेवन से गैस और जी मिचलाने जैसी समस्या हो सकती है। वहीं गर्भवती महिलाएं इसके जूस का सेवन कभी न करें क्योकि इससे गर्भपात होने का खतरा बढ़ सकता है।
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5. हरी सब्जियों के फायदे के लिए डायट में शामिल करें ये सब्जी “ब्रोकली’
ब्रोकली में विटामिन-बी 1, बी 2, बी 3, बी 6, खनिज, मैग्नेशियम, आयरन, पोटैशियम, जिंक, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे लोग जो शरीर का फैट कमकर लीन मसल्स बढ़ाना चाहते हैं उन्हें अपने डायट में ब्रोकली जरूर शामिल करना चाहिए। यह निम्नलिखित बीमारी या शारीरिक परेशानी में सेहत का ख्याल रखती है।
स्किन प्रॉब्लम्स– दरअसल ब्रोकली में विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है, जो कि शरीर में कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है। कोलेजन बॉडी सेल्स, शारीरिक अंगों और त्वचा के लिए मुख्य सपोर्ट सिस्टम के रूप में कार्य करता है। विटामिन-सी एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट भी होता है, जो त्वचा के क्षतिग्रस्त होने या उम्र बढ़ने की वजह से आने वाली झुर्रियों से बचाने में भी सहायता प्रदान करता है।
फ्लू- ब्रोकली में मौजूद विटामिन-सी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी सहायक है। जिससे सामान्य फ्लू या अन्य इंफेक्शन से बचाव होता है। इसलिए सर्दी-जुकाम जैसी परेशानियों से बचने के लिए ब्रोकली का सेवन करना चाहिए।
हड्डियां होती हैं स्ट्रॉन्ग- हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन के की आवश्यकता होती है और यह दोनों ही ब्रोकली में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। कई अध्ययनों यह साबित किया है कि ब्रोकोली में मौजूद विटामिन-के और कैल्शियम मजबूत और स्वस्थ हड्डियों के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं। इसलिए ब्रोकोली का सेवन हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे कई जटिल रोगों से बचा सकता है। कैल्शियम के साथ ही ब्रोकली (हरी गोभी) में मैग्नीशियम, जिंक और फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है