डायबिटीक लोगों की ओरल हेल्थ कैसी होती है?
अक्सर आपने सुना होगा कि डायबिटीज के मरीजों को मुंह से संबंधित परेशानियां होती रहती है, क्योंकि डायबिटीज और ओरल हेल्थ के बीच का लिंक हाई ब्लड शुगर से है। अगर ब्लड शुगर को ठीक तरीके से नियंत्रित नहीं किया जाए, तो मुंह की समस्याएं होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अनियंत्रित डायबिटीज शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को कमजोर कर देता है, जो मुंह में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन के खिलाफ लड़ता है। डायबिटीज से मुंह की समस्या इसलिए होती है क्योंकि हाई ब्लड शुगर आगे चलकर मुंह के अंदर के होने वाले फंक्शन को कमजोर करने लगता है।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने से मधुमेह से दूसरों अंगों पर होने वाले खतरों को कम किया जा सकता है, जैसे – आंख, हृदय और नर्व डैमेज। इसके अलावा मधुमेह को कंट्रोल करने से मुंह की समस्याओं से भी बचा जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करके आप इसके कारण होने वाली दूसरी समस्याओं से भी बच सकते हैं।
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डायबिटीज से मुंह की समस्या क्या होती है?
मधुमेह से ग्रसित लोगों के ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक होती है। जिसके कारण दर्द, संक्रमण, मुंह में घाव, मुंह से खून आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। डायबिटीज से मुंह की समस्या में मुंह के निम्न भाग प्रभावित हो सकते हैं:
- दांत
- मसूड़े
- जबड़े
- जीभ
- तालू या मुंह के अंदर की तरफ से ऊपर का हिस्सा
- मुंह के अंदर से गाल प्रभावित हो सकते हैं
हमारे ब्लड के साथ-साथ मुंह में बनने वाली लार में भी ग्लूकोज मौजूद होता है। जब किसी का डायबिटीज अनियंत्रित हो जाता है, तो मुंह में बनने वाली लार में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ये बैक्टीरिया खाए जाने वाले भोजन के साथ हमारे दांतों और जीभ पर चिपक जाते हैं, जिसे प्लाक कहते हैं। प्लाक हमारे दांतों में सड़न पैदा कर के कैविटी बनाता है। इसके साथ ही कुछ अन्य प्रकार के प्लाक मसूड़ों से संबंधित बीमारियां और मुंह से बदबू आने का कारण बनते हैं।
ड्राई माउथ (Dry Mouth)
कुछ मामलों में देखा गया है कि अनियंत्रित शुगर में लार (थूक) बनना कम हो सकता है, जिस ‘