ऐसी कई समस्याएं हैं जो डायबिटीज के कारण या उससे जुड़ी हुई होती हैं। इसी में डायबिटीज इन्सिपिडस और डायबिटीज मेलेटस भी शामिल है। कई सारे लोग इनके बीच में सही अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते हैं। वैसे तो डायबिटीज इन्सिपिडस और डायबिटीज मेलेटस का पहला नाम और उनके कुछ लक्षण एक समान होते हैं लेकिन इसके अलावा ये एक दूसरे से भिन्न होते हैं। ये दोनों बीमारियां एक दूसरे से संबंधित नहीं हैं।
डायबिटीज इन्सिपिडस और डायबिटीज मेलेटस होने के अलग-अलग कारण हैं और दोनों का उपचार अलग तरह से किया जाता हैं। डायबिटीज मेलेटस को आमतौर पर मधुमेह के रूप में अधिक जाना जाता है। यह एक तरह का क्रॉनिक कंडिशन है जो हाई ब्लड शुगर से उत्पन्न होता है। जो तब होती है, जब आपका अग्न्याशय आपके रक्त में ग्लूकोज या चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। लेकिन डायबिटीज इन्सिपिडस एक रेयर कंडिशन है जिसका पैंक्रियाज या ब्लड शुगर से कोई लेना-देना ही नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब आपके किडनी में बहुत अधिक मात्रा में पेशाब का उत्पादन होता है। यह हार्मोनल असामान्यता के कारण होता है, इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनों के लक्षण, कारण, इलाज में अंतर स्पष्ट करेंगें।
डायबिटीज इन्सिपिडस और डायबिटीज मेलेटस में अंतर
डायबिटीज इन्सिपिडस और डायबिटीज मेलेटस में सामान्य रूप से कई अंतर देखने को मिलते हैं। आइए इन दोनों में सही अंतर और इलाज को समझें।
डायबिटीज इन्सिपिडस क्या है?
डायबिटीज इन्सिपिडस होने के कई कारण हो सकते हैं, आमतौर यह तब होता है जब आपको एंटी ड्यूरेटिक हॉर्मोन (ADH) से संबंधित समस्याएं होती हैं। ये बीमारी आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करती है। डायबिटीज इन्सिपिडस वाले कुछ व्यक्तियों को अधिक पेशाब होता है। इस अवस्था में डायबिटीज मेलेटस की तरह बल्ड शुगर के लेवल में कोई वृद्धि नहीं होती है। जैसी कि आपको बताया जा चुका है इसका सफल इलाज करने के लिए परीक्षण से होकर गुजरना पड़ता है। यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाता है, तो यह स्थिति आपके किडनी को नुकसान पहुंचाने और क्रोनिक किडनी की बीमारी का कारण बन सकती है। इसके लक्षणों में अधिक पेशाब होने के कारण बार-बार प्यास महसूस होती है। जो सही मात्रा में पानी नहीं पीते हैं उन्हें डिहाईड्रेशन होने का खतरा होता है। यह चार प्रकार का होता है:
- सेंट्रल डायबिटीज इन्सिपिडस (Central Diabetes Insipidus)
- नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस (Nephrogenic Diabetes Insipidus)
- डिप्सोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस (Dipsogenic Diabetes Insipidus)
- जेस्टेशनल डायबिटीज इन्सिपिडस (Gestational Diabetes Insipidus)
डायबिटीज मेलेटस क्या है?
यह हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। हमारा शरीर भोजन को ग्लूकोज में तोड़ता है जो नियमित मेटाबॉलिज्म की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सेल्स को फ्यूल देता है। डायबिटीज मेलिटस होने पर अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। शरीर की कोशिकाओं में इंसुलिन को ठीक से संचारित करने की क्षमता कम होती जाती है तो यह हाई ब्लड शुगर लेवल की ओर जाता है जिसमें हार्ट फेल, दृष्टि हानि जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। डायबिटीज मेलेटस दो प्रकार का होता है।