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Lactic acidosis and Diabetes: लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज के कनेक्शन के बारे जानें यहां?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/05/2022

    Lactic acidosis and Diabetes: लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज के कनेक्शन के बारे जानें यहां?

    लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis), उस लैक्टिक एसिड को कहा जाता है, जो हमारे ब्लड स्ट्रीम में बनता है। लैक्टिक एसिड का उत्पादन तब होता है, जब शरीर के उन क्षेत्रों की कोशिकाओं में ऑक्सिजन का स्तर कम हो जाता है जहां मेटाबोलिज्म होता है। अगर बात की जाए डायबिटीज की, तो डायबिटीज यानी मधुमेह वो रोग है, इसके कारण हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। दरअसल हमारा शरीर इस कंडिशन में ग्लूकोज का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। आज हम बात करने वाले हैं लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के बारे में। लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज के बीच के लिंक के बारे में जानने से पहले लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) दोनों के बारे में थोड़ी जानकारी पा लेते हैं।

    डायबिटीज (Diabetes) क्या है?

    मधुमेह को डायबिटीज के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मेटाबोलिक डिजीज है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। हमारे शरीर में एक हॉर्मोन यानी इंसुलिन ब्लड से ग्लूकोज को सेल्स में स्टोर करता है या ऊर्जा के लिए उपयोग करने के लिए मूव करता है। लेकिन, डायबिटीज की स्थिति में हमारा शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन बना नहीं पाता है या बनायी गई इंसुलिन का प्रभावी रूप से इस्तेमाल नहीं कर पाता। डायबिटीज का सही उपचार न होने से यह कई कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकती है।

    डायबिटीज के कई प्रकार हैं जैसे प्रीडायबिटीज (Prediabetes), टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)। इसके लक्षणों में बार-बार प्यास और भूख लगना, लगातार मूत्र त्याग, वजन कम होना, अत्यधिक थकावट, नजरों का धुंधला होना आदि। लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के बीच के लिंक के बारे में जानने से पहले लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) क्या है, जानिए।

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    लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) किसे कहा जाता है?

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) की समस्या तब होती है, जब हमारा शरीर बहुत अधिक लैक्टिक एसिड प्रोड्यूज करता है, जिसे जल्दी से मेटाबलाइज नहीं किया जा सकता। इस स्थिति को मेडिकल एमरजेंसी माना जाता है। लैक्टिक एसिडोसिस की शुरुआत रैपिड हो सकती है। लैक्टिक एसिडोसिस का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका यह पता लगाना है कि इसके कारण क्या हैं। इस समस्या का उपचार न कराना घातक हो सकता है। आमतौर पर, लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) के लक्षण अपने आप में अलग नहीं होते हैं, लेकिन यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं।

    इसके कुछ लक्षणों को तुरंत मेडिकल एमरजेंसी की जरूरत हो सकती है, जैसे:

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    इसके अलावा इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    इस समस्या के लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। अब जानते हैं लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के बारे में।

    लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज, Lactic acidosis and Diabetes

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    लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes): इन दोनों के बीच में क्या है लिंक जानिए?

    ओरल डायबिटीज मेडिकेशन्स की स्पेशल क्लास जिसे बायगूनाइड्स (Biguanides)  कहा जाता है, लैक्टेट लेवल के बिल्डअप के कारण बन सकती है। मेटफोर्मिन इस क्लास की एक ड्रग है, जिसका इस्तेमाल डायबिटीज और अन्य कई स्थितियों के उपचार में किया जाता है। इसका इस्तेमाल पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome) के उपचार में किया जाता है जो एक हॉर्मोनल कंडिशन है। लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) की समस्या टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित लोगों में हो सकती है खासतौर पर अगर डायबिटीज को सही तरीके से कंट्रोल न किया जाए।

    स्टडीज ऐसा भी बताती हैं कि मेटफोर्मिन लेने वाले लोगों में लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) की संभावना अधिक होती है, जो टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली सामान्य दवा है। हालांकि, इसकी संभावना कम है लेकिन ऐसा होना संभव है। लैक्टिक एसिडोसिस की संभावना उन डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अधिक होती है, जिन्हें अन्य समस्याएं भी होती हैं, जैसे कि हार्ट फेलियर और किडनी डिजीज आदि। मेटफोर्मिन को उसके लैक्टिक एसिडोसिस के संभावित कारण के रूप में निर्धारित किया गया है। हालांकि असामान्य, मधुमेह रोगियों में लैक्टिक एसिडोसिस घातक हो सकता है। यह तो थी जानकारी लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के बारे में। अब जानते हैं कि लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) से बचाव कैसे संभव है?

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    लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) से बचाव कैसे संभव है?

    डायबिटीज, एचआईवी, हार्ट फेलियर, लिवर डिजीज या किडनी प्रॉब्लम्स लैक्टिक एसिडोसिस के कुछ कारण हैं। लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) से बचाव के लिए इसके कारणों को मैनेज करना बेहद जरूरी है। ऐसे में, इन समस्याओं को मैनेज करने के लिए डॉक्टर से बात करें और इन्हें मैनेज करने के लिए सही दवाइयों व अन्य चीजों का ध्यान रखें। डायबिटीज या एचआईवी दवाओं के प्रतिकूल प्रतिक्रिया का अनुभव करने वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने डॉक्टर को बताना चाहिए।

    जब आप सही न महसूस कर रहे हों तो हाइड्रेटेड रहें, रेस्ट और वर्कआउट को बैलेंस करें और किसी अधिक मेहनत गतिविधि से बचें। इससे एक्सरसाइज-इंड्यूज लैक्टिक एसिडोसिस (Exercise-induced lactic acidosis) से बचा जा सकता है। इसके साथ एल्कोहॉल का सेवन करने से भी बचें। एल्कोहॉल का सेवन करने से इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है। उम्मीद है कि लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के लिंक के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अब जानते हैं कि डायबिटीज को कैसे मैनेज किया जा सकता है?

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    डायबिटीज (Diabetes) को कैसे कंट्रोल करें?

    जैसा कि पहले ही बताया गया कि डायबिटीज कई कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकती है। ऐसे में इनसे बचने के लिए आपको कई चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें डायबिटीज को कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में:

  • सही और हेल्दी आहार का सेवन करें। आपको डायबिटीज में कैसे आहार का सेवन करना चाहिए इसके बारे में अपने डॉक्टर या डायटीशियन से बात करें।
  • नियमित व्यायाम करें। व्यायाम करने से डायबिटीज का जोखिम कम रहता है। दिन में कम से कम तीस मिनट व्यायाम के लिए अवश्य निकालें।
  • तनाव से बचें। तनाव कई समस्याओं का कारण है जिनमें डायबिटीज भी एक है। इसके लिए मेडिटेशन या योग का सहारा लिया जा सकता है।
  • अपने वजन को सही बनाए रखें। इसके लिए सही खाएं और व्यायाम करें। अगर आपको इससे लाभ न हो रहा हो. तो डॉक्टर की मदद लें।
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    लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटीज (Lactic acidosis and Diabetes) के कनेक्शन के बारे में आप जान गए होंगे। ऐसा पाया गया है कि  कुछ मामलों में, मेटफोर्मिन ब्लड में लैक्टिक एसिड का निर्माण कर सकती है, जिसे लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis) कहा जाता है। मेटफोर्मिन डायबिटीज के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली सामान्य दवा है। ऐसे में अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से जानना न भूलें। इसके साथ ही अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और नियमित अपने ब्लड ग्लूकोज लेवल को चेक करें

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