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दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध: एचआईवी के कारण बढ़ जाता है दिल की बीमारियों का खतरा!
हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) और एचआईवी में संबंध के बारे में तो आपको पता ही चल गया होगा। हाय बीपी की समस्या के कारण दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अभी हमने आपको हाय बीपी और एचआईवी में संबंध में बताया लेकिन एचआईवी पेशेंट को हार्ट की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बारे में सीधी तौर पर कहना सही नहीं होगा लेकिन इस संबंध में कई रिसर्च के बाद यह बातें सामने निकल कर आई है।
- एचआईवी आपके इम्यून सिस्टम को हर समय सक्रिय रखता है। इस कारण से आपकी ब्लड वैसल्स में सूजन आ जाती है और साथ ही वो सख्त हो सकती है।
- एचआईवी या इसका इलाज करने वाली दवाएं आपके पेट के बैक्टीरिया या गट बैक्टीरिया में बदलाव ला सकती हैं, जिससे आपके ब्लड वैसल्स में सूजन आ जाती है।
- एचआईवी किडनी की समस्याओं के लिए आपके जोखिम को बढ़ाता है, जो कि हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से लिंक है।
- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (Antiretroviral therapy) मेडिसिंस, जो आमतौर पर एचआईवी के ट्रीटमेंट (HIV treatment) में इस्तेमाल होती है, सूजन या इंफ्लामेशन का कारण बन सकती हैं। दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध का पता इससे चलता है।
- एचआईवी वाले लोगों में हाय कोलेस्ट्रॉल कुछ हॉर्मोन से जुड़ा हो सकता है, जो फैट प्रोसेस के साथ ही ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है।
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एचआईवी पेशेंट्स में हाय बीपी का इलाज कैसे करते हैं?
क्या एचआईवी के पेशेंट में हाय बीपी को कंट्रोल करने के लिए अलग मेडिसिंस की जरूरत पड़ती है। अगर आपके मन में यह सवाल है, तो इसका जवाब है ‘हां’। ऐसा हो सकता है कुछ पेशेंट को अलग दवा दी जाए। साइंटिस्ट अभी भी इसके बारे में स्टडी कर रहे हैं कि किस तरह से एचआईवी पेशेंट को हाय बीपी कंट्रोल करने के लिए अलग दवाई दी जाए। कुछ दवाएं जैसे कि स्टेटिंस एचआईवी मेडिकेशन में प्रभाव डाल सकती है। डॉक्टर दवा देते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि एचआईवी मेडिकेशन या फिर एचआईवी के दौरान दी जाने वाली दवाओं में किसी प्रकार का बुरा प्रभाव न पड़े।
अगर आपको दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी चाहिए, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। एड्स की बीमारी के दौरान कई सावधानियां रखी जाती है। ऐसे में अगर कोई दूसरी बीमारी हो जाए, तो अधिक सावधानी की जरूरत पड़ जाती है। आपको डॉक्टर से पूछना चाहिए कि आपको किन बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध के बारे में डॉक्टर से जरूर पूछें।