क्या एचआईवी के पेशेंट में हाय बीपी को कंट्रोल करने के लिए अलग मेडिसिंस की जरूरत पड़ती है। अगर आपके मन में यह सवाल है, तो इसका जवाब है ‘हां’। ऐसा हो सकता है कुछ पेशेंट को अलग दवा दी जाए। साइंटिस्ट अभी भी इसके बारे में स्टडी कर रहे हैं कि किस तरह से एचआईवी पेशेंट को हाय बीपी कंट्रोल करने के लिए अलग दवाई दी जाए। कुछ दवाएं जैसे कि स्टेटिंस एचआईवी मेडिकेशन में प्रभाव डाल सकती है। डॉक्टर दवा देते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि एचआईवी मेडिकेशन या फिर एचआईवी के दौरान दी जाने वाली दवाओं में किसी प्रकार का बुरा प्रभाव न पड़े।
अगर आपको दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी चाहिए, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। एड्स की बीमारी के दौरान कई सावधानियां रखी जाती है। ऐसे में अगर कोई दूसरी बीमारी हो जाए, तो अधिक सावधानी की जरूरत पड़ जाती है। आपको डॉक्टर से पूछना चाहिए कि आपको किन बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। दिल की बीमारी और एचआईवी में संबंध के बारे में डॉक्टर से जरूर पूछें।
हाय ब्लड प्रेशर की हो गई समस्या, तो इन बातों का रखें ख्याल!
हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या को कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
- आपको अपने खाने में नमक की मात्रा को सीमित करना चाहिए।
- आपको रोजाना एक्साइज करना चाहिए, जिससे कि हाय बीपी की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ ही हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाए।
- अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो छोड़ दें क्योंकि स्मोकिंग के कारण हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- साथ ही जो लोग ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल लेते हैं, उनमें भी हाय बीपी की समस्या हो सकती है, बेहतर होगा एल्कोहॉल न लें।
- अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं, तो बीपी बढ़ सकता है। आप मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।
- अधिक वेट के लिए डॉक्टर से जानकारी लें कि आपको डायट में क्या शामिल करना चाहिए।