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हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स के बारे में जानें यहां!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/12/2021

    हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स के बारे में जानें यहां!

    हार्ट की बीमारी होने पर  खास ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। अगर आप घर का बना खाना खा रहे हैं, तो आपको पता है कि खाने में क्या डालना है और क्या नहीं। जब आप बाहर से पैक्ड फूड्स खरीदते हैं, तो आपको पैकेट में कम शुगर या कम नमक लेबल को देखकर सामान खरीदना पड़ता है। पैक्ड फूड्स (Packed foods) में कम शुगर या फिर कम सोडियम देखकर कई सारे लोग ऐसे पैकेट खरीदते हैं लेकिन कई बार यह गलत भी हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि आप क्लेम करें अगर किसी कारण से पैकेट में लिखी बातें ठीक नहीं है, तो ये आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का कारण भी बन सकती है। हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients) के बारे में जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर आप इसका फायदा उठा सकें। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही उससे संबंधित बातें भी बताएंगे।

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    हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients)

    हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स

    हार्ट डिजीज (Heart disease) से मतलब हृदय संबंधी बीमारियों से है। हार्ट कंडीशन कई प्रकार की होती हैं। हृदय की बीमारियों में सबसे कॉमन बीमारी कोरोनरी आर्टरी डिजीज को माना जाता है।कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण हार्ट में ब्लड फ्लो प्रॉपर ढंग से नहीं हो पाता है। ब्लड कम मात्रा में फ्लो होने से हार्ट अटैक के चांसेस बढ़ जाते हैं। हम जो भी खाते हैं, उसका हार्ट हेल्थ पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हार्ट के मरीज जो भी खाना खाते है, उन्हें उस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि उसमें शक्कर, नमक या अन्य इनग्रिडिएंट्स कितनी मात्रा में है। अगर बाहर से पैक्ड फूड्स खरीद रहे हैं, तो लेबल में दी गई जानकारी बहुत मायने रखती है। ऐसे में अगर कोई गलती हो जाए, तो यह हार्ट पेशेंट्स  के लिए खतरनाक बात हो सकती है।हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स से जुड़ी जानकारी।

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    क्लेम्स की तीन कैटेगरी है, जो एफडीए रेगुलेशन के द्वारा बताई गई हैं। इन्हें फूड और डायटरी सप्लिमेंट्स लेबल पर इस्तेमाल किया जाता है।

    • हेल्थ क्लेम्स (health claims)
    • न्यूट्रिएंट कंटेट क्लेम (nutrient content claims)
    • स्ट्रक्चर/फंक्शन क्लेम (structure/function claims)

    हेल्थ क्लेम की डेफिनीशन के दो असेंशियल कम्पोनेंट है। एक सब्सटेंस (चाहे एक भोजन, फूड कंपोनेट, या डायटरी इंग्रीडिएंट) और हेल्थ रिलेटेड कंडीशन।

    1. कैलोरी फ्री

    5 कैलोरी से कम

    2. फैट-फ्री या शुगर-फ्री

    ½ ग्राम से कम फैट या चीनी

    3. ग्लूटेन फ्री, नो ग्लूटेन, ग्लूटेन फ्री या विटआउट

    प्रति मिलियन ग्लूटेन के 20 पार्ट्स से कम

    4. गुड सोर्स

    पर्टिकुलर विटामिन या न्यूट्रीएंट्स का कम से कम 10%

    5. हेल्दी

    • लो फैट
    • कम सैचुरेटेड फैट
    • 480 मिलीग्राम से कम सोडियम
    • 95 मिलीग्राम से कम कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)
    • विटामिन ए (Vitamin A), सी और डी की डेली वैल्यू से कम से कम 10 प्रतिशत; आयरन; प्रोटीन; कैल्शियम; फाइबर; या पोटैशियम

    6. हाय फाइबर

    5 या अधिक ग्राम फाइबर

    7. हाय इन

    स्पेसिफाइड न्यूट्रिएंट्स की डेली वैल्यू का 20% या अधिक

    8. लाइट (Light or lite)

    सामान्य भोजन से एक तिहाई कम कैलोरी

    सामान्य भोजन का आधा फैट

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    9. कम कैलोरी

    40 कैलोरी से कम

    10. कम कोलेस्ट्रॉल

    20 मिलीग्राम से कम कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)

    2 ग्राम या उससे कम सैचुरेटेड फैट (Saturated fat)

    11. सोडियम फ्री या सॉल्ट फ्री

    5 मिलीग्राम से कम सोडियम और सोडियम क्लोराइड या सोडियम युक्त कोई घटक नहीं है। बहुत कम सोडियम से मतलब होता है 35 मिलीग्राम या उससे कम सोडियम। लो सोडियम से मतलब 140 मिलीग्राम या उससे कम सोडियम है। कम सोडियम से मतलब नियमित उत्पाद की तुलना में कम से कम 25% कम सोडियम। नियमित उत्पाद की तुलना में कम से कम 50% कम सोडियम होता है। हल्का नमकीन से मतलब सामान्य रूप से जोड़े जाने से 50% से कम सोडियम।

    12. नैचुरल

    कोई भी आर्टिफिशियल या सिंथेटिक इंग्रीडिएंट्स नहीं (includes color additives)

    13. ऑर्गेनिक

    सिंथेटिक और एडेड इंग्रीडिएंट्स के बिना सामग्री का उत्पादन किया जाता है, प्रदूषण को कम करने के लिए खेती की जाती है,

    कम से कम 95% इंग्रीडिएंट्स ऑर्गेनिक

    लेबल में यूएसडीए ऑर्गेनिक सील या ऑर्गेनिक क्लेम शामिल हो सकता है

    14. रिड्यूस

    सामान्य उत्पाद की तुलना में स्पेसिफाइड कैलोरी के 25% से कम

    अगली बार जब आप फूड्स खरीदें, तो खाद्य और पेय पैकेजों के क्लेम पर ध्यान दें। सही अर्थ को समझने से आपकी हेल्थ को फायदा पहुंचेगा।

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    हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स के साथ ही जान लीजिए इन शब्दों का मतलब!

    जब आप बाहर से पैकेट वाले फूड बाहर से खरीदते हैं, तो उसमें लेबल में कुछ जानकारियां दी होती हैं। लेबल में दी गई जानकारियां सबके लिए समझना वाकई में मुश्किल होता है। कुछ शब्द जैसे कि “फ्री’, रिड्यूस’, “फोर्टिफाइड,’ “लेस’ आदि बातों का क्या मतलब होता है, इनके बारे में जानकारी जरूरी है। यहां पर हम आपको कुछ शब्दों के मतलब बता रहे हैं, जिसकी सहायता से आप लेबल में दी गई जानकारी को समझ पाएंगे।

    • “फ्री’ का अर्थ है कि भोजन में स्पेसिफाइड न्यूट्रिएंट्स (Specified nutrient) की बहुत कम मात्रा संभव है।
    • “वैरी लो’ और “लो’ का अर्थ है कि फूड में “फ्री’ लेबल वाले खाद्य पदार्थों के मुकाबले में थोड़ा ज्यादा है।
    • “रिड्यूस’ या “लेस’ का अर्थ है कि फूड में रेगुलर प्रोडक्ट की तुलना में स्पेसिफाइड न्यूट्रिएंट्स का 25% कम है।
    • “अधिक,’ “फोर्टिफाइड,’ “इनरिच्ड,’ “एडेड’ “एक्स्ट्रा,’ या “प्लस’ का अर्थ है कि फूड में रेगुलर प्रोडक्ट की तुलना में डेली वैल्यू (डीवी) का 10% या ज्यादा है।
    • केवल विटामिन, मिनिरल्स, प्रोटीन, फूड फाइबर और पोटैशियम (Potassium) के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

    हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients) के बारे में अगर आप अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आपको एक्सपर्ट से जानकारी लेनी चाहिए। हार्ट पेशेंट्स बेहतर होगा अगर घर का बना खाना खाएं। अगर किसी कारण से बाहर का खाना ही पड़े, तो लेबल में दी गई जानकारियों के हिसाब से आप फूड्स का चयन कर सकते हैं। हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients) के माध्यम से फूड्स में उपस्थित न्यूट्रिएंट्स के बारे में जानकारी मिलती है।

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    इस आर्टिकल में हमने आपको हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स (Food packaging claims for heart patients) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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