स्ट्रेसफुल इमोशंस जैसे एंग्जायटी, गुस्सा और डर के कारण किसी भी व्यक्ति का हार्ट रेट बढ़ सकता है। जब हमारा शरीर स्ट्रेस का अनुभव करता है, तो एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) एपिनेफ्रीन (Epinephrine) और एड्रेनालाईन (Adrenaline) हॉर्मोन्स को रिलीज करता है। हमारे शरीर में दो एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) होते हैं। हमारा शरीर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हॉर्मोन्स का प्रयोग व्यक्ति को तुरंत एक्शन के लिए तैयार करने के लिए प्रयोग करता है। एड्रेनालाईन (Adrenaline) में इन समस्याओं की वजह बन सकता है:
- हार्ट रेट में बढ़ोतरी (Increased heart rate)
- ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी (Increased blood pressure)
- पैल्पिटेशन (Palpitations)
- पसीना आना (Sweating)
- एंग्जायटी (Anxiety)
आमतौर पर जब व्यक्ति को स्ट्रेस का अनुभव नहीं होता है तो वो इन लक्षणों में कमी महसूस कर सकता है। उम्मीद है कि हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) के बारे में आप जान गए होंगे। आमतौर पर यह समस्या गंभीर नहीं होती। लेकिन, इसकी सही समय पर जांच और उपचार जरूरी हैं। आइए जानते हैं किस तरह से संभव है इनका उपचार?
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रेपिड हार्टबीट का उपचार (Treatment of Rapid Heartbeat)
हार्टबीट के बढ़ने की समस्या के उपचार का उद्देश्य फास्ट हार्टबीट रेट को कम करना, फ्यूचर एपिसोड्स से बचना, कॉम्प्लीकेशन्स को कम करना और उन अंडरलायिंग डिजीज का उपचार करना शामिल है जिनकी वजह से यह समस्या हो रही है। जानिए कैसे होता है इस समस्या का उपचार:
फास्ट हार्ट रेट को कम करना (Slowing fast heart rate)
आमतौर पर फास्ट हार्ट रेट की समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। प्रभावित व्यक्ति सिम्पल फिजिकल मूवमेंट से हार्ट रेट को स्लो कर सकता है। हालांकि, कुछ दवाईयां और अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट्स भी इस समस्या से छुटकारा पाने में मददगार हो सकते हैं, जैसे:
- वेगल मेन्यूवर्स (Vagal maneuvers)
- दवाईयां (Medicines ) जैसे एंटी-एरिथमिक (Anti-arrhythmic) ड्रग्स, ताकि नार्मल हार्ट रेट को रिस्टोर किया जा सके।
- कार्डियोवर्जन (Cardioversion)
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फ्यूचर एपिसोड्स से बचना
फॉस्ट हार्ट रेट के एपिसोड्स से छुटकारा पाने के तरीके इस प्रकार हैं:
- कैथेटर एब्लेशन (Catheter Ablation)
- मेडिकेशन्स (Medications) जैसे एंटी-एरिथमिक (Anti-arrhythmic) , कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) और बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) आदि।
- पेसमेकर (Pacemaker)
- इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर (Implantable cardioverter)
- सर्जरी (Surgery)
इसके साथ ही डॉक्टर रोगी की स्थिति और कारणों के अनुसार इस समस्या की कॉम्प्लीकेशन्स को कम कर सकते हैं और अंडरलायिंग समस्याओं का उपचार करते हैं। यह समस्या होने पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
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उम्मीद है कि हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) के बारे में आप जान गए होंगे। हार्टबीट के बढ़ने को सामान्य समझ कर नजरअंदाज न करें। बल्कि, कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही हेल्दी हैबिट्स को अपनाना भी जरुरी है, ताकि आप हार्ट संबंधी परेशानियों से बच सकें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।