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हार्ट बीट बढ़ने का कारण : इन्हें नजरअंदाज करने की गलती न करें!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/12/2023

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण : इन्हें नजरअंदाज करने की गलती न करें!

    हार्टबीट के बढ़ने की समस्या को टैकिकार्डिया (Tachycardia) भी कहा जाता है। यह वह स्थिति है जिसमें हार्ट बहुत तेजी से धड़कता है। टैकिकार्डिया उस स्थिति को माना जाता है जब वयस्कों में हार्ट रेट 100 बीट्स पर मिनट्स (100 beats per beats) से अधिक होती है। हार्टबीट का बढ़ाना सामान्य भी हो सकता है, यह समस्या किसी डिजीज के कारण भी हो सकती है या इसकी वजह कोई डिसऑर्डर व अन्य हार्मफुल कंडिशंस भी हो सकती है। इसके अलावा भी इसके अन्य कुछ कारण हो सकते हैं। हार्ट बीट बढ़ने का कारण (Fast heartbeat causes) जानना बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण (Fast heartbeat causes) क्या है?

    रेपिड या फास्ट हीस्टबीट की समस्या तब होती है, जब हमारा हार्ट सामान्य से बहुत तेज से धड़कना है। एक सामान्य हार्ट रेट को पर मिनट 60 से 100 के बीच में माना जाता है। लेकिन अगर हार्टबीट 100 से अधिक हो, तो इसे फास्ट हार्ट रेट या टैकिकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है। अगर हम एक्सरसाइज या अन्य तरह की एक्टिविटी करते हैं, तो हमारा हृदय सामान्य से अधिक तेजी से धड़कता है। हार्ट बीट बढ़ने का कारण (Fast heartbeat causes) जानना बेहद जरूरी है। टैकिकार्डिया (Tachycardia) के मामले में कई बार कोई भी लक्षण या जटिलता नजर नहीं आती है। लेकिन, अगर इस समस्या का सही उपचार न कराया जाए तो इसके कारण सामान्य हार्ट फंक्शन डिस्टर्ब हो सकते हैं और इससे गंभीर जटिलताएं भी हो सकती है, जैसे:

    • हार्ट फेलियर (Heart failure)
    • स्ट्रोक (Stroke)
    • अचानक कार्डियक अरेस्ट या मृत्यु (Sudden cardiac arrest or death)

    हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) के साथ ही इसके उपचार के बारे में भी जानना जरूरी है। इसके उपचार में ड्रग्स, मेडिकल्स प्रोसीजर या सर्जरी आदि शामिल है। आइए जानते हैं हार्टबीट बढ़ने के लक्षण क्या हैं।

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    हार्ट बीट बढ़ने का कारण और लक्षण (Reasons of Rapid Heartbeat)

    रेपिड हार्ट बीट के कई लोगों को कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, कई लोग पैल्पिटेशन (Palpitations) का अनुभव कर सकते हैं। इसके साथ ही आप एंग्जायटी या स्ट्रेस जैसी समस्याएं भी महसूस कर सकते हैं। इस समस्या के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • हार्टबीट बढ़ने पर आप छाती में दर्द या माइल्ड डिसकम्फर्ट महसूस कर सकते हैं।
    • अगर आपको एनीमिया है, अधिक थके हुए हैं, कमजोर हैं या आपको कोई सामान्य एक्टिविटीज करने में समस्या हो रही है। तो यह इस समस्या का लक्षण हो सकता है।
    • अगर आपको लंग प्रॉब्लम्स के कारण रेपिड हार्टबीट की समस्या है, तो आप कोई भी काम करते हुए या रेस्ट करते हुए सांस लेने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं
    • अगर आपको हार्ट प्रॉब्लम है तो आपकी टांगे सूज सकती हैं खासतौर पर आपके पैर और एड़ियां। यही नहीं आपको ब्लॉटेड भी फील हो सकता है। अब जानिए, हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) कौन से हैं?

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    हार्ट बीट बढ़ने का कारण और खानपान

    मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार अधिकतर मामलों में हार्टबीट का बढ़ना जोखिम भरा नहीं होता। लेकिन, सामान्य से अधिक हार्टबीट का होना अंडरलायिंग हेल्थ प्रॉब्लम्स (Underlying health problems) का लक्षण हो सकते हैं। हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) इस प्रकार हैं:

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण : कैफीन (Caffeine)

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण कैफीन भी हो सकता है। कैफीन वो स्टीमुलेंट है जो कई ड्रिंक्स में पाया जाता है जैसे कॉफ़ी, चाय, कुछ सोडा या एनर्जी ड्रिंक्स आदि। द फूड & ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (The Food & Drug Administration) के अनुसार एक वयस्क को रोजाना 400 मिलीग्राम्स तक कैफीन ही लेनी चाहिए। यानी, पूरे दिन में चार से पांच कप कॉफी से अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन, इसका अधिक मात्रा में सेवन करना हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) में से एक हो सकता है। अधिक कैफीन का सेवन करने से व्यक्ति इन समस्याओं का अनुभव कर सकता है:

    • इंसोम्निया (Insomnia)
    • एंग्जायटी (Anxiety)
    • हार्ट रेट में बढ़ोतरी (Fast heart rate)
    • पेट का ख़राब होना (Upset stomach)
    • जी मचलना (Nausea)
    • सिरदर्द (Headache)

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    हार्ट बीट बढ़ने का कारण : एल्कोहॉल (Alcohol)

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण एल्कोहॉल भी होता है। एक स्टडी के मुताबिक एल्कोहॉल की कम मात्रा भी एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial fibrillation) की संभावना को बढ़ा सकती है। यह वो कंडिशन है जिसमें व्यक्ति असामान्य हार्टबीट और कई बार हार्टबीट को बढ़ने की समस्या को अनुभव करता है। इस बारे में अगर आपको कोई भी संदेह है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।

    हार्टबीट बढ़ने के अन्य कारण

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण निकोटीन (Nicotine)

    निकोटिन वो हायली अडिक्टिव केमिकल है. जो सिगरेट में पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि निकोटिन भी ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और हार्ट रेट (Heart rate) के बढ़ने का एक कारण हो सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि निकोटिन से व्यक्ति की हार्ट रेट पर मिनट 10 -15 बीट्स बढ़ सकती है।

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    इलीगल स्टीमुलेंट्स (Illegal stimulants)

    हार्ट बीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) में इलीगल स्टीमुलेंट्स भी शामिल हैं। इलीगल स्टीमुलेंट्स जैसे Cocaine (कोकेन) और एम्फ़ैटेमिन (Amphetamine) हाय हार्ट रेट की वजह बन सकती है। डॉक्टर एम्फ़ैटेमिन का प्रयोग कई मेडिकल कंडीशंस जैसे ADHD या नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) के उपचार के लिए करते हैं। हालांकि, एम्फ़ैटेमिन (Amphetamine) के इस्तेमाल से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे:

    • हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
    • हार्ट रेट का बढ़ना (Elevated heart rate)
    • सिरदर्द (Headache)
    • ड्राय माउथ (Dry mouth)
    • एब्डोमिनल क्रेम्प्स (Abdominal cramps)
    • जी मचलना (Nausea)
    • उल्टी आना (Vomiting)
    • डायरिया (Diarrhea)
    • बुखार (Fever)

    कुछ दवाईयां (Certain medications)

    कुछ दवाईयां हार्टबीट के बढ़ना की वजह हो सकती हैं। यह दवाईयां इस प्रकार हैं

    • इनहेलर्स (Inhalers)
    • हाय ब्लड प्रेशर मेडिकेशन (High blood pressure medication)
    • एंटीहिस्टामिन (Antihistamines)
    • एंटीफंगल मेडिकेशन (Antifungal medication)
    • एंटीडेप्रेसेंट्स (Antidepressants)
    • एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

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    हार्ट बीट बढ़ने का कारण : सप्लीमेंट्स (Certain supplements)

    हार्ट बीट बढ़ने का कारण कुछ सप्लीमेंट्स भी हो सकते हैं। कुछ खास हर्बल सप्लीमेंट्स के प्रयोग से हार्ट रेट के बढ़ने की समस्या हो सकती है। यानी, हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) में यह भी शामिल हैं। यह हर्बल सप्लीमेंट्स इस प्रकार हैं:

    स्ट्रांग इमोशन के प्रति रिस्पांस (Response to strong emotions)

    स्ट्रेसफुल इमोशंस जैसे एंग्जायटी, गुस्सा और डर के कारण किसी भी व्यक्ति का हार्ट रेट बढ़ सकता है। जब हमारा शरीर स्ट्रेस का अनुभव करता है, तो एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) एपिनेफ्रीन (Epinephrine) और एड्रेनालाईन (Adrenaline) हॉर्मोन्स को रिलीज करता है। हमारे शरीर में दो एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal Gland) होते हैं। हमारा शरीर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हॉर्मोन्स का प्रयोग व्यक्ति को तुरंत एक्शन के लिए तैयार करने के लिए प्रयोग करता है। एड्रेनालाईन (Adrenaline) में इन समस्याओं की वजह बन सकता है:

    • हार्ट रेट में बढ़ोतरी (Increased heart rate)
    • ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी (Increased blood pressure)
    • पैल्पिटेशन (Palpitations)
    • पसीना आना (Sweating)
    • एंग्जायटी (Anxiety)

    आमतौर पर जब व्यक्ति को स्ट्रेस का अनुभव नहीं होता है तो वो इन लक्षणों में कमी महसूस कर सकता है। उम्मीद है कि हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) के बारे में आप जान गए होंगे। आमतौर पर यह समस्या गंभीर नहीं होती। लेकिन, इसकी सही समय पर जांच और उपचार जरूरी हैं। आइए जानते हैं किस तरह से संभव है इनका उपचार?

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    रेपिड हार्ट बीट का उपचार (Treatment of Rapid Heartbeat)

    हार्ट बीट के बढ़ने की समस्या के उपचार का उद्देश्य फास्ट हार्टबीट रेट को कम करना, फ्यूचर एपिसोड्स से बचना, कॉम्प्लीकेशन्स को कम करना और उन अंडरलायिंग डिजीज का उपचार करना शामिल है जिनकी वजह से यह समस्या हो रही है। जानिए कैसे होता है इस समस्या का उपचार:

    फास्ट हार्ट रेट को कम करना (Slowing fast heart rate)

    आमतौर पर फास्ट हार्ट रेट की समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। प्रभावित व्यक्ति सिम्पल फिजिकल मूवमेंट से हार्ट रेट को स्लो कर सकता है। हालांकि, कुछ दवाईयां और अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट्स भी इस समस्या से छुटकारा पाने में मददगार हो सकते हैं, जैसे:

    • वेगल मेन्यूवर्स (Vagal maneuvers)
    • दवाईयां (Medicines ) जैसे एंटी-एरिथमिक (Anti-arrhythmic) ड्रग्स, ताकि नार्मल हार्ट रेट को रिस्टोर किया जा सके।
    • कार्डियोवर्जन (Cardioversion)

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    फ्यूचर एपिसोड्स से बचना

    फॉस्ट हार्ट रेट के एपिसोड्स से छुटकारा पाने के तरीके इस प्रकार हैं:

    • कैथेटर एब्लेशन (Catheter Ablation)
    • मेडिकेशन्स (Medications) जैसे एंटी-एरिथमिक (Anti-arrhythmic) , कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) और बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) आदि
    • पेसमेकर (Pacemaker)
    • इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर (Implantable cardioverter)
    • सर्जरी (Surgery)

    इसके साथ ही डॉक्टर रोगी की स्थिति और कारणों के अनुसार इस समस्या की कॉम्प्लीकेशन्स को कम कर सकते हैं और अंडरलायिंग समस्याओं का उपचार करते हैं। यह समस्या होने पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

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    ध्यान दें

    उम्मीद है कि हार्टबीट बढ़ने के अन्य रीजन्स (Things that can increase Heartbeat) के बारे में आप जान गए होंगे। हार्टबीट के बढ़ने को सामान्य समझ कर नजरअंदाज न करें। बल्कि, कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही हेल्दी हैबिट्स को अपनाना भी जरुरी है, ताकि आप हार्ट संबंधी परेशानियों से बच सकें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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