यह तो इस समस्या से जुड़े जोखिम लेकिन कई बार नया हार्ट बिलकुल भी काम नहीं करता है और यह इस से जुड़ा सबसे बड़ा रिस्क है। जानिए, क्या हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है?
और पढ़ें : एसीई इंहिबिटर्स : हार्ट से जुड़ी कई बीमारियों का है एक समाधान!
हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है?
डोनर हार्ट को शरीर के रिजेक्शन से बचाने के लिए पूरी उम्र दवाइयां लेनी पड़ सकती हैं। हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है। हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद बहुत से लोग एक्टिव और प्रोडक्टिव लाइफ जीने में सक्षम होते हैं। लेकिन, इसके लिए उन्हें कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे :
दवाइयां (Medications)
जैसा की बताया गया है कि हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद रोगी को कई दवाइयां लेनी पड़ती है। जिनमें सबसे जरूरी हैं वो दवाइयां जिन्हें शरीर को ट्रांसप्लांट के रिजेक्शन से बचने के लिए लिया जाता है। इन दवाइयों के कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। जैसे हाय ब्लड प्रेशर, फ्लूइड रिटेंशन, किडनी डैमेज आदि। ऐसे में इन समस्याओं को निपटने के लिए अक्सर अतिरिक्त दवाएं निर्धारित की जाती हैं।
व्यायाम (Exercise)
हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद प्रभावित व्यक्ति व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों को कर सकता है। ताकि वजन न बढ़े और हार्ट का फंक्शन बेहतर हो। हालांकि उन्हें इस स्थिति में कौन से व्यायाम करने चाहिए इसके बारे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
और पढ़ें :एसीई इंहिबिटर्स: हार्ट फेलियर के इलाज में बेहद उपयोगी हैं ये दवाएं
डायट (Diet)
हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद मरीज को खास डायट का पालन करना पड़ता है। जिसमें आहार में कई तरह से बदलाव शामिल है। ऐसे मरीजों को कम सोडियम लेने की सलाह दी जाती है ताकि हाय ब्लड प्रेशर और फ्लूइड रिटेंशन का जोखिम कम हो सके। इसके बारे में अपने डॉक्टर और डायटिशियन की सलाह अवश्य लें।
तनाव से बचें (Depression)
तनाव कई समस्याओं को बढ़ाने का मुख्य कारण है। ऐसे में हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) के बाद तनाव बचने की कोशिश करें। इसके लिए अपने डॉक्टर और परिवार से सपोर्ट लें, मैडिटेशन करें और डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही पर्याप्त नींद और आराम भी जरूरी है। शराब, धूम्रपान आदि के बारे में तो भूल ही जाएं।
और पढ़ें : इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस: हार्ट का यह इंफेक्शन हो सकता है जानलेवा!
हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) एक जोखिम भरी प्रक्रिया है। इसके बाद रोगी का जीवन कई चीजों पर निर्भर करता है। जैसे उसकी उम्र, जनरल हेल्थ , हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए रोगी का रिस्पांस आदि। इस ट्रांसप्लांट के बाद 85% रोगी पहले ही तरह ही काम और अन्य गतिवधियों को करना शुरू कर देते हैं। लेकिन, इस प्रकिया के बाद रोगी को बहुत अधिक एहतियात बरतनी पड़ती हैं। हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) से पहले रोगी को इससे जुड़ी पूरी जानकारी अपने डॉक्टर से ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही अगर दिमाग में कोई भी चिंता या सवाल है. तो उन्हें भी डॉक्टर से पहले ही क्लियर कर लें।