रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस का निदान कैसे संभव है? (Diagnosis of Rheumatic Endocarditis)
ऐसा संभव है कि रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) से पीड़ित लोगों को हाल ही में एक स्ट्रेप संक्रमण हुआ हो । रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) के निदान के लिए डॉक्टर मरीज के इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके बाद वो मेडिकल हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री के बारे में जान सकते हैं। स्ट्रेप की जांच के लिए थ्रोट कल्चर या ब्लड टेस्ट कराया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर रूटीन टेस्ट के दौरान मर्मर की आवाज सुन सकते हैं। डॉक्टर रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) के निदान के लिए इन टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं :
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) : एकोकार्डियोग्राम में हार्ट के चैम्बर या वॉल्व्स की जांच करने के लिए साउंड वेव्स का प्रयोग किया जाता है। जैसे-जैसे हार्ट के ऊपर की स्किन पर अल्ट्रासाउंड ट्रांसड्यूसर (Ultrasound Transducer) गुजरता है, तो एको साउंड वेव्स स्क्रीन पर तस्वीर बनाती है। हार्ट वॉल्व से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए यह बेहद लाभदायक टेस्ट है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) :यह टेस्ट हार्ट की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी की स्ट्रेंथ और टायमिंग को रिकॉर्ड करता है। यह हार्ट की एब्नार्मल रिदम के बारे में भी बताता है और कई बार हार्ट मसल डैमेज को भी डिटेक्ट कर सकता है।
- चेस्ट एक्स -रे (Chest X-ray) : चेस्ट एक्स-रे लंग्स को जांचने के लिए किया जा सकता है और इससे यह भी जाना जा सकता है कि कहीं हार्ट एंलार्ज तो नहीं है।
- कार्डियक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Cardiac Magnetic Resonance Imaging) : यह एक इमेजिंग टेस्ट है, जो हार्ट की डिटेल्ड तस्वीर को दिखा सकता है। इसका प्रयोग हार्ट वॉल्व और हार्ट मसल्स के बारे में बताने के लिए किया जाता है।
- ब्लड टेस्ट्स (Blood tests) : कुछ खास ब्लड टेस्ट्स का प्रयोग इंफेक्शन और सूजन के बारे में जानने के लिए भी किया जा सकता है।
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रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) की स्थिति में सही समय पर उपचार जरूरी है ताकि किसी भी जटिलता से बचा जा सके। इस समस्या का उपचार इस तरह से किया जाता है।
रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस का उपचार (Treatment of Rheumatic Endocarditis)
रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) के उपचार का उद्देश्य स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (Streptococcal Bacteria) को नष्ट करना, लक्षणों से राहत पाना, सूजन को कंट्रोल करना और इस समस्या के फिर से होने की संभावना से रोगी को बचाना है। इसका उपचार इन तरीकों से संभव है।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) के उपचार के लिए डॉक्टर सबसे पहले एंटीबायोटिक्स की सलाह देते हैं। ताकि स्ट्रेप बैक्टीरिया (Strep Bacteria) से छुटकारा पाया जा सके। जब रोगी पूरे एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट को पूरा कर लेता है। तो डॉक्टर इस दौरान होने वाले बुखार के फिर से न होने की संभावना को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स का अन्य कोर्स करने के लिए भी कह सकते हैं। दवाईयों का यह कोर्स लंबा हो सकता है। जिन लोगो को इस दौरान हार्ट इन्फ्लेमेशन होती है, उन्हें 10 साल या उससे अधिक समय तक प्रिवेंटिव एंटीबायोटिक उपचार जारी रखने की सलाह दी जा सकती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी ट्रीटमेंट (Anti-inflammatory Treatment)
डॉक्टर इस स्थिति में रोगी को दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों जैसे एस्पिरिन (Aspirin) या अन्य दवाइयों को दे सकते हैं। इसके साथ ही सूजन और बुखार को कम करने के लिए भी दवा दी जा सकती है। अगर इसके लक्षण गंभीर हों और रोगी को एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स से कोई फायदा न हो रहा हो, तो डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉइड ड्रग्स (Corticosteroid Drugs) की सलाह भी दे सकते हैं।
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एंटीकेनवेलसेन्ट मेडिकेशन्स (Anticonvulsant Medications)
सिडेनहैम कोरिया के कारण होने वाली गंभीर इन्वॉलंटेरी मूवमेंट (Involuntary Movements) में डॉक्टर रोगी को एंटी सीजर दवाइयां (Anti seizure Medications) दी जा सकती हैं जैसे वैल्प्रोइक एसिड (Valproic Acid) या कार्बामाजेपायन (Carbamazepine) आदि। रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) से पीड़ित लोगों के सही उपचार के लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस समस्या के कारण होने वाले हार्ट डैमेज के लक्षण सालों तक नजर नहीं आते हैं। अब जानिए, किस तरह से संभव है इस समस्या से बचाव?
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रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस की संभावना को कैसे कम किया जा सकता है? (Prevention of Rheumatic Endocarditis)
रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) या दिल से संबंधित अन्य समस्याओं से बचने या कम करने का सबसे बेहतरीन उपचार है अपने जीवन में परिवर्तन लाना। हार्ट डिजीज के कारण स्ट्रोक और अन्य हार्ट संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में सबसे पहले जरुरी है ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या ब्लड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना। इसके साथ ही इन चीजों का ध्यान रखें:
- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें।
- एक्टिव रहें, रोजाना दिन में कुछ समय निकाल कर व्यायाम अवश्य करें।
- हमेशा हेल्दी और सही आहार का सेवन करें। हार्ट डिजीज से बचने के लिए हार्ट हेल्दी आहार का सेवन करें। इसके लिए आप डॉक्टर और डायटिशन की सलाह भी ले सकते हैं।
- अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने के तरीकों के बारे में सोचें। सही वजन को मेंटेन रखें।
- स्ट्रेस से बचें। क्योंकि, यह भी हार्ट डिजीज और अन्य हेल्थ कंडीशंस के खतरा को बढ़ाने का रिस्क फैक्टर हो सकता है ।
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रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) की समस्या से बचने के लिए अगर आपको कोई भी हार्ट संबंधित समस्या है, तो नियमित रूप से चेकअप जरूरी है। यही नहीं, इसका कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की सलाह लेना भी बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही हेल्दी हैबिट्स को बनाना न भूलें। सही दवाइयों और लाइफस्टाइल में परिवर्तन से इलाज संभव है। लेकिन अगर हार्ट वॉल्व को नुकसान हुआ हो, तो सर्जिकल रिपेयर या रिप्लेसमेंट भी कराई जा सकती है। रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस (Rheumatic Endocarditis) को लेकर आपके मन में कोई भी सवाल या चिंता है तो अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।