सर्जरी में रीढ़ की हड्डी को सहारा देने में मदद करने के लिए लंबे छड़ को हुक और स्क्रू का प्रयोग किया जाता है, लेकिन बढ़ती हुई रीढ़ की हड्डी के कारण रॉड्स टूट और मुड़ सकती हैं। ऐसे में बेहतर है कि स्कोलियोसिस के लिए नॉनसर्जिकल ट्रीटमेंट विकल्प की मदद से इस समस्या का उपचार किया जाए। जानिए, नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) कौन से हैं।
नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis)
अगर आप नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) देख रहे हैं, तो आप यह जान कर अच्छा लगेगा कि इसके कई विकल्प हैं जैसे फिजिकल थेरिपी, योगा आदि। यह कुछ ऐसे तरीके हैं, जो स्कोलियोसिस के रोगी के उपचार में सफल हो सकते हैं। हालांकि इन पर अभी उतना शोध नहीं हुआ है, जितना की ब्रेसिंग और सर्जरी पर हुआ है, लेकिन केस स्टडीज ने यह साबित कर दिया है कि यह स्कोलियोसिस के इलाज के तरीके (ways to treat scoliosis) सफल हो सकते हैं। हमेशा की तरह, किसी भी नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) की शुरुआत करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह उपचार स्कोलियोसिस के लिए सही है या नहीं।
सामान्य फिजिकल थेरिपी, योग और कायरोप्रैक्टिक सेशन स्कोलियोसिस रोगियों पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं डालेंगे। ऐसे में व्यायाम, स्ट्रेच या एडजस्टमेंटस को भी शामिल किया जा सकता है। जानिए, इस स्कोलियोसिस के इलाज के तरीके (ways to treat scoliosis) के बारे में विस्तार से।