क्रायोसर्जरी के दौरान क्या होता है?
अगर किसी मरीज को एक्सटर्नल क्रायोसर्जरी (External Cryosurgery) की सलाह दी जाती है, तो डॉक्टर किसी डिवाइस या कॉटन स्वैब का प्रयोग करके कोल्ड का प्रयोग करते हैं। इस तरह के उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर लिक्विड नाइट्रोजन का प्रयोग करते हैं।
इंटरनल क्रायोसर्जरी (External Cryosurgery) की स्थिति में क्रायोप्रोब को त्वचा में एक छोटे चीरे के माध्यम से इंसर्ट किया जाता है। डॉक्टर क्रायोप्रोब में टिश्यू को जमाने के लिए गाइड करने के लिए अल्ट्रासाउंड इमेजिंग का उपयोग कर सकते हैं। एब्नार्मल सेल्स की लोकेशन के अनुसार आपको लोकल एनेस्थीसिया (Local Anesthesia) या जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) दिया जा सकता है। लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग इस खास स्थान को सुन्न करने के लिए किया जाता है जबकि जनरल एनेस्थीसिया का प्रयोग सर्जरी के दौरान रोगी को नींद आए, इसके लिए किया जाता है।
क्रायोसर्जरी के बाद क्या करना चाहिए?
अगर किसी रोगी में एक्सटर्नल स्किन कंडीशंस की स्थिति में क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) का प्रयोग किया गया है। तो उपचार की जगह लाल हो सकती है और इस बात की संभावना है कि वहां फफोला हो जाए। इस प्रक्रिया के दो या तीन दिन के बाद इसमें होने वाली हल्की दर्द भी ठीक हो जाती है। उपचारित क्षेत्र में पपड़ी बन सकती है, जो आमतौर पर एक से तीन सप्ताह में ठीक हो जाती है। इंटरनल क्रायोसर्जरी (Internal Cryosurgery) के बाद आप कुछ दिनों तक प्रभावित जगह में हल्का दर्द और सूजन महसूस कर सकते हैं। जिन महिलाओं के सर्विक्स में इस प्रक्रिया का प्रयोग किया गया है उन्हें कुछ दिनों तक डिस्चार्ज की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा भी लोग अन्य समस्याएं महसूस कर सकते हैं। इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। जानिए क्या हैं इसके फायदे?
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क्रायोसर्जरी के फायदे क्या हैं? (Benefits of Cryosurgery)
हालांकि, क्रायोसर्जरी के फायदे (Benefits of Cryosurgery) क्या हैं, इसके बारे में अभी शोध जारी है। लेकिन शुरुआती अध्ययन के अनुसार इस प्रक्रिया के लाभ इस प्रकार हैं:
दर्द से छुटकारा (Pain Relief)
क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) मसल पेन को दूर करने में प्रभावी हो सकती है, इसके साथ ही यह जोड़ों और मसल के डिसऑर्डर्स जैसे आर्थराइटिस की स्थिति को दूर करने के लिए भी लाभदायक है। एथलेटिक इंजरीज से जल्दी स्वस्थ होने में भी इससे लाभ होता है। डॉक्टर इंजर्ड और दर्द भरे मसल्स की स्थिति में आइस पैक्स की सलाह देते हैं। ऐसा करने से आइस पैक को रिमूव करने पर ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बढ़ती है, जिससे हीलिंग होती है और दर्द से छुटकारा मिलता है। इस प्रक्रिया की सलाह डॉक्टर रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) में होने वाली दर्द से छुटकारा पाने में भी दे सकते हैं।
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वजन कम होना (Weight Loss)
ऐसा भी माना गया है कि क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) वजन कम करने में भी मदद कर सकती है। लेकिन, इस प्रक्रिया का वजन कम करने के लिए अकेले प्रयोग नहीं किया जा सकता है। कुछ डॉक्टर यह भी मानते हैं कि कुछ मिनट इस प्रक्रिया का प्रयोग करने से मेटाबोलिज्म बढ़ सकता है। क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) मसल पेन को दूर करने में भी मदद कर सकती है। इससे इंजरी के बाद फिर से फिटनेस रूटीन (Fitness Routine) को पालन करने में आसानी हो सकती है।
सूजन को कम करे (Reduced Inflammation)
सूजन वो तरीका है जिससे हमारा इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ता है है। कभी-कभी यह इम्यून सिस्टम अत्यधिक प्रतिक्रियाशील हो जाता है। इसका परिणाम होता है क्रोनिक इन्फ्लेमेशन (Chronic Inflammation), जिन्हें कैंसर, डायबिटीज (Diabetes), डिप्रेशन (Depression), पागलपन (Dementia) और गठिया (Arthritis) जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा जाता है। सूजन का कम होना सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधार सकता है और कई क्रोनिक रोग (Chronic Ailments) को कम कर सकता है। हालांकि इसके बारे में अभी अधिक स्टडी की जाने की जरूरत है।
डिमेंशिया से बचाव (Dementia)
अगर क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) सूजन को कम कर सकती है, तो इससे डिमेंशिया के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। क्रायोसर्जरी, डिमेंशिया (Dementia), माइल्ड कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट (Mild Cognitive Impairment), और अन्य कॉग्निटिव डिक्लाइन (Cognitive Decline) को कम करने में भी सक्षम हैं।
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कैंसर में लाभदायक (Beneficial in Cancer)
ऐसा माना जाता है कि यह प्रक्रिया सूजन को कम कर सकती है। तो ऐसा भी संभव है कि इससे कैंसर के डेवलप होने का जोखिम भी कम हो। लेकिन, अभी इस बात का कोई सुबूत मौजूद नहीं है। डॉक्टर इस का प्रयोग स्किन, सर्विक्स और कई बार अन्य कैंसर्स में कैंसर सेल्स को फ्रीज करने के लिए प्रयोग करते हैं। क्रायोसर्जरी (Cryosurgery), क्यूरेटेज और इलेक्ट्रोडेसिकेशन (Curettage and Electrodesiccation) का प्रयोग स्किन कैंसर और प्रीमैलिग्नेंट स्किन लिजन्स (Premalignant Skin Lesions) आदि की स्थिति में भी किया जाता है
एंग्जायटी और डिप्रेशन (Anxiety and Depression)
रिसर्च के अनुसार क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) सूजन को कम करती है। ऐसे में इसे उन मेंटल हेल्थ कंडीशंस (Mental Health Conditions) के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है। ऐसा भी माना गया है कि इस प्रक्रिया से कम से कम पचास प्रतिशत डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों (Depression and Anxiety) को दूर कर सकते हैं।
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माइग्रेन (Migraine)
क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) को नैक पर टारगेट करने से माइग्रेन को दूर करने में मदद मिल सकती है। स्टडी के अनुसार जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनके गले पर इस प्रक्रिया को अप्लाई किया जाता है। यह ट्रीटमेंट दर्द को खत्म तो नहीं कर सकता, लेकिन कम जरूर कर सकता है। जानिए, इस प्रक्रिया के साइड-इफेक्ट्स के बारे में।
क्रायोसर्जरी के साइड इफेक्ट क्या हैं? (Side effects of Cryosurgery)
यह एक मिनिमली इनवेसिव ट्रीटमेंट है (Minimally Invasive Treatment.) जिसमें ट्रेडिशनल सर्जरी की तुलना में इसमें कम दर्द और ब्लीडिंग होती है। इसके साथ ही इसमें एब्नार्मल सेल्स के पास हेल्दी टिश्यू के डैमेज होने का रिस्क भी कम रहता है। हालांकि इस प्रक्रिया से रिस्क फैक्टर या साइड इफ़ेक्ट होने की संभावना कम होती है। लेकिन इससे जुडी कुछ कॉम्प्लीकेशन्स इस प्रकार हैं:
- सर्विक्स के आसपास क्रायोसर्जरी के बाद ब्लीडिंग क्रैम्पिंग या दर्द (Bleeding, Cramping or Pain)
- बोन फ्रैक्चर (Bone Fractures)
- नर्व डैमेज (Nerve Damage)
- सूजन, स्केरिंग या स्किन इंफेक्शन (Swelling, Scarring, or Skin Infection)
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डॉक्टर क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) के प्रयोग से कई समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। अधिक स्किन कंडीशंस का उपचार इस प्रक्रिया से किया जाता है। यही नहीं, रोगी को उपचार के बाद खास केयर की जरूरत नहीं होती है। जिन लोगों में इंटरनल क्रायोसर्जरी का प्रयोग किया जाता है, उन्हें कुछ दिनों तक शारीरिक गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी जाती है। एब्नार्मल टिश्यू को रिमूव करने के लिए क्रायोसर्जरी (Cryosurgery) के अलावा अन्य उपचार की जरूरत भी पड़ सकती है। लेकिन, डॉक्टर आपको यह भी सलाह देंगे कि अगर आपको इस प्रक्रिया के बाद कोई भी इंफेक्शन के संकेत दिखाई दें जैसे रेडनेस (Redness), पस (Pus), बुखार (Fever) आदि।
तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को हेल्थी हैबिट्स को अपनाने की भी सलाह देंगे जैसे सही आहार का सेवन (Right Food), व्यायाम (Exercise), पर्याप्त नींद लेना (Enough Sleep) और तनाव से बचना (Avoid Stress) आदि। ताकि, जल्दी रिकवर होने और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिले।