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सेकंडरी बोन कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
सेकंडरी बोन कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। जैसे:
ब्लड टेस्ट (Blood Test): ब्लड टेस्ट की सहायता से ब्लड काउंट और कैल्शियम लेवल की जानकारी मिलती है।
बोन एक्स-रे (Bone x-ray): बोन एक्स-रे से चेस्ट एवं बोन डैमेज की जानकारी मिलती है। इससे फ्रैक्चर और नय बोन के फॉर्मेशन का भी पता लगाया जा सकता है।
बोन स्कैन (Bone scan): रेडिओएक्टिव की कम मात्रा वेन में इंजेक्ट की जाती है। इससे हड्डियों में होने वाले एब्नॉर्मल चेंज को समझने में सहायता मिलती है। स्पेशल कैमरे की मदद से बोन स्कैन टेस्ट की जाती है।
सीटी (CT) स्कैन या एमआरआई (MRI): CT Scan या MRI करने में 30 से 90 मिनट का वक्त लग सकता है। इससे एब्नॉर्मल बोन को समझा जा सकता है।
पीईटी (PET) – सीटी स्कैन (CT scan): पीईटी – सीटी स्कैन की मदद से ज्यादा जानकारी मिलती है।
बोन बायोप्सी (Bone biopsy): बोन बायोप्सी करने के लिए अफेक्टेड बोन के हिस्से से टिशू से की जाती है।
इन ऊपर बताये टेस्ट के अलावा अन्य बॉडी टेस्ट करवाने की सुझाव दे सकते हैं। इसलिए इस दौरान जो सलाह आपके हेल्थ एक्सपर्ट दें, उसे पूरी तरह से पालन करें।
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सेकंडरी बोन कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?
कैंसर रिसर्च यूके के रिपोर्ट के अनुसार पेशेंट की गंभीरता को देखते हुए इलाज की जाती है। सेकंडरी बोन कैंसर के इलाज के लिए थेरिपी दी जा सकती है। इन थेरिपी में शामिल है-
- हॉर्मोन थेरिपी (Hormone therapy)
- रेडियोथेरिपी (Radiotherapy)
- एक्सटर्नल रेडियोथेरिपी (External radiotherapy)
- इंटरनल रेडियोथेरिपी (Internal radiotherapy)
- कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
- टार्गेटेड कैंसर ड्रग्स (Targeted cancer drugs)
- बिसफोस्फोनेट्स (Bisphosphonates)
- सर्जरी (Surgery)
इन ऊपर बताये थेरिपी एवं सर्जरी से सेकंडरी बोन कैंसर का इलाज किया जा सकता है।
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सेकंडरी बोन कैंसर सर्वाइवल रेट क्या है?
कैंसर पेशेंट्स के सर्वाइवल से जुड़े रिसर्च के अनुसार यह पेशेंट्स की स्थिति पर निर्भर करती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार कैंसर की कौन से स्टेज है इसपर निर्भर करती है। प्रायः कैंसर का नाम सुनते ही लोग परेशान हो जाते हैं। ऐसे कई कैंसर पेशेंट्स हैं, जो इसे हरा चुका है और हेल्दी हैं।
अगर आप सेकंडरी बोन कैंसर (Secondary Bone Cancer) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।