सेकंडरी बोन कैंसर के कारण क्या हैं?
सेकंडरी बोन कैंसर उन्हीं लोगों को होते हैं, जो
जो लोग इन ऊपर बताये कैंसर से पीड़ित होते हैं, उन्हें ही सेकंडरी बोन कैंसर होता है। हालांकि कभी-कभी कैंसर के शुरुआती स्टेज के साथ ही सेकंडरी बोन कैंसर की शुरुआत भी हो सकती है।
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सेकंडरी बोन कैंसर के लक्षण क्या है?
सेकंडरी बोन कैंसर के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे:
- बैक पेन होना
- हड्डियों का कमजोर होना
- डिहाइड्रेशन होना
- असमंजस की स्थिति में रहना
- पेट दर्द होना
- कमजोरी महसूस होना या बीमार रहना
- ब्लड में कैल्शियम लेवल बढ़ना (Hypercalcaemia)
- बार-बार इंफेक्शन होना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना
- ब्लड सेल्स लेवल कम होने की वजह से ब्लीडिंग होना
- पैरों का कमजोर होना
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। इसलिए किसी भी लक्षण या परेशानी को नजरअंदाज न करें और समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा करने से बीमारी को ठीक करने में विशेष लाभ मिलता है।
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सेकंडरी बोन कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
सेकंडरी बोन कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। जैसे:
ब्लड टेस्ट (Blood Test): ब्लड टेस्ट की सहायता से ब्लड काउंट और कैल्शियम लेवल की जानकारी मिलती है।
बोन एक्स-रे (Bone x-ray): बोन एक्स-रे से चेस्ट एवं बोन डैमेज की जानकारी मिलती है। इससे फ्रैक्चर और नय बोन के फॉर्मेशन का भी पता लगाया जा सकता है।
बोन स्कैन (Bone scan): रेडिओएक्टिव की कम मात्रा वेन में इंजेक्ट की जाती है। इससे हड्डियों में होने वाले एब्नॉर्मल चेंज को समझने में सहायता मिलती है। स्पेशल कैमरे की मदद से बोन स्कैन टेस्ट की जाती है।
सीटी (CT) स्कैन या एमआरआई (MRI): CT Scan या MRI करने में 30 से 90 मिनट का वक्त लग सकता है। इससे एब्नॉर्मल बोन को समझा जा सकता है।