और पढ़ेंः Ear cannel infection: बाहरी कान का संक्रमण क्या है?
कैंसर का उपचार कैसे किया जाता है? (Cancer treatment)
कैंसर मालूम होने के बाद डॉक्टर इसकी स्टेज का पता लगाते हैं। स्टेज का पता लगाने के बाद उसी अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाता है। आमतौर पर कैंसर की पहली से लेकर चार स्टेज होती हैं। पहली स्टेज में इसका पता लगने पर आसानी से इलाज कर छुटकारा पाया जा सकता है।
कैंसर के इलाज के लिए नीचे बताएं ट्रीटमेंट ऑप्शन का उपयोग किया जाता है:
- सर्जरी (Surgery): सर्जरी इसलिए की जाती है जिससे जितना हो सके शरीर से कैंसर को हटा दिया जाए।
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कीमोथेरेपी के जरिए कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इसके साथ ही कैंसर को खत्म करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy): रेडिएशन थेरेपी में हाई पावर एनर्जी बीम का इस्तेमाल कर कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है।
- बोन मैरो ट्रांसप्लांट(Bone marrow transplant): इसे स्टेम सेल ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है। बोन मैरो आपके हड्डियों के अंदर का पदार्थ होता है जो ब्लड सेल्स को बनाता है। इसमें रोग ग्रस्त या क्षतिग्रस्त बोन मैरो को हेल्दी स्टेम के साथ रिपेयर किया जाता है।
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy): इम्यूनोथेरेपी को बायोलॉजिकल थेरेपी भी कहते हैं। इसमें इम्यून सिस्टम के जरिए कैंसर से लड़ाई लड़ी जाती है।
- हॉर्मोन थेरेपी (Hormone therapy): कुछ प्रकार के कैंसर आपके शरीर के हॉर्मोन द्वारा हो जाते हैं। जैसे ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर।
- टारगेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted drug therapy)
कैंसर और इसके उपचार में कई जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
दर्द (Pain): कैंसर या कैंसर के इलाज के कारण आपको दर्द हो सकता है। हालांकि सभी कैंसर दर्दनाक नहीं होते हैं। दवाओं से आप कैंसर के कारण होने वाले दर्द से राहत पा सकते हैं।
सांस लेने में दिक्कत (Difficulty breathing): कैंसर या कैंसर के इलाज के दौरान हो सकता है आपको सांस की कमी का एहसास हो। उपचार से आपको इससे राहत मिल सकती है।
थकान (Fatigue): कैंसर पेशेंट्स में थकान की समस्या के कई कारण होते हैं लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी में थकान होना आम है।
शरीर में रासायनिक परिवर्तन (Chemical changes in body): कैंसर आपके शरीर में सामान्य रासायनिक संतुलन को डिस्टर्ब कर सकता है औऱ जोखिम को बढ़ा सकता है। रासायनिक असंतुलन के लक्षणों में अत्यधिक प्यास, लगातार यूरीन, कब्ज और कंफ्यूजन शामिल हो सकते हैं।
वजन कम होना (Weight loss): कैंसर सामान्य कोशिकाओं से भोजन चुराता है और उन्हें पोषक तत्वों से वंचित करता है। कई लोगों के कैंसर के इलाज के दौरान भारी डोसेज और थेरेपी के कारण वजन तेजी से गिर जाता है।
मतली (Nausea): कुछ कैंसर और कैंसर के उपचार मतली की स्थिति पैदा करते हैं। आपका डॉक्टर इस बात का अनुमान लगा सकता है कि उपचार के दौरान आपको मतली की दिक्कत होने की संभावना है। ऐसे में वह आपको दवा के जरिए इसे रोकने में मदद कर सकते हैं।
डायरिया और कब्ज (Diarrhea or constipation): कैंसर और कैंसर के इलाज से आपको डायरिया या कब्ज की शिकायत हो सकती है।
ब्रेन और नर्वस सिस्टम संबंधित परेशानियां(Brain and nervous system problems): कैंसर आस-पास की नसों पर दबाव डाल सकता है और आपके शरीर के एक हिस्से में दर्द या कार्य में बाधा डाल सकता है। मस्तिष्क को शामिल करने वाले कैंसर में सिरदर्द, शरीर में कमजोरी और स्ट्रोक की समस्या जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कैंसर का वापस होना (Cancer that returns): कैंसर के ठीक होने के बाद उसके वापस होने की भी संभावना होती है। इसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें कि कैसे आप कैंसर के वापस आने के खतरे को कम कर सकते हैं। कैंसर के वापस आने को ट्रेक करने के लिए समय समय पर स्कैन और टेस्ट कराते रहें।
हेयर लॉस (Hair loss): कैंसर के इलाज के लि कीमोथेरेपी काफी प्रचलित है। कीमो में कैंसर युक्त कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान बालों की जड़े कमजोर हो जाती हैं, जिस वजह से हेयरफॉल होता है। कैंसर के ट्रीटमेंट में दी जाने वाली कई दवाओं के साइड इफेक्ट से भी बाल झड़ने लगते हैं।
कैंसर की बीमारी के इलाज में होने वाली परेशानियों को कम करने में मदद करेंगी ये टिप्स:
एक्सरसाइज और कैंसर की बीमारी (Exercise and Cancer)
कैंसर से पीड़ित लोग एक्सरसाइज करके थकान, मांसपेशियों में तनाव और चिंता को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए आप सुबह सैर करने जा सकते हैं या स्वीमिंग भी ट्राय कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बेहतर महसूस करेंगे। कई शोध में, कैंसर के उपचार के साथ एक्सरसाइज करने के अच्छे परिणाम देखे गए हैं। यदि आप कैंसर के इलाज के साथ एक्सरसाइज का प्लान कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप ऐसा अपने चिकित्सक की देखरेख में ही करें।
न्युट्रिशन, डायट और कैंसर (Nutrition, Diet, and Cancer)
रिसर्च के अनुसार, न्यूट्रिशन कैंसर की रोकथाम में भूमिका निभा सकता है। कई शोधों के अनुसार कैंसर के कई मामले खानपान की आदत से जुड़े होते हैं। जैसे कोलोरेक्टल कैंसर उन लोगों में ज्यादा होता है जो आहार में सब्जियों और फलों की जगह रेड मीट ज्यादा खाते हैं।
माइंड थेरेपी और कैंसर (Mind Therapy and Cancer)
कैंसर पेशेंट्स पर किए गए एक शोध के अनुसार, माइंड थेरेपी से कैंसर पेशेंट्स के बिहेवियर में सुधार देखने को मिले हैं। उनके दर्द, मतली, उल्टी और एंग्जायटी में भी सुधार हुआ। काउंसलिंग में अपनी परेशानी बताकर उन्हें रिलैक्स महसूस होता है। ये थेरेपी उनके अकेलेपन और चिंता को दूर कर उनकी रिकवरी में मदद करती है।
एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर (Acupuncture and Acupressure)
कैंसर के इलाज के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर मदद कर सकते हैं। हालांकि ये बीमारी को ठीक करने का दावा नहीं करते हैं, लेकिन कई शोध में यह पुष्टि हुई है कि ये ट्रीटमेंट के दौरान होने वाले लक्षणों और दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
कैंसर से लड़ने के लिए हर्ब्स (Herbs to Fight Cancer)
कई ऐसे हर्ब्स हैं जो कैंसर के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं। जैसे कैंसर के इलाज के दौरान उल्टी की शिकायत होता है। इसके लिए जिंजर और पेपरमिंट टी पीने की सलाह दी जाती है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।