के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
लिवर में होने वाले कैंसर को लिवर कैंसर (Liver cancer) कहते हैं। लिवर शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि होती है। लिवर हमारे शरीर को विषाक्त और हानिकारक पदार्थों से मुक्त रखता है। यह पेट के दाहिनी तरफ पसलियों के ठीक नीचे होता है। लिवर में ही पित्त का उत्पादन होता है। पित्त ही भोजन से मिलने वाले वसा, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता है। लिवर में ही ग्लूकोज जैसे पोषक तत्व संग्रहीत होते हैं। जिससे जब आप भोजन नहीं खा रहे हों तो शरीर को शक्ति मिलती रहे। लिवर इसी तरह से छोटे-बड़े कई काम करता है। लिवर में कैंसर हो जाने पर यह ठीक से काम नहीं कर पाता है इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। कैंसर की कोशिकाएं, लिवर की स्वस्थ कोशिकाओं को धीरे-धीरे नष्ट कर देती हैं। इस वजह से लिवर सामान्य रूप से काम करने में सक्षम नहीं रहता।
आमतौर पर लिवर कैंसर को प्राइमरी और सेकेंड्री कैंसर के रूप में विभाजित किया गया है। सेकेंड्री लिवर कैंसर (Secondary liver cancer) को लिवर मेटास्टेटिस भी कहते हैं। प्राइमरी कैंसर वह होता है कैंसर लिवर के अंदर ही शुरू हुआ हो। वहीं सेकेंड्री लिवर कैंसर वो होता है जब शरीर के किसी और अंग में कैंसर हुआ हो और वो कैंसर कोशिकाएं लिवर तक पहुंच जाएं। ज्यादातर लिवर कैंसर सेकेंड्री ही होते हैं।
सेकेंड्री लिवर कैंसर (Secondary Liver Cancer) स्तन, ब्लेडर, किडनी, ओवरी, पेनक्रियाज, पेट, यूट्रस और फेफड़ों से शुरू हो सकते हैं। इन्हीं अंगों के कैंसर लिवर तक पहुंच जाते हैं और वहां बढ़ने लगते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में सेकेंड्री लिवर कैंसर, प्राइमरी की तुलना में अधिक सामान्य हैं।
सेकेंड्री लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं। हालांकि इससे पेट में सूजन रह सकती है। सूजन से खून और पित्त के कार्य में रुकावट हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो एक व्यक्ति को इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे:
सेकेंड्री लिवर कैंसर शरीर के अन्य किसी अंग में होता है और वो लिवर तक पहुंच जाता है। कोई भी कैंसर लीवर में फैल सकता है। लिवर तक फैलने वाले कैंसर में शामिल है:
यदि किसी व्यक्ति में लिवर कैंसर के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर सेकेंड्री लिवर कैंसर के तौर पर जांच करते हैं। परीक्षण के दौरान (Secondary liver cancer test) वो आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा सेकेंड्र्री लिवर कैंसर का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट भी करेंगे। जैसे:
सेकेंड्री लिवर कैंसर का इलाज आमतौर पर लक्षणों को कम करने के लिए होता है। साथ ही डॉक्टर कोशिश करते हैं कि कैंसर को छोटा कर आपका जीवन लंबा कर सकें। ज्यादातर सेकेंड्री लिवर कैंसर ऐसे होते हैं जिनका इलाज करना मुश्किल होता है। ये पूरी तरह से नहीं ठीक हो पाते हैं।
सेकेंड्री लिवर कैंसर के इलाज के दो तरीके हैं- पहला लोकल और दूसरा सिस्टमैटिक। व्यक्ति की उम्र और उसकी स्वास्थ्य स्थिति देखकर डॉक्टर बताएंगे कि उनके लिए कौन सा इलाज सही रहेगा।
इलाज इस बात पर भी निर्भर करेगा कि प्राइमरी कैंसर कहां है। लिवर में कैंसर का आकार कितना बड़ा है।
रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन- इसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने खत्म करने की कोशिश की जाती है।
रेडिएशन थेरेपी- इसमें इंजेक्शन या मशीन द्वारा इलाज होता है। इसमें रेडिएशन बीम के जरिए ट्यूमर को छोटा करने का प्रयास किया जाता है।
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बायोलॉजिकल रिस्पॉन्स मॉडिफायर थेरेपी- इसमें शरीर के इम्यून सिस्टम को बढ़ा दिया जाता है।
कीमोथेरेपी- शरीर में तेजी से बढ़ रहे कैंसर सेल्स को दवाओं द्वारा रोका जाता है।
हार्मोन थेरेपी- कैंसर को बढ़ाने वाले हार्मोन को नष्ट किया जाता है।
टार्गेट थेरेपी- इसमें सीधा कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की कोशिश की जाती है।
सेकेंड्री लिवर कैंसर वाले लोगों में कभी-कभी कोई लक्षण बहुत तेजी से बढ़ते हैं। ऐसे में उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
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