के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
अगर चलते-फिरते समय अचानक आपकी जांघ या पैरों की मांसपेशियों में दर्द (Muscles pain) होता है, तो इसका मतलब आपको क्लॉडिकेशन की समस्या हो सकती है। क्लॉडिकेशन की समस्या अक्सर एक्सरसाइज करने से होती है। दरअसल, एक्सरसाइज के दौरान आपकी मांसपेशियों में बहुत कम रक्त प्रवाह होने के कारण क्लॉडिकेशन (Claudication) दर्द होता है। इस स्थिति को आंतरायिक क्लॉडिकेशन (Intermittent claudication) भी कहा जाता है क्योंकि दर्द आमतौर पर स्थिर नहीं होता है। ऐसा ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने की वजह से होता है। क्लॉडिकेशन धमनी रोग का एक लक्षण हो सकता है। जब पैर की धमनी सिकुड़ जाती है तो मांसपेशियों में खून का प्रवाह कम हो जाता है। इससे पैरों में अकड़न पैदा हो जाती है। फिर चलते समय दर्द महसूस होता है। आमतौर पर आराम करने के बाद यह दर्द चला जाता है। क्लॉडिकेशन की समस्या उन व्यक्तियों में ज्यादा दिखती है जिन्हें दिल या मस्तिष्क से जुड़ी कोई बीमारी होती है। क्लॉडिकेशन से हार्ट अटैक आने की भी संभावना ज्यादा होती है। ये बीमारी होने पर सही उपचार की जरूरत होती है। आमतौर पर क्लॉडिकेशन का असर चलते समय दिखाई देता है। कभी-कभी ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि मरीज चल भी नहीं पाता है।
यह शारीरिक परेशानी उन लोगों में ज्यादा होती है जिन्हें ब्लड सर्क्युलेशन (Blood circulation) विशेषकर पैरों में ब्लड फ्लो (Blood flow) या पेरीफेरल आरट्री डिजीज (Peripheral artery disease (PAD) की समस्या होती हैं। यह समस्या व्यायाम के दौरान शुरू होता है और आराम के साथ समाप्त होता है। इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
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क्लॉडिकेशन के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:—
इसके अन्य लक्षण में शामिल है?
यदि दिए गए लक्षणों में आप कुछ भी महसूस कर रहे हैं तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। इसलिए लक्षण दिखने पर अपने मन से कोई भी दवा ना लें। डॉक्टर से बात करें। कोई भी शारीरिक परेशानी होने पर उसका इलाज खुद करने से बचें। क्योंकि इस तरह की लापरवाही गंभीर समस्या भी पैदा कर सकती है।
कई चिकित्सा समस्याएं क्लॉडिकेशन का कारण बन सकती हैं, लेकिन सबसे आम परिधीय धमनी रोग (Peripheral artery disease) है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होता है, जो धमनियों के अंदरूनी स्तर पर बनने वाली कोलेस्ट्रोल प्लेक के कारण धमनियों को सख्त कर देता है। इन पट्टिकाओं से धमनियों के ब्लॉक होने पर पैरों की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह कम होता है। पैरों की मांसपेशियों को घुमाने या व्यायाम करने से कोशिकाओं में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए अधिक रक्त प्रवाह की आवश्यकता होती है। अपर्याप्त ऑक्सीजन के परिणामस्वरूप पैरों की मांसपेशियों में दर्द (Muscles pain) और जलन हो सकती है। इसे पैरों में ऐंठन के रूप में भी महसूस किया जा सकता है।
परिधीय धमनी रोग (पीएडी) एक बहुत आम समस्या है, मुख्य रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह होता है। पीएडी मुख्य रूप से पैरों में या शरीर की मुख्य धमनी (महाधमनी) में संकुचित या अवरुद्ध धमनियों के कारण होता है। यह आपकी काल्फ, जांघ या नितंब की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है। यह कम रक्त प्रवाह दर्द का कारण हो सकता है, जो कि बदहजमी की ओर ले जाता है।
ब्लॉकेज आमतौर पर संकुचित और कठोर धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) के कारण होता है। यह धमनियों के अंदर प्लाक बिल्ड-अप के कारण होता है। प्लाक फैट, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में अन्य पदार्थों से बना होता है। यह पट्टिका निर्माण आपके दिल की धमनियों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे सीने में दर्द या दिल का दौरा पड़ सकता है।
पैर में होने वाली ब्लॉकेज जांघ और घुटने के पीछे होना सबसे आम है। लेकिन वे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे महाधमनी, कमर या पेट में भी हो सकती हैं। इसके अलावा, आपको 1 से अधिक ब्लॉकेज भी हो सकती हैं।
इसके कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:-
ऐसी कई प्रकार की चीजें है, जो इसके जोखिम को बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं क्लॉडिकेशन और भी कई तरह के रोगों को जन्म देने का कारण भी बन सकता है। इसलिए सही समय पर इसका इलाज करना बेहद आवश्यक होता है। क्लॉडिकेशन होने के कई जोखिम कारक इस प्रकार से हैं, जैसे:
इसलिए ऊपर बताई गई बुरी आदतों से बचना ही हेल्दी हेल्थ का सीक्रेट होता है। ये आपको क्लॉडिकेशन की समस्या से बचाने में मदद कर सकता है।
इसका परिक्षण निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
सकता है।
इस शारीरिक परेशानी को दूर करने करने के लिए निम्नलिखित तरह से हेल्थ एक्सपर्ट इलाज कर सकते हैं। जैसे-
व्यायाम करने से भी पैरों की अकड़न चली जाती है।
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क्लॉडिकेशन (Claudication) की समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाएं जा सकते हैं। जैसे:
· धूम्रपान (Smoking) बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
· नियमित रूप से वर्कआउट (Workout) करें। रेगुलर व्यायाम करने से आपको बहुत राहत मिलेगी। व्यायाम करने से शरीर की नसें और मांसपेशियां खुल जाती हैं और खून का संचार होने लगता है।
· पैदल चलना (Walking) भी जरूरी है। रोजाना वॉक करने की आदत डालें।
· समय-समय पर अपने कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की जांच कराते रहें।
· कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने पर डॉक्टर से पूछकर अपने आहार में बदलाव करें। तेल-मसाला और स्ट्रीट फूड (Street food) के सेवन से बचें।
· बिना डॉक्टर की जांच के कोई भी दवा न लें।
· इस बीमारी के दौरान पंजों और पैरों को चोट लगने से बचाएं।
इन घरेलू उपाय को अपना कर हेल्दी रहा जा सकता है।
अगर आप क्लॉडिकेशन (Claudication) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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