इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल के ओनोकोलॉजी विभाग के डाॅक्टर राहुल कुमार चौहान का कहना है कि ओवेरियन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में मृत्यु का कारण बनने वाले 7 वां सबसे आम कारण है। भारत में, यह तीसरा सबसे आम कैंसर है – हर साल लगभग 60,000 महिलाओं को प्रभावित करता है और इसकी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं! यह एक अत्यधिक आक्रामक कैंसर है, जिसका मृत्यु अनुपात बहुत अधिक है। ज्यादातर मामलों में, कैंसर चुप रहता है या लंबे समय तक किसी का ध्यान नहीं जाता है। यह अंडाशय के विभिन्न भागों में बिना किसी प्रमुख लक्षण के हो सकता है, जैसे रोगी को पेट में सूजन, अपच , और कभी-कभी मूत्र संबंधी शिकायत भी हो सकती है। ये कई अन्य समस्याओं के सामान्य लक्षण हैं; इसलिए, प्रारंभिक अवस्था में डिम्बग्रंथि के कैंसर की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
सर्वाइकल कैंसर डिसीज का ट्रीटमेंट (Treatment for Cervical Cancer)
अगर ग्रीवा कैंसर जल्द पकड़ में आ जाता है तो कुछ ट्रीटमेंट की हेल्प से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
सर्जरी (Surgery)
सर्जरी की परपज ये रहता है कि कैंसर सेल्स को जितना पॉसिबल हो, हटा दिया जाए। कुछ सर्जरी में सर्जन सर्विक्स का कुछ एरिया हटा देते हैं। अगर कैंसर अधिक फैल गया है तो सर्विक्स को भी निकाला जा सकता है।
रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy)
रेडिएशन थेरिपी में हाई-एनर्जी एक्स-रे बीम का यूज कैंसर सेल्स को मारने के लिए किया जाता है।
कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
कीमोथेरिपी में ड्रग्स की हेल्प कैंसर सेल्स को किल किया जाता है। डॉक्टर ट्रीटमेंट को साइकिल के रूप में देते हैं। साथ ही बॉडी को रिकवर होने के लिए समय भी दिया जाता है।
टारगेट थेरिपी (Targeted therapy)
अवास्टिन(Avastin) दवा कीमोथेरेपी और विकिरण के दौरान अलग तरीके से काम करती है। इस दवा की हेल्प से ब्लड वैसल्स का विकास रुक जाता है जिससे कैंसर सेल्स की ग्रोथ भी रुक जाती है। ये दवा कीमोथेरिपी के साथ दी जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान