इस समस्या को टाइप-2 डायबिटीज, इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज, हार्ट डिजीज, सोरियाटिक अर्थराइटिस, एंजायटी और डिप्रेशन आदि समस्याओं से भी जोड़ा जाता है। यह छूने से नहीं फैलता है, इसलिए डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह कई प्रकार की हो सकती है, जैसे-
प्लाक सोरायसिस (Plaque Psoriasis)
यह इस चर्म रोग का सबसे आम प्रकार है, जो कि सोरायसिस से ग्रसित करीब 80 प्रतिशत लोगों में देखा जाता है। इसमें त्वचा पर लाल, सूजे हुआ और खुजली वाले पैच (रैशेज, चकत्ते, चिट्टे) हो जाते हैं, जिनपर सफेद-सिल्वर स्केल या प्लाक होते हैं। यह प्लाक कोहनी, घुटने या सिर की त्वचा पर मौजूद होते हैं।
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पस्ट्यूलर सोरायसिस (Pustular Psoriasis)
पस्ट्यूलर सोरायसिस वयस्कों में अधिक होता है। इसमें प्रभावित त्वचा में सफेद तरल पदार्थ या पस से भरे छाले हो जाते हैं। इसका मुख्य स्थान हथेली या पैर का तलवा हो सकता है, लेकिन यह अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
इंवर्स सोरायसिस (Inverse Psoriasis)
इंवर्स सोरायसिस में भी त्वचा पर लाल, जलन व खुजलीदार पैच होते हैं। लेकिन, इस प्रकार में यह पैच बगल, स्तनों के नीचे या जननांगों के पास होते हैं।
एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस (Erythrodermic Psoriasis)
सोरायसिस इंफेक्शन का यह प्रकार काफी दुर्लभ होता है, लेकिन ज्यादा खतरनाक होता है। इसमें शरीर के ज्यादा हिस्से पर लाल, जलन करने वाले और खुजलीदार पैच विकसित हो जाते हैं। यह इंफेक्शन सनबर्न, कुछ दवाई शुरू करने या किसी प्रकार का सोरायसिस ट्रीटमेंट रोकने आदि के कारण होता है। इसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाता है।
गट्टेट सोरायसिस (Guttate Psoriasis)
इस प्रकार का सोरायसिस आमतौर पर बच्चों में होता है। जिसमें बच्चों की त्वचा के ऊपर गुलाबी रंग के पैच विकसित होने लगते हैं। जो कि आमतौर पर बॉडी, पैर और हाथों पर होता है।