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सोरायसिस के मरीजों के लिए डाइट प्लान कैसा होना चाहिए, जानिए

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    सोरायसिस के मरीजों के लिए डाइट प्लान कैसा होना चाहिए, जानिए

    सोरायसिस त्वचा से संबंधित एक ऐसी बीमारी है, जिससे खासतौर पर घुटने, कोहनी, धड़ और खोपड़ी पर  लाल, खुजलीदार पपड़ी जम जाती है। सोरायसिस एक आम लेकिन लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। किंतु, इस बीमारी में होने वाले लक्षणों का इलाज संभव है। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन ला कर भी आप इस रोग में बेहतर महसूस कर सकते हैं। कुछ लोग जिन्हें सोरायसिस होता है, वो गठिया का ही एक रूप होता है जिसे सोरायटिक गठिया कहा जाता है। ऐसे में आपको सोरायसिस डाइट प्लान, लक्षण और कारण आदि के बारे में पता होना बेहद आवश्यक है।

    सोरायसिस का निदान करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण अन्य त्वचा रोगों की तरह हो सकते हैं। इसके निदान के लिए आपके डॉक्टर माइक्रोस्कोप की मदद से आपके लक्षणों के बारे में जान सकते हैं। सोरायसिस एक ऐसी बीमारी है जो लंबे समय तक रह सकती है, यहां तक ​​की जीवन भर भी। इस रोग को बदतर बनाने वाली चीजें इस प्रकार हैं: 

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  • संक्रमण
  • तनाव
  • रूखी त्वचा
  • कुछ दवाएं,  जैसे लिथियम,इंडोमिथैसिन, प्लाक्वेनिल, क्विनाक्राइन, क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन आदि।
  • सोरायसिस आमतौर पर वयस्कों में होता है। यह कभी-कभी जेनेटिक भी होता है। उपचार में क्रीम, दवाएं और हल्की चिकित्सा शामिल हैं।

    कारण 

    सोरायसिस डाइट प्लान से पहले इसके कारण के बारे में जान लें। सोरायसिस को इम्यून सिस्टम की समस्या माना जाता है। सोरायसिस के सबसे आम प्रकार को प्लाक सोरायसिस के रूप में जाना जाता है। जो कोशिकाओं में  होने वाला लगातार परिवर्तन है जिसके परिणामस्वरूप लाल पैच और अन्य समस्याएं होती हैं। सोरायसिस प्रतिरक्षा प्रणाली की खराबी के कारण होता है, यह बात पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इसमें जेनेटिक्स और पर्यावरणीय कारक दोनों एक भूमिका निभाते हैं।

    सोरायसिस के कारण इस प्रकार हैं: 

    • संक्रमण, जैसे गले में खराश या त्वचा में संक्रमण
    • मौसम, विशेष रूप से ठंड, शुष्क स्थिति
    • त्वचा में चोट जैसे कट, किसी कीड़े का काटना या गंभीर रूप से सनबर्न
    • तनाव
    • स्मोकिंग या सेकेंडहैंड स्मोक के सम्पर्क में आना 
    • अधिक अल्कोहल का सेवन
    • कुछ दवाईयां जिसमें लिथियम, उच्च रक्तचाप की दवाएं शामिल हैं

    सोरायसिस के मरीजों  को क्या खाना चाहिए

    फल और सब्जियां 

    सोरायसिस डाइट प्लान के बारे में जानने से पहले जानें कि इस रोग को दूर करने के लिए आपको क्या खाना चाहिएतरह-तरह के रंग के फल और सब्जियां खाने से सोरायसिस में होने वाली समस्याओं जैसे सूजन या जलन से छुटकारा मिलता है। इन फल और सब्जियों को खाने से आपका ब्लड प्रेशर कम होगा। इसके साथ ही दिल संबंधी समस्याएं भी दूर होंगी और ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहेगा।

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    मछली 

    मछली स्वस्थ डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं। इसके साथ ही इसमें सैचुरेटेड फैट कम होता है और ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने से दिल संबंधी समस्याएं और मेटाबोलिक सिंड्रोम से भी छुटकारा मिलता है।  सालमन, टूना, लेक ट्राउट मछली इसका अच्छा उदहारण है। इनके साथ ही अलसी के बीज, ओलिव आयल, कद्दू के बीज और अखरोट में भी ओमेगा 3s होता है।

    पर्याप्त पोषक तत्वों को पाने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें:

    • गाजर 
    • शकरकंदी
    • पालक
    • ब्रोकोली
    • ब्लूबेरी
    • स्ट्रॉबेरी

    सोरायसिस के मरीजों के लिए डाइट प्लान 

    सोरायसिस डाइट प्लान इस प्रकार होना चाहिए:

    सूजन दूर करने वाली डाइट

    सोरायसिस में जोड़ों में सूजन एक बड़ा लक्षण है। ऐसे में इसके रोगी को ऐसा आहार खाना चाहिए जिससे सूजन कम हो जैसे हरी सब्जियां, फल, मछली आदि।

    वजन कम करने वाली डाइट 

    सोरायसिस डाइट प्लान में आप वजन कम करने वाली डाइट अवश्य लेंअगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो कार्बोहायड्रेट, शुगर और वसा का सेवन कम कर दें। ऐसा करने से आपके जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा। जिन लोगों का वजन अधिक होता है। उन्हें यह समस्या होने की संभावना भी अधिक होती है।

    ग्लूटेन-फ्री डाइट

    सोरायसिस के लक्षणों को कम करने के लिए ग्लूटेन फ्री डाइट आपकी मदद कर सकता है। जो लोग सोरायसिस से पीड़ित होते हैं। उनमें से 25% लोग ग्लूटोन के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसलिए आपको अपने आहार में ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थीं को शामिल करना चाहिए जैसे फल, सब्जिया आदि। सोरायसिस डाइट प्लान में अनाज, मेवे, दूध से बने खाद्य पदाथों की जगह मछली अंडे, फल और सब्जियां खानी चाहिए। इससे सूजन कम होती है।

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    क्या न खाएं

    सोरायसिस डाइट प्लान में जानें हमें क्या नहीं खाना चाहिए

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    रेड मीट 

    रेड मीट में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड वसा अधिक होता है। इसलिए इसका सेवन न करें इसकी जगह चिकन, मछली, बीन या टोफू लें।

    प्रोसेस्ड आहार  

    प्रोसेस्ड आहार का भी कम सेवन करें जैसे मैदा आदि। इसकी जगह साबुत आनाज, डाले आदि का सेवन करें।

    रिफाइंड चीनी 

    रिफाइंड चीनी का सेवन करने से भी इस रोग की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए मिठाई, चॉकलेट आदि इसकी जगह आप फलों का सेवन करें।

    दूध और दूध वाले खाद्य पदार्थ 

    कुछ लोग जो सोरायसिस से पीड़ित होते हैं। अगर वो दूध और दूध वाले पदार्थों का सेवन करते हैं तो उनमें सोरायसिस के लक्षण और भी बदतर हो सकते हैं। सही और संतुलित आहार से आपको फायदा होगा। इससे आपका स्वास्थ्य सुधरेगा। मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप सहित सोरायसिस से जुड़ी बीमारियों में अपने खानपान का ध्यान रखने से आपके लक्षण कम होंगे। सोरायसिस डाइट प्लान के बारे में अच्छे से पहले ही जान लें।

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    अन्य उपाय 

    धूम्रपान न करें

    सोरायसिस की समस्या और लक्षणों में राहत पाने के लिए सबसे पहले अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो उसे छोड़ दें।

    अदरक और हल्दी

    सोरायसिस से पीड़ित मरीजों को अपने आहार में अदरक और हल्दी जो सूजन को रोकने में प्रभावी है। इन्हें भी अपने डाइट प्लान का हिस्सा बनाएं।

    कम अल्कोहल 

    शोध के मुताबिक अगर आप सोरायसिस की समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं। तो अल्कोहल को कम मात्रा में लें, इससे आपका उपचार अधिक प्रभावी होता है।

    वजन कम करें

    अगर आपको यह समस्या है और आप का वजन अधिक है। तो पहले उसे कम करें, इससे इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।

    व्यायाम

    व्यायाम करने से सोरायसिस के नकारात्मक प्रभाव कम करने में मदद मिलती है। इससे आपका वजन कम होगा और साथ ही तनाव चिंता और अवसाद आदि से भी छुटकारा मिलता है।

    डॉक्टर की सलाह लें

    सोरायसिस एक जीवनभर की समस्या है, इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर आपके लिए सही उपचार की सलाह दे सकते हैं। इसके साथ ही वो सोरायसिस को बदतर बनाने वाले लक्षणों से बचाने के लिए इसे नियंत्रित कराने में आपकी मदद कर सकते हैं। इससे आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। शुरुआत में, अगर आपको इस समस्या का पता चल जाए तो उपचार करना आसान हो सकता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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