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धूम्रपान से दांतों को नुकसान: स्मोकिंग की लत दांतों को कर सकती है धुआं-धुआं

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/10/2020

    धूम्रपान से दांतों को नुकसान: स्मोकिंग की लत दांतों को कर सकती है धुआं-धुआं

    धूम्रपान(Smoking) से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों के बारे में अधिकतर लोग बखूबी वाकिफ हैं, लेकिन इसके बाद भी धूम्रपान के आदी इससे दूरी नहीं बना पाते। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि स्मोकिंग न सिर्फ कई बीमारियों को जन्म देती है बल्कि, आपकी पर्सनैलिटी से जुड़े एक महत्वपूर्ण हिस्से यानी दांतों को भी खराब करती है। जानें कैसे स्मोकिंग से दांतों को नुकसान पहुंचता है और आप समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं।

    धूम्रपान से दांतों को नुकसान कैसे पहुंचता है?

    स्मोकिंग से गम्स के टिशू सेल पर बुरा असर पड़ता है। धूम्रपान से दांतों को नुकसान पहुंचाने के लिए बैक्टीरियल प्लाक भी जिम्मेदार होता है। बैक्टरीरियल प्लाक काफी मात्रा में बनता है। इससे मसूड़ों की बीमारी होती है। स्मोकिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन में ऑक्सिजन की कमी होती है और मसूड़े प्रभावित होते हैं।

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    किस तरह का असर पड़ता है दांतों पर?

    धूम्रपान से दांतों को नुकसान अंदरुनी और बाहरी दोनों तौर पर होता है। यह दांतों की सुंदतरता और मजबूती दोनों को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।

    1. गोंद की बीमारी– दरअसल धुएं में निकोटीन होता है, जो बैक्टीरिया के विकास के विकास में काफी मदद करता है। इससे प्लाक बनता है और यह दांतों में गोंद की बीमारी को जन्म देता है।

    2. पेरियोडोंटल बीमारी– अगर कोई ज्यादा स्मोकिंग करता है, तो उसके पेरियोडोंटल (Periodontal) बीमारी की चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है। दरअसल, धुएं में मौजूद निकोटिन हड्डियों में खनिजों की मात्रा को कम करता है, इससे पेरियोडोंटल (Periodontal) बीमारी के मामले बढ़ते हैं।

    3. सूजन व पस का बनना– धूम्रपान करने वालों में काले दाग आम बात हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक तरफ जहां ये मसूड़ों की उचित सफाई की अनुमति नहीं देते हैं, वहीं दूसरी तरफ दर्द व सेंसिटिविटी को निरंतर बढ़ावा देते हैं। इससे मसूड़ों में सूजन हो जाती है और पस बनने लगता है।

    4. मसूड़ों की बीमारी को दबाना– धूम्रपान का एक और सबसे बड़ा नुकसान ये है कि यह मसूड़े की बीमारी का पता नहीं चलने देता। इससे शुरुआत में बीमारी का पता नहीं चल पाता। इस बीच स्मोकिंग से दांत और सहायक ऊतक (Accessory tissue), संक्रमित होने लगते हैं और धीरे-धीरे आपके दांत कमजोर होने लगते हैं।

    5. मसूड़े कमजोर होने और बदबू की समस्या– धूम्रपान करने से मसूड़े भी कमजोर होने लगते हैं। यही नहीं दांतों की वजह से मुंह से बदबू भी आने लगती है।

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    दांतों की देखभाल कैसे करें?

    धूम्रपान से दांतों को नुकसान की चर्चा के बाद इनकी देखभाल की बात भी जरूरी है। अब बात करेंगे कि आखिर कैसे आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने दांतों को सुरक्षित रख सकते हैं?

    स्मोकिंग छोड़ने का प्रयास करें

    दांतों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सबसे बेहतर यही है कि आप धूम्रपान छोड़ दें। शुरुआत में आपको दिक्कत हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे अगर कोशिश करें तो आप सफल हो सकते हैं। अगर एकदम से छोड़ना बहुत मुश्किल है, तो पहले आप दिन में जितनी सिगरेट पीते हैं पहले उसे घटाएं।

    डेंटिस्ट से मिलें

    अगर आप धूम्रपान नहीं छोड़ पा रहे हैं और दांत भी खराब हो रहे हैं, तो बिना देरी किए आपको डेंटिस्ट से चेकअप कराना चाहिए। डेंटिस्ट दांतों की सफाई की सलाह देने के साथ ही कई अन्य जरूरी सावधानियां भी बता सकता हैं, जो आपके काफी काम आएंगी।

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    कुछ खास टीथ प्रोडक्ट का करें इस्तेमाल

    आप दांतों को ठीक रखने के लिए कुछ स्पेशल टीथ प्रोडक्ट भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में धूम्रपान करने वालों के लिए स्पेशल टूथपेस्ट मोजूद हैं, जो आम टूथपेस्ट से अलग होते हैं। ये आपके दांतों से गंदगी हटाते हैं।

    दिन में दो बार करें दांतों की सफाई

    आप अगर दांतों को साफ व स्वस्थ रखना चाहते हैं तो दिन में कम से कम दो बार नियमित रूप से ब्रश करें। जितनी बार भोजन करें, उतनी बार पानी के साथ अच्छे से कुल्ला करें।

    दांतों की सफाई

    आपको नियमित रूप से एक समय अवधि में अपने दांतों की स्केलिंग, रूट प्लानिंग और उनकी क्लिनिकल सफाई भी करनी चाहिए। धूम्रपान(Smoking) कई लोगों खासकर युवाओं के लाइफ स्टाइल का सबसे जरूरी हिस्सा बन चुका है। यही वजह है कि वे इसके हर खतरों को नजरअंदाज करते हैं। स्मोकिंग न सिर्फ कई बीमारियों को जन्म देता है, बल्कि ये आपकी पर्सनैलिटी से जुड़े एक महत्वपूर्ण हिस्से यानी दांतों को भी खराब करता है।

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    स्मोकिंग के साथ-साथ इन चीजों से भी करें परहेज

    • कैंडीज दांतों में चिपक जाती हैं। कैंडी में कई तरह के एसिड होते हैं। ये एसिड्स दांतों पर लम्बे समय तक बने रहते हैं। इस वजह से दांतों में सड़न की संभावना बढ़ जाती है।
    • वाइट ब्रेड खाते ही लार स्टार्च को शुगर में तोड़ना शुरू कर देती है। ब्रेड दांतों के बीच में चिपक जाता है। इस वजह से दांतों को नुकसान पहुंचता है।
    • एल्कोहॉल के सेवन से लार कम बनती है। सलाइवा या लार दांतों को स्वस्थ रखने के साथ ही खाने को दांतों में चिपकने से रोकती है। दांतों की समस्या से बचना चाहते हैं तो मुंह को हाइड्रेट रखें।
    • अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के मुताबिक किसी भी कठोर पदार्थ को चबाने से इनेमल को नुकसान हो सकता है। बर्फ से भी दांतों को दिक्कत हो सकती है।
    • धूम्रपान से दांतों को नुकसान पहुंचता है लेकिन कोल्ड ड्रिंक्स भी दांतों को नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं होती। कोल्ड ड्रिंक्स को कार्बोनेटेड पानी से बनाया जाता है। इसकी वजह दांत और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं।
    • आलू के चिप्स मोटापा ही नहीं दांतों की सेहत के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। इनमें स्टार्च होने की वजह बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं। इस वजह से दांतों को नुकसान पहुंचता है।

    दांतों की देखभाल के साथ ही जीभ को साफ करना भी ना भूलें। चूंकि ओरल हेल्थ कई अन्य बीमारियों की जड़ हो सकती है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

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