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मसूड़े में खुजली से क्या आप भी परेशान हैं? जानें इलाज और रोकथाम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/07/2020

    मसूड़े में खुजली से क्या आप भी परेशान हैं? जानें इलाज और रोकथाम

    क्या आपको भी मुंह के भीतर अजीब सा लगता है? ये सेंसेशन दांतों और मसूड़ों में होती है? ऐसे में आप अगर टूथब्रश लेकर अपने मुंह के अंदर सहलाते हैं तो आपको राहत मिलती है, तो अगर आपका जवाब हां है तो आपको मसूड़े में खुजली हो रही है। आपको ये बात शायद अजीब लगे लेकिन सच में मसूड़े में खुजली होती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मसूड़े में खुजली होने के कारण क्या हैं, इसका इलाज क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

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    इची गम्स या मसूड़े में खुजली होना क्या है?

    मसूड़े में खुजली होने के लिए कई अलग-अलग हेल्थ कंडिशन जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें मसूड़ों की बीमारी, एलर्जी, हॉर्मोनल चेंज और बहुत कुछ शामिल हैं। जब मसूड़ों में खुजली होने का पता चल जाए तो आप इसका इलाज ढूंढ सकते हैं और खुजली को रोक सकते हैं।

    डेंटल हेल्थ आपके दांतों से आगे की बात होती है। जिसमें सिर्फ दांतों का ही नहीं बल्कि मसूड़ों का भी ध्यान रखना पड़ता है। आपके मसूड़े नाजुक ऊतक के बने होते हैं, जो आपके दांतों, उसकी जड़ों और नसों की सुरक्षा करते हैं। मसूड़े सेंस्टिव होते हैं, जिसके कारण उन्हें देखभाल की भी जरूरत होती है। मसूड़ों में समस्याएं होने का कारण कई तरह की क्रॉनिक डिजीज भी हो सकती हैं। 

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    मसूड़ों में खुजली के लक्षण क्या हैं?

    मसूड़े में खुजली होने के लक्षण निम्न हैं :

    मसूड़े में खुजली होने के कारण क्या हैं?

    मसूड़ों में खुजली होने के कारण निम्न हैं :

    जिंजिवाइटिस 

    मसूड़ों में सूजन की शिकायत होती है, जिसे जिंजिवाइटिस कहते हैं। मसूड़ों में सूजन से भारत में लगभग 10 लाख लोग परेशान हैं। जिंजवाइटिस गंभीर बीमारी नहीं है, पर अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो गंभीर पेरिओडोन्टल (दांत संबंधित) बीमारी होने की आशंका हो सकती है। 

    प्लाक का जमा होना

    दांतों की सबसे सामान्य समस्या होती है बैक्टीरिया की। यही बैक्टीरिया भोजन के अवशेषों के साथ मिलकर मसूड़ों और दांतों के बीच की जगह में जमा हो जाते हैं, जिसे प्लाक (plaque) कहा जाता है। ये प्लाक दांतों पर एक कठोर परत बना देते हैं, जिसकी वजह से मसूड़ों में सूजन होती है और खून भी आने लगता है। 

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    मसूड़ों में घाव

    मसूड़ों में घाव अक्सर ट्रामा या इंजरी के कारण हो जाता है। जिसके कारण दर्द, असहज महसूस होना और खुजली की समस्या हो सकती है। किसी एक्सीडेंट या स्पोर्ट्स आदि के दौरान आपको माउथ इंजरी हो सकती है। वहीं, मसूड़ों में घाव दांत पीसने के कारण भी हो सकता है। दांत पीसने को ब्रक्जिम (Bruxism) कहते हैं। जिस कारण से सिरदर्द, जबड़ों में दर्द और मसूड़ों में खुजली होने लगती है। मसूड़े में खुजली ई-सिगरेट और वैपिंग के कारण भी हो सकती है। 

    हॉर्मोन में बदलाव के कारण 

    हॉर्मोन में परिवर्तन के कई कारण हो सकते हैं जैसे की गर्भावस्था, मेनोपॉज, या फिर किशोरावस्था। ऐसे स्थितियों में मसूड़े के ब्लड वेसल्स में खून का दबाव बढ़ जाता है। जिससे मसूड़े बैक्टीरिया की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

    एलर्जिक रिएक्शन के कारण

    सेंस्टिविटी या एलर्जी के कारण भी मसूड़े में खुजली की समस्या हो सकती है। कई बार हम ऐसे फूड्स, दवाएं खा लेते हैं जिससे हमें एलर्जी होती है और हम मुंह से अंदर खुजली महसूस करते हैं। 

    ड्राई माउथ के कारण

    लार मुंह को गीला रखने का काम करती है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया की मात्रा कम हो जाती है, लेकिन अगर लार नहीं बनता या कम बनता है तो ये सीधे-सीधे बैक्टीरिया को आमंत्रण देता है। जिससे ड्राई माउथ होने से हमारे मसूड़े में खुजली हो सकती है।

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    मसूड़े में खुजली के उपाय क्या हैं?

    मसूड़े में खुजली के उपाय के लिए दवाएं और घरेलू उपचार दोनों हैं, लेकिन दोनों में से किसी का भी प्रयोग करते समय आपको अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।

    दवाओं और इक्विप्मेंट्स से मसूड़े में खुजली का इलाज

    1. एंटीहिस्टामिन : अगर एलर्जी के कारण मसूड़ों में खुजली हो रही है तो एंटीहिस्टामिन उसे रोकता है।
    2. टीथ गार्ड : अगर आपको सोते समय दांत पीसने की आदत है और ये मसूड़ों में खुजली की वजह बनता है तो आपको रात में सोते समय टीथ गार्ड पहन कर सोना चाहिए। 
    3. प्लाक स्केलिंग : ब्रश करने से हमारे मुंह से प्लाक पूरी तरह से नहीं निकल पाता है। ऐसे में हमें प्लाक को साफ करने के लिए प्लाक स्केलिंग करनी चाहिए। 
    4. लेजर ट्रीटमेंट : टार्टर के कारण खुजली होने पर डॉक्टर द्वारा लेजरिंग की जाती है। जिससे प्लाक साफ होता है और खुजली नहीं होती है। 

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    मसूड़े में खुजली के घरेलू इलाज

    सॉल्ट वॉटर

    मसूड़ों में खुजली के घरेलू उपाय में नमक का पानी आपके बेहद काम आने वाली चीज है। 2016 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक नमक का पानी मसूड़ों को हील करने में मददगार होता है। नमक एक प्राकृतिक डिसइंफेक्टेंट है, जो घाव को हील होने में मदद करता है। नमक पानी मसूड़ों में जलन को कम करता है। बैक्टीरिया को कम करने के साथ दर्द से राहत देता है। नमक पानी के द्वारा खाने के अवशेष निकल जाते हैं। 

    इसके लिए आपको हल्के गर्म पानी में आधा या¾ चम्मच नमक मिला लें। इस सॉल्यूशन को अपने मुंह में 30 सेकेंड तक रख कर पूरे मुंह में फैलाएं। फिर इसे थूंक दें। ऐसा दिन में दो या तीन बार ऐसा करें, लेकिन लंबे समय तक नमक पानी का इस्तेमाल करने से टूथ इनेमल पर नकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही नमक पानी की ज्यादा मात्रा भी दांतों का क्षरण कर देता है।

    आइस क्यूब

    मुंह में एक बर्फ का टुकड़ा लें और उसे कैंडी की तरह घुमाकर पूरे मुंह में चूसें। जिससे आपका मुंह अंदर से हाइड्रेट होता है और खुजली बंद हो जाती है। 

    लाइफ स्टाइल में करें बदलाव

    अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो बंद कर दें। स्मोकिंग बंद करने से आपके मसूड़े में खुजली भी बंद हो सकती है। वहीं, ऐसे फूड्स कतई न खाएं जिससे आपको कोई एलर्जी हो। 

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    मसूड़े में खुजली से कैसे बचें?

    मसूड़ों में होने वाली खुजली से बचने का बस एक ही तरीका है कि ओरल हाइजीन का ध्यान रखा जाएं।

    डालें दिन में दो बार ब्रश करने की आदत

    ओरल केयर का सबसे अच्छा तरीका है कि दांतों को दिन में दो बार दो से तीन मिनट तक ब्रश किया जाए। इससे प्लाक के जमने की संभावना कम हो जाती है। प्लाक दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। जो दांतों व मसूढ़ों को खराब कर कैविटी और सूजन (गिंगिवाइटिस) का कारण बनता है। नियमित रूप से ब्रश न करने पर यह परत और भी ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं

    टूथपेस्ट सही चुनें

    फ्लोराॅइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। इससे दांतों की बाहरी परत इनेमल को मजबूती मिलती है और दांतों को सड़न से बचाने में भी मदद मिलती है। अगर माउथवॉश चुन रहे हैं, तब भी फ्लोराइड युक्त माउथवॉश चुनें।

    टूथब्रश हो मुलायम

    टूथपेस्ट के साथ-साथ टूथब्रश भी असरदार होना चाहिए। हमेशा याद रखें कि ब्रश के ब्रिसल्स मुलायम हों, जिससे दांतों की सफाई भी हो जाए और मसूड़ों को नुकसान भी न हो। साथ ही हर तीन महीने में अपना ब्रश बदलें, लेकिन अगर ब्रश के ब्रिसल्स उससे पहले भी सख्त हो जाते हैं तो उसे बदल सकते हैं।

    फ्लॉसिंग को न करें इग्नोर 

    मुंह में दांतों और मसूड़ों के अलावा ऐसी कई जगह हैं जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता है। इन जगहों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग सही रहती है जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर खाद्य पदार्थों के अवशेषों को बाहर निकालती है। 

    ब्रश करने का तरीका भी जानना है जरूरी

    आप ब्रश दिन में दो बार करते हैं तो अच्छी बात है, लेकिन ब्रश करने का तरीका कितना सही है। ब्रश करने का सही तरीका यह है कि ब्रश को दांतों के इनेमल यानी जोड़ पर ऊपर से नीचे और दाएं से बाएं की ओर करें। इसके अलावा दांतों की साफ-सफाई के साथ जीभ की सफाई का भी ध्यान रखें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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