मसूढ़े को भी मजबूत करता है माउथवॉश
ओरल हाइजीन की बात होने पर सभी दांतों की ही बात करते हैं। ऐसे में हम अक्सर मसूढ़ों को अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में कीटाणु यहां हमला कर देते हैं, जिससे मसूढ़ों में कई तरह की दिकक्त का सामना करना पड़ता है। इसमें मसूढ़ों में सूजन से लेकर खून निकलना तक शामिल है। साथ ही यह भी याद रखें कि मजबूत दांतों के लिए स्वस्थ्य मसूढ़े बहुत जरूरी हैं। मसूढ़ों की सफाई के लिए सॉफ्ट ब्रिस्टल्स वाले टूथब्रश से धीरे-धीरे ब्रश करने की जरूरत होती है या फिर आपको कीटाणुओं को सफाया करने के लिए माउथवॉश का सहारा लेने की जरूरत पड़ सकती है।
दांतों को भी चमकाता है माउथवॉश
माउथवॉश में हाइड्रोजन परॉक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। यह दांतों को सफेद रखने में मदद कर सकता है। रोजमर्रा की डायट में शामिल कई फूड आयटम्स जैसे कि चाय, कॉफी या रेड वाइन से भी आपके दांतों की सफेदी फीकी पड़ सकती है। इसके अलावा खाने में इस्तेमाल होने वाले कलर या हल्दी से भी दांतों की चमकान कम हो सकती है। ऐसे में माउथवॉश में मौजूद हाइड्रोजन परॉक्साइड दांतों की सफेदी वापस पाने में आपकी मदद कर सकता है।
माउथवॉश के नेगेटिव असर की बात की जाए, माउथवॉश में सोडियम होता है, जो हाइपरटेंशन के लिए खतरा बन सकता है। कई बार हम गलती से माउथवॉश को निगल भी जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। बेहतर यही होगा कि अपने डेंटिस्ट से मिलकर अपनी जरूरत के लिहाज से सही माउथवॉश का चयन करें। उनसे यह भी जान लें कि ब्रशिंग-फ्लॉसिंग के साथ इसका कितनी देर के बाद और दिन में कितनी बार इस्तेमाल करना है।
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माउथवॉश (Mouthwash) में होते हैं केमिकल्स
माउथवॉश में कई तरह के केमिकल्स का प्रयोग किया जाता हैं, जो निगले जाने पर शरीर के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकते हैं। कुल्ला करते समय कभी-कभी ये विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर भी चले जाते हैं। माउथवॉश में प्रयोग किए जाने वाले कुछ केमिकल्स जैसे क्लोर्हेक्सिडाइन ग्लूकोनेट (chlorhexidine gluconate), इथेनॉल (ethyl alcohol) और मिथाइल सैलिसिलेट निगले जाने पर सेहत के लिए काफी जहरीले हो सकते हैं। इथेनॉल और एल्कोहॉल जैसे रसायन ही ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।