छह से 19 वर्ष की आयु के बीच के लोगों में कैविटी और दांतों में होने वाली सड़न काफी आम है। ऐसा दांतों पर बैक्टीरिया के जमने से होता है, जो खाद्य पदार्थों की वजह से होता है। ज्यादातर खाने से एसिड का उत्पादन होता है, जिससे दांतों की सबसे ऊपरी परत यानी इनेमल (enamel) को नुकसान पहुंचता है। परिणामस्वरूप दांतों की प्रॉब्लम शुरू होने लगती हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि आप किस तरह के खाने को अवॉइड करके दांतों की सैंकड़ों परेशानियों से बच सकते हैं।
कैसे खराब होते हैं दांत?
“हैलो स्वास्थ्य’ से आरकेडीएफ डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, भोपाल की डॉ. पूजा सिंह ने कहा, “दांतों में होने वाली आम समस्याओं जैसे कैविटी, दांत दर्द, मसूड़े में दर्द, दांतों का पीलापन, मसूड़ों से खून आना आदि ऐसी समस्याएं है, जो अगर लगातार बनी रहें तो दांत कमजोर हो सकते हैं। दांतों की मजबूती बनी रहे इसके लिए खाने में कैल्शियम और फॉस्फोरस को नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। साथ ही एसिडिक फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से परहेज करना चाहिए। दरअसल, दांतों की प्रॉब्लम से बचने के लिए जितना जरूरी है उनकी साफ-सफाई करना, उससे कहीं ज्यादा आवश्यक यह जानना है कि अच्छी ओरल हेल्थ के लिए क्या नहीं खाना चाहिए? जानें ऐसी ही 7 चीजों के बारे में जिनको डायट से हटाकर दांतों की प्रॉब्लम से बचा जा सकता है-
खट्टी-मीठी कैंडी (Candies)
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खट्टी-मीठी कैंडी हर उम्र के लोगों को पसंद होती है। कुछ कैंडीज दांतों में चिपक जाती हैं और आसानी से बाहर नहीं निकलती है। आपको बता दें कि खट्टी कैंडी में ज्यादा मात्रा में और कई तरह के एसिड होते हैं। ये एसिड्स आपके दांतों पर लम्बे समय तक बने रहते हैं। इस वजह से दांतों में सड़न की संभावना बढ़ जाती है। यदि आपको मीठा खाने का मन भी करे तो कैंडी की बजाय चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा खाना बेहतर होगा।
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वाइट ब्रेड्स (White Breads)
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वाइट ब्रेड को खाने से पहले दो बार सोचें क्योंकि ब्रेड्स को खाना दांतों की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। ब्रेड्स खाते ही, लार स्टार्च को शुगर में तोड़ना शुरू कर देती है। चिपचिपे पेस्ट जैसे पदार्थ में बदला हुआ ब्रेड दांतों के बीच में चिपक जाता है। इस वजह से दांतों को काफी नुकसान पहुंचता हैं। हालांकि, होल वीट ब्रेड को कभी-कभी खाया जा सकता है क्योंकि इनमें शर्करा की मात्रा कम होती है।
एल्कोहॉल से बचें (Alcohol)
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क्या कभी ऐसा महसूस किया है कि जब भी आप एल्कोहॉल का सेवन करते हैं, तो आपका मुंह सूखा रहता है? मुंह में सूखेपन की वजह से लार कम बनती है। सलाइवा या लार, दांतों को स्वस्थ रखने के साथ ही यह भोजन को आपके दांतों में चिपकने से भी रोकती हैं। यह दांतों की सड़न, मसूड़ों की बीमारी और कई तरह के ओरल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षणों को ठीक करने में भी मदद करती है। इसलिए, दांतों की प्रॉब्लम से बचने के लिए मुंह को हायड्रेट रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा अत्यधिक काफी और चाय की वजह से भी आपके मुंह में सूखापन हो सकता है।
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बर्फ (Ice)
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आपको लगता होगा कि बर्फ से दांतों को कोई नुकसान नहीं होता होगा लेकिन, ऐसा नहीं है। अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार “किसी भी कठोर पदार्थ को चबाने से इनेमल को नुकसान हो सकता है।’ बर्फ का उपयोग पेय पदार्थों को ठंडा करने के लिए करें लेकिन, इसे चबाना दांतों की प्रॉब्लम को दावत देने जैसा है।
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साइट्रस फ्रूट्स (Citrus Fruits)
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संतरे, अंगूर और नींबू जैसे सिट्रस फल विटामिन-सी से भरपूर होते हैं लेकिन, उनमें मौजूद एसिड इनेमल (दांतों की सबसे ऊपरी परत) को नष्ट कर सकती है। यहां तक कि नींबू पानी से भी एसिड बढ़ जाता है। साथ ही, साइट्रस फ्रूट्स से निकलने वाला एसिड मुंह के घावों को और बेकार कर सकता है। यदि आप इन फलों में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स को लेना चाहते हैं, तो इन्हें हमेशा मॉडरेशन में लें और बाद में पानी से कुल्ला करें। इससे दांतों की प्रॉब्लम भी नहीं होगी।
चिप्स (Chips)
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बहुत से लोग भूख को शांत करने के लिए ट्रेवलिंग के दौरान आलू के चिप्स खाते हैं। आपको बता दें ये आलू के चिप्स दांतों की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते हैं। इनमें काफी ज्यादा मात्रा में स्टार्च होता है। स्टार्च होने की वजह ये बैक्टीरिया के लिए अच्छा भोजन बनते हैं। ये बैक्टीरिया आपके दांतों को भी नुकसान पहुंचाते हैं और इससे आपके दांत कमजोर होकर सड़ भी सकते हैं। याद रखें आप जब भी चिप्स खाएं उसके बाद अच्छे से कुल्ला जरूर करें, ताकि दांतों में मौजूद चिप्स के छोटे से छोटे कण भी निकल जाएं।
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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (Carbonated Drinks)
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यह तो सबको पता ही है कि सेहत के लिए कोल्ड ड्रिंक्स लिवर के लिए हानिकारक होती है। लेकिन, इसके ज्यादा सेवन से दांतों की समस्या भी हो सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स में ज्यादा मात्रा में शुगर होता है। इसके अलावा इन्हें कार्बोनेटेड पानी से बनाया जाता है जिसकी वजह से ये एसिडिक भी होती हैं। इससे दांत कमजोर हो जाते हैं और मसूड़ों में उनकी पकड़ कमजोर होती है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार “कार्बोनेटेड सोडा की ज्यादा मात्रा में उपयोग से दांतों पर वैसा ही बुरा असर होता है जैसा मेथम्फेटामाइन (methamphetamine) और कोकीन के इस्तेमाल से दांत प्रभावित होते हैं।’
ड्राय फ्रूट्स
कई तरह के ड्रायफ्रूट्स जैसे एप्रिकोट, किशमिश खाने के बाद दांत में चिपक जाते हैं। इसके साथ ही ये दांतों के बीच में ये शुगर छोड़ जाते हैं, जिससे दांतों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में ड्रायफ्रूट खाने के बाद ब्रश और कुल्ला करना न भूलें।
सीडीसी की मानें तो 14 से 17 साल की उम्र में किशोरों को होने वाली दांतों में सड़न अस्थमा की तुलना में चार गुना अधिक आम है। लेकिन, अक्सर लोग ओरल हेल्थ को काफी नजरअंदाज करते हैं। जबकि दांतों की देखभाल न करने से कई तरह की बड़ी बीमारियों की होने की संभावना बढ़ सकती है जैसे- एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis), ह्रदय की समस्याएं (Cardiovascular disease), निमोनिया (Pneumonia) आदि। इसलिए, ऊपर बताई गई खाने-पीने की चीजों को दांतों की प्रॉब्लम से बचने के लिए इग्नोर करें।