दांत की एक्सट्रेक्शन के बाद छाले (Mouth Ulcers Post Tooth Extraction)
दांत निकालने की प्रक्रिया दर्दनाक होती है। अगर अकल दाढ़ पूरी तरह से नहीं निकल पाती है या फिर सीध में नहीं होती है, तो उसे निकालने के दौरान ज्यादा समस्या होती है। ऐसे में एक्सट्रेक्शन साइट की हीलिंग भी दिक्कतभरी हो जाती है। जब दांतों को निकाला जाता है, तो दांत के आसपास की त्वचा में कुछ घिसाव हो जाता है, जो मुंह के छाले का कारण बनता है। सभी टूथ एक्सट्रेक्शन (Tooth Extraction) के बाद ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है। दांतों को निकलवाने के बाद मुंह में छाले आम समस्या है। मुंह में अल्सर की समस्या के कारण खाने में दिक्कत के साथ ही छालों में दर्द की समस्या भी होती है। अगर आपने हाल में टूथ एक्सट्रेक्शन करवाया है, तो एक से दो दिन बाद डेंटिस्ट से दोबारा चेकअप जरूर कराएं। अगर आपको खाने में दिक्कत हो रही हो या फिर गम के आसपास जलन का एहसास हो रहा हो, तो आपको जांच जरूर करानी चाहिए। अगर छाले का इलाज न कराया जाए, तो ये घाव बन सकता है।
स्ट्रेस के कारण हो सकता है माउथ अल्सर (Stress Causes Mouth Ulcers)
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि सायकोलॉजिकल स्ट्रेस भी माउथ अल्सर का कारण बन सकता है। स्ट्रेस के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और साथ ही इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। हो सकता है कि दांतों को निकालने के बाद मुंह में अल्सर का कारण स्ट्रेस हो। ऐसा कुछ केसेज में संभव हो सकता है।
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टिशू इंजुरी के कारण हो सकता है माउथ अल्सर (Tissue Injury Leads to Mouth Ulcers)
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि दांत को निकालने के दौरान आसपास के स्थान में रगड़ लग सकती है, तो ऊतकों या टिशू को नुकसान पहुंचाती है। मुंह के अंदर के टिशू को नुकसान पहुंचने पर अल्सर की समस्या हो जाती है। जब दांत अंदर की तरफ दबी हुई होती है, तो डेंटिस्ट को दाढ़ निकालने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। इस कारण से गम के चारों ओर के टिशू को नुकसान पहुंच सकता है। गम के आसपास छोटे घाव मुंह के अल्सर का कारण बन सकते हैं। अगर अल्सर माइनर होता है, तो कुछ ही दिनों बाद ठीक हो जाता है। दांत की एक्सट्रेक्शन के बाद छाले (Mouth Ulcers Post Tooth Extraction) सभी को हो, ये जरूरी नहीं है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
ड्राय सॉकेट (Dry Socket) के कारण मुंह में अल्सर की समस्या
जब एक्सट्रेक्शन साइट पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती है या फिर घाव पूरी तरह से भर नहीं पाता है, तो भी ये मुंह में अल्सर का कारण बन सकता है। एक्सट्रेक्शन के बाद इस स्थान ब्लड क्लॉट (Blood clot) की समस्या हो सकती है। अगर एक्सट्रेक्शन के स्थान में घाव नहीं भरा है या फिर आपको पानी या कोई गर्म पेय दातों में समस्या पैदा कर रहा है, तो आपको डेंटिस्ट को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। दांतों को निकालने के एक हफ्ते बाद तक घाव भर जाता है। अगर दांत अधिक दबा हुआ था, तो घाव को भरने में अधिक समय लग सकता है। वहीं अल्सर की समस्या सात से दस दिनों बात ठीक हो जाती है। डॉक्टर आपको मुंह के अल्सर के लिए एक जैल देंगे, तो रोजाना छोले के ऊपर लगाया जाता है। अगर आपके मुंह के छाले सात से 10 दिनों बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से इस संबंध में बात करनी चाहिए।