रुटीन का पालन करें
अगर आप रोजाना एक ही समय पर सोते हैं और रोज़ाना इसका पालन करते हैं। तो इससे आपको रोजाना सही समय पर सोने और आराम मिलने में मदद मिलेगी। यही नहीं, आपको पर्याप्त नींद (Enough sleep) के साथ ही साउंड स्लीप (Sound sleep) भी मिलेगी।
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टेक्नोलॉजी को नजरअंदाज करें
सोने के एक घंटे पहले तक स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर और टीवी का प्रयोग न करें। इस तरह की डिवाइस एक नीली रोशनी का उत्सर्जन करती है, जो नींद के हार्मोन मेलाटोनिन को दबा देती है। जिससे पर्याप्त नींद (Enough sleep) में समस्या आती है।
शांत वातावरण बनाएं
शांत वातावरण में सोना आपकी नींद की गुणवत्ता (Quality sleep) को सुधारेगा। इसके लिए सुनिश्चित करें कि आपका बिस्तर आपको सही सपोर्ट, आराम और स्पेस प्रदान करें। इसके साथ ही आपके कमरे का तापमान सही होना चाहिए।
सोने के लिए खाद्य पदार्थ
सेहतमंद भोजन करने से आमतौर पर साउंड स्लीप (Sound sleep) में सुधार होता है लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ विशेष रूप से इसमें फायदेमंद होते हैं, जैसे दूध, चिकन,सब्जियां और फल आदि। इनमें रसायन ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) और सेरोटोनिन (Serotonin) होते हैं, जो मेलाटोनिन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो हार्मोन नींद को बढ़ावा देता है।
इनका सेवन न करें
सोने से पहले कॉफी, शराब और अधिक मात्रा में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। कई लोगों की दोपहर में कॉफी या अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन से भी साउंड स्लीप (Sound sleep) प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा जंक फूड, अधिक मिर्च-मसालेवाले आहार भी आपकी नींद के चक्र पर असर ड़ाल सकता है।
फिट रहें और सक्रिय रहें
शारीरिक गतिविधियां पर्याप्त नींद (Enough sleep) के साथ ही आपके स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि अगर वे सोने से दो घंटे पहले व्यायाम करते हैं, तो इससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। लेकिन रोजाना व्यायाम करने और सक्रिय रहने से आपको अच्छी नींद आती है।
नींद की गुणवत्ता (quality sleep) पर ध्यान दें
हम अक्सर इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हम कितनी देर तक सो रहे हैं, लेकिन नींद की गुणवत्ता (Quality sleep) उतनी ही महत्वपूर्ण है। हम पांच चरणों में सोते हैं, जिसे हम एक चक्र में अनुभव करते हैं, रात में लगभग पांच बार। लेकिन, रात में उठना, उदाहरण के लिए बाथरूम जाना, इस चक्र को बाधित कर सकता है और आप बाद के चरणों तक नहीं पहुंच सकते। इस कारण से, बिस्तर पर जाने से पहले बहुत सारे तरल पदार्थ लेने से बचना एक बेहतर उपाय है।

लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टर्स कैसे हमारी नींद को प्रभावित करते हैं?
हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े कई कारक हमारी रात की साउंड स्लीप (Sound sleep) को प्रभावित करते हैं। हालांकि कुछ कारकों को हम नियंत्रित भी कर सकते हैं, जैसे:
- तनाव में रहने से व्यक्ति रात को अपनी समस्याओं, डेडलाइन और अन्य चीजों को लेकर चिंता कर सकता है। यह तनाव पर्याप्त नींद (enough sleep) न आने का कारण हो सकता है।
- वातावरण जिसमें हम सोते हैं वो भी हमारी नींद को प्रभावित करता है। जैसे उस स्थान पर आपको कितना आराम और सुरक्षित महसूस करते हैं।,आपका बिस्तर और कमरे का तापमान कैसा है आदि।
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- रिश्ते आपकी नींद को प्रभावित करते हैं। किसी प्रियजन, विशेष रूप से परिवार के किसी सदस्य के साथ समस्या या अन्य परेशनी आपको पूरी रात जगा कर रख सकती है।
- कैफीन या अल्कोहल युक्त उत्पादों सहित आप कौन से खाद्य पदार्थ खाते हैं, पर्याप्त नींद (Enough sleep) के पैटर्न को बाधित कर सकते हैं।
- हार्ट की समस्या (Heart problem), गठिया (Arthritis), पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease) और कैंसर (Cancer) जैसी बीमारियों का असर भी आपकी साउंड स्लीप (Sound sleep) पर हो सकता है।
- निकोटीन एक उत्तेजक है, जो धूम्रपान करने वालों की नींद को प्रभावित करता है। जितना अधिक आप धूम्रपान करते हैं, उतनी अधिक संभावना है कि आप अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं।
Quiz : बच्चों की नींद के लिए क्या है जरूरी?
मेन्टल हेल्थ और नींद (Mental health and sleep) का क्या ताल्लुक है? कैसे मेन्टल हेल्थ नींद को प्रभावित करती है?
नींद और मानसिक स्वास्थ्य के बीच घनिष्ठ संबंध है। मानसिक समस्या आप कितनी अच्छी और पर्याप्त नींद (enough sleep) ले सकते हैं, इस पर पर प्रभाव डालती है और खराब नींद आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। पुअर नींद एंग्जायटी की ओर ले जाती है।
हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद (Enough sleep for mental health) इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम अपने मूड (व्यायाम, आहार आदि) को सही कर सकते हैं, लेकिन सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वास्तव में, पर्याप्त नींद (Enough sleep) और मानसिक स्वास्थ्य (Sleep and Mental health) के बीच बहुत करीबी रिश्ता है। नींद की कमी (Less sleep) अक्सर स्वास्थ्य में गिरावट का एक प्रमुख संकेत हो सकती है।

यह कोई रहस्य नहीं है कि पर्याप्त नींद (Enough sleep) हमें हर दिन प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करती है और दिन के खत्म होने पर मस्तिष्क को रिचार्ज करने में महत्वपूर्ण है। जब हमें रात में पर्याप्त नींद (Enough sleep) नहीं आती है तो तो यह तुरंत हम पर प्रभाव डालती हैं। हालांकि, लंबे समय तक नींद की कमी (Less sleep) से चिंता, अवसाद और अन्य गंभीर मानसिक बीमारियों सहित गंभीर स्वास्थ्य परिणाम होते हैं। जब लोग पर्याप्त नींद (Enough sleep) लेना चाहते हैं लेकिन सो नहीं पाते तो लोग अक्सर काफी हताश महसूस कर सकते हैं ।
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अगर आप अभी से अपनी पर्याप्त नींद (Enough sleep) के लिए एक रुटीन का पालन और अपने लाइफस्टाइल में अच्छे बदलाव करेंगे तो पूरी उम्र आपको कोई समस्या नहीं होगी। नींद सही आहार या व्यायाम की तरह ही हर व्यक्ति के जीवन में की प्राथमिकता होनी चाहिए।