आई फ्लोटर्स के लक्षण क्या हैं?
आई फ्लोटर्स के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- आंखों के सामने डॉट या धब्बा नजर आना (ऐसा एक या दोनों आंखों के सामने हो सकता है)।
- लाइट या आसमान की ओर देखने पर आंखों में धागे जैसी संरचना नजर आना।
- आंखों के मूवमेंट के साथ-साथ डॉट या धब्बा दिखाई देना।
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।
आई फ्लोटर्स के कारण क्या हैं?
यह एक सामान्य सी आई प्रॉब्लम है, जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती है। दरअसल विट्रोस ह्यूमर रेटिना से अलग होने लगती है, जो आई फ्लोटर्स का कारण बन सकती है। इसके अन्य कारण इस प्रकार हैं:
- आंखों से ब्लीडिंग होना
- आंख में चोट लगना
- आई इंफेक्शन होना
- आंखों में सूजन या जलन होना
- आंखों से निकलने वाले आंसु से चिपचिपा पदार्थों का आना
- रेटिना का अपने स्थान से खिसकजाना
- आंख के किसी दवा का साइड इफेक्ट्स होना
इन कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं। हालांकि आई फ्लोटर्स होने के प्रमुख कारण पर अभी भी रिसर्च जारी है।
आई फ्लोटर्स का निदान कैसे किया जाता है?
आंखों के फ्लोटर्स के इलाज के लिए खासतौर से वाई ए जी (YAG) लेजर का उपयोग किया जाता है। हालांकि इस तरह से आई फ्लोटर्स का निदान अत्यधिक सफल नहीं माना जाता है। इसलिए नेत्र रोग विशेषज्ञ हमेशा यही सलाह देते हैं कि आंख से संबंधित कोई भी परेशानी महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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आंख की इस बीमारी को दूर करने में कितना खर्च हो सकता है?
भारत के अलग-अलग इलाकों में इसकी फी अलग हो सकती है। लेकिन अगर सर्जिकल प्रोसेस से इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है, तो 65,000 रुपये से 1,80,000 रुपये के बीच हो सकती है।
आंखों के फ्लोटर्स की सर्जरी के बाद ठीक होने में कितना वक्त लग सकता है ?
आई फ्लोटर्स के सर्जरी से रिकवरी में ज्यादा समय नहीं लगता है। अगर आराम किया जाए और जीवनशैली को हेल्दी रखा जाए तो आप जल्द ही अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। इसलिए डॉक्टर जो दिशा निर्देश दें उसका ठीक तरह से पालन करें।