सर्वांगासन में क्या न करें (Dont Do During Sarvangasana):
- पैरों और घुटनों को ना मोड़ें
- गर्दन को हिलाए-डुलाए नहीं
- ठोड़ी में ज्यादा खिंचाव न पैदा होने दें
- अपने सिर को फर्श से न उठाएं
ये लोग सर्वांगासन करने से बचें (Sarvangasana )
सर्वांगासन योग आसन का अभ्यास करने से पहले इससे जुड़ी सावधानियों पर एक नजर डालें।
- मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियों, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय की बीमारी (Heart disease) वाले मरीजों को सर्वांगासन योग आसन को करने से बचना चाहिए।
- गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को सर्वांगासन योग नहीं करना चाहिए।
- आंखों की कमजोरी, बढ़े हुए थायरॉइड, स्लिप डिस्क, यकृत से जुड़ी बीमारी वाले व्यक्तियों को शोल्डर स्टैंड योग करने से बचना चाहिए।
- साथ ही, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और सिरदर्द से पीड़ित लोगों को सर्वांगासन योग आसन को नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन के लिए समय और सुझाव
- सर्वांगासन के हर स्टेप को सही ढंग से करना आवश्यक है। सर्वांगासन भी महत्वपूर्ण है कि स्टैंड पोज करने का समय निश्चित हो। किसी भी योग आसन को करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स जानना हमेशा फायदेमंद होता है।
- सर्वांगासन शुरुआत में चुनौती भरा हो सकता है। विशेष रूप से भारी कूल्हों वाले लोगों के लिए। इसलिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं।
- जब आप शोल्डर स्टैंड पोज करने में सहज हो जाते हैं तो अच्छा परिणाम पाने के लिए 3 मिनट तक मुद्रा बनाए रखने का प्रयास करें।
शोल्डर स्टैंड (Shoulder Stand) करने के टिप्स
- शुरुआत में आप अपने कंधों और गर्दन के नीचे एक मुड़े हुए कंबल का उपयोग कर सकते हैं।
- कुछ व्यक्तियों के लिए, अपने पैरों को सीधा उठाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए वो घुटनों को थोड़ा मोड़ सकते हैं और फिर धीरे-धीरे पैरों को सीधा रखने का प्रयास करें।
- पैर उठाने और शरीर को संतुलित करने के लिए दीवार की मदद लें।
- अगर गर्दन या पीठ में दर्द है, तो विपरीत करणी आसन की तरह पैरों को थोड़ा झुका लें।
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सर्वांगासन के बाद किन आसनों को करना चाहिए
सर्वांगासन करने के बाद इन योग आसनों को करें।
सर्वांगासन के बाद द्वि पदा उत्तनपदासना
द्वि पदा उत्तनपदासना या दोनों पैरों को उठाकर करने वाला पोज लोअर बैक पेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सहायक है। उत्तनपदासना संस्कृत शब्द है, इसका अर्थ होता है उठे हुए पैर। सर्वांगासन पेट की मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करने के लिए बेहद लाभकारी व्यायाम है।
सर्वांगासन के बाद विपरीत करणी (Opposite radical)
विपरीत करणी को इनवर्टेड लेक पोज या लेग्स अप द वॉल पोज भी कहा जाता है। इस योग आसन के कई स्वास्थ्य लाभ है। विपरीत करणी ऊपरी शरीर और मस्तिष्क में रक्त के संचार में मदद करता है।
सर्वांगासन के बाद मत्स्यासन (Matsyasan)
सर्वांगासन का अभ्यास करने के बाद मत्स्यासन करना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। मत्स्यासन या मछली मुद्रा को पैरों के साथ किया जाता है। फिश पोज गर्दन, गले, पेट की मांसपेशियों और अन्य अंगों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
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सर्वांगासन के लिए पूछे जाने वाले 5 सबसे सामान्य प्रश्न
प्रश्न : अच्छे स्वास्थ्य परिणामों का अनुभव करने के लिए मुझे कितनी बार सर्वांगासन का अभ्यास करना चाहिए?
उत्तर: शुरुआत में सप्ताह में दो बार सर्वांगासन योग का अभ्यास करने की कोशिश करनी चाहिए। सर्वांगासन तब तक रोज करें जब तक आप इसके साथ सहज न हो जाएं।
प्रश्न: सर्वांगासन का अभ्यास करने के लिए शरीर का लचीलापन महत्वपूर्ण है?
उत्तर: नहीं, सर्वांगासन सहित किसी भी योग आसन को करने के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी नहीं है।
प्रश्न: क्या मैं योग आसनों को करने के बाद जिम में कसरत कर सकता हूं?
उत्तर: हां, आप अपने नियमित योग आसन करने के बाद जिम में कसरत कर सकते हैं।
प्रश्न: क्या सर्वांगासन बालों के लिए फायदेमंद है?
उत्तर: हां, सर्वांगासन सिर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर हेयर एजिंग का मुकाबला करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, सर्वांगासन सिर में पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। पोषक तत्व न मिलने के कारण ही बालों झड़ते हैं।
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प्रश्न: क्या यौन स्वास्थ्य के लिए सर्वांगासन फायदेमंद है?
उत्तर: योग विशेषज्ञों का मानना है कि सर्वांगासन का यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सर्वांगासन तनाव को कम करके यौन इच्छाओं में सुधार करता है।
हर मर्ज की एक दवा सर्वांगासन
सर्वांगासन से बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं इसलिए सर्वांगासन योग आसनों में सबसे पहले आता है। सर्वांगासन शरीर की काया को बिल्कुल बदल देता है। हर दिन सुबह सर्वांगासन करने का प्रयास करें। सर्वांगासन के हर स्टेप को सही ढंग से करें। आप किसी योग प्रशिक्षक से भी परामर्श कर सकते हैं। जो आपको सर्वांगासन के बारे में अच्छे से बताएंगे।