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हाथ और पैर के नाखून भी बताते हैं स्वास्थ्य का हाल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2020

हाथ और पैर के नाखून भी बताते हैं स्वास्थ्य का हाल

नाखूनों से जुड़े फन फैक्ट्स

नाखूनों से जुड़े सच जानने से पहले जरा स्कूल डेज को याद कर लेते हैं। हमारे स्कूल डेज में नियमित रूप से नाखूनों की जांच होती थी (अबभी ऐसा होता है) और उस वक्त हमें नाखून बढ़ाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्कूल से निकलने के बाद कॉलेज लाइफ शुरू हुई और साथ ही शुरू हुआ अपने-आप को स्टाइलिश लुक देना। इसमें चेहरे और बालों के साथ-साथ हमारे नाखून भी आते हैं। नाखून के लुक्स को लेकर हमसभी मैनिकियोर और फ्रेंच मैनिकियोर और न जाने क्या-क्या करवाते हैं। लेकिन, शायद आपको नाखूनों से जुड़े 23 सच के बारे में जानकारी न हो।

नाखूनों से जुड़े रोचक तथ्य

  • स्वस्थ नाखून हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।
  • नाखून चबाना (नेल बाइटिंग) को ऑनिकोफेजिया कहा जाता है।
  • (20 से 30 प्रतिशत लोगों में नाखून चबाने की आदत होती है)
  • सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नाखून तेजी से बढ़ते हैं
  • नाखूनों पर होने वाले सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी को नहीं दर्शाते हैं।
  • अंगुली के नाखून और पैरों के नाखून एक महीने में कम से कम 3 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं।
  • हाथ-पैरों के नाखून और आंखों के कोर्नियां को ब्लड और ऑक्सिजन की जरूरत नहीं होती है।
  • हाथ के नाखूनों को पूरी तरह से दोबारा बढ़ने में 3 से 6 महीने का वक्त लग सकता है।
  • जिस हाथ से आप लिखते हैं उन अंगुलियों के नाखून तेजी से बढ़ते हैं और इसमें भी बीच की अंगुली (Middle Finger) के नाखून सबसे पहले बढ़ते हैं।
  • पैर के नाखूनों के मुकाबले हाथ के नाखून तेजी से बढ़ते हैं।
  • हाथ और पैरों के नाखूनों को पूरी तरह से बढ़ने (नए नाखून) में कम से कम 6 महीने का वक्त लगता है।
  • अंगूठे का नाखून अन्य उंगलियों के नाखूनों के मुकाबले सबसे धीरे बढ़ता है।
  •  नाखूनों के सफेद भाग को लुनुला (Lunula) कहा जाता है।

और पढ़ें: आखिर क्यों कुछ लोगों को होती है बार-बार नाखून चबाने की आदत?

  •  अंगुलियों की लंबाई पर भी नाखूनों की बढ़ने की लंबाई निर्भर करती है।
  •  फिंगर्नेल में केराटिन होता है, जो मनुष्य के शरीर में सबसे मजबूत माना जाता है।
  •  शरीर में आयरन की कमी से नाखूनों के आकार एक जैसे नहीं होते हैं।
  •  फंगल इंफेक्शन जैसे कि टिनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और नाखूनों (हाथ-पैर के नाखून) को भी संक्रमित कर देता है।
  •  उम्र बढ़ने के साथ-साथ नाखूनों के बढ़ने की गति भी धीमी हो जाती है।
  • कभी-कभी और किसी-किसी व्यक्ति के हाथ या पैर के नाखून नहीं होते हैं। ऐसा जन्म से ही होता है, इसे नेल-पेटेला सिंड्रोम कहते हैं।
  •  ऐसी धारणा है की किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद नाखूनों का बढ़ना जारी रहता है। लेकिन, यह गलत है क्योंकि मौत के बाद शरीर कड़ा होने लगता है ऐसे में नाखून बढ़े हुए नजर आते हैं।
  • स्किन प्रॉब्लम जैसे सोरायसिस, एक्जिमा, लिचेन प्लेनस या ल्यूपस होने पर नाखूनों को कमजोर कर देती है।
  •  तनाव और थकान का असर नाखूनों पर भी पड़ता है और ये कमजोर होने लगते हैं।
  •  10 से 18 साल के बच्चों में नाखून चबाने की आदत देखी गई है। यह हानिकारक तो नहीं है लेकिन, अच्छी आदत भी नहीं है।
  • नाखून से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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नाखून भी बताते हैं आपकी सेहत का हाल

नाखून का रंग क्या बताता है

नाखून का रंग आपकी सेहत के बारे में बताता है। यहां समझ लें कि अगर किसी के नाखून का रंग फीका या बैरंग दिखे, तो समझ लें कि यह किसी इंफेक्शन या पोषण की कमी की और इशारा कर सकता है। इसके अलावा नाखून का रंग आपके आतंरिक अंगों का हाल भी बता सकता है। नाखूनों का रंग अगर भूरा हो रहा है या गहरा होता जा रहा है, तो इसका मतलब है कि शरीर में थायरॉइड की समस्या हो सकती है। वहीं अगर नाखून सफेद पड़ते जा रहे हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि इंसान में आयरन की कमी हो गई है।

नाखून अगर कमजोर हो रहे हैं, तो

नाखूनों का कमजोर होना भी एक संकेत हो सकता है। थायरॉइड या फंगल इंफेक्शन के कारण नाखून रूखे, कमजोर या फिर भूरभूरे हो जाते हैं। नाखून का कमजोर होना फंगस के कारण भी हो सकता है, जो स्किन और मुंह में रैशेज के रूप में सामने आते हैं।

 मोटे नाखूनों का क्या है मतलब

नाखूनों मोटे आमतौर पर फंगल इंफेक्शन के कारण होते हैं। साथ ही इसे गंभीरता से लिए जाने की जरूरत होती है, तो आर्थ्राराइटिस, डायबिटीज, फेफड़ों में इंफेक्शन, एग्जिमा, सायरोसिस भी इसके कारण होते हैं। नाखूनों का कड़ा और मोटा होना, पीलापन, वृद्ध‍ि में कमी होना जैसे कारण इनके पीछे हो सकते हैं।

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 नाखून का पीला होना

हाथों की ऊंगलियों के नाखून का रंग पीला पड़ना, यूं तो नेल पॉलिश के अत्यधिक प्रयोग के कारण हो सकता है, लेकिन इसके पीछे फंगल इंफेक्शन या सायरोसिस जैसे गंभीर कारण भी हो सकते हैं। नीलापन या सिलेटी रंग लिए हुए नाखूनों का मतलब है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है और उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता है।

नाखून पर गहरे रंग की लाइन दिखना

अगर आपको नाखून पर गहरे रंग की लाइन दिखती है, तो आम तौर पर इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती है। लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामले में यह एक प्रकार के स्किन कैंसर का भी संकेत हो सकता है। यह अंगूठे या उंगुली में स्किन कैंसर का कारण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर को दिखाएं और जरूरी टेस्ट कराएं।

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नाखून पर लाल कलर की लाइन दिखना

नाखून के नीचे लाल या भूरे रंग की लाइन दिखने पर घबराने की कोई बात नहीं होती है। लेकिन कई बार ये आथ्रॉइटिस या सायरोसिस के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत हो सकती है। इसके अलावा जरूरी टेस्ट भी टाइम पर करा लें।

अंदर मुड़े हुए नाखून

अंदर की तरफ मुड़े नाखूनों से ब्लड और आयरन की कमी होने का संभावना रहती है। वहीं अगर नाखून चम्मच की तरह मुड़े हुए हो तो आनुवंशिक रोग और ट्रॉमा की स्थिति हो सकती है।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।



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