निमोनिया आमतौर पर बैक्टीरिया की वजह से होता है। जिसमें आपके फेफड़ों में म्यूकस जम जाता है और उसकी वजह से खांसी होने लगती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खतरा वायरल इंफेक्शन से ग्रसित व्यक्ति, किसी सर्जरी से उबरने के दौरान, या कोई अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज के होने के दौरान होता है। इस बीमारी में एंटीबायोटिक्स सबसे ज्यादा प्रभावशाली होती हैं। इसकी वजह से अधिकतर लोगों में एंटीबायोटिक्स लेने के दो से तीन दिन के भीतर आराम दिखने लगता है। ट्यूबरकुलोसिस के अलावा अन्य बैक्टीरियल निमोनिया ज्यादा फैलने वाले नहीं होते। यह अमूमन आपकी नाक और गले में मौजूद बैक्टीरिया के फेफड़ों तक पहुंचने की वजह से होता है।
वायरल निमोनिया
वायरल निमोनिया फेफड़ों में इंफेक्शन का एक प्रकार है, जो कि किसी भी उम्र, लिंग और वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, इसके होने का खतरा सबसे ज्यादा छोटी उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में होता है। यह आमतौर पर इंफ्लुएंजा ए और बी, रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस, पैराइंफ्लुएंजा और एडनोवायरस की वजह से होता है। लेकिन, यह बैक्टीरियल निमोनिया से अलग फैलने वाला होता है, लेकिन यह आम फ्लू से कम फैलता है। इस बीमारी में आपको बलगम, बुखार, सांस फूलने की समस्या, थकान, सिरदर्द, पसीना आना, उलझन की स्थिति और शारीरिक दर्द की परेशानी हो सकती है। इस बीमारी के इलाज के लिए आपको एंटीबायोटिक्स की जगह एंटीवायरल दवाइयों का उपयोग करना पड़ता है। इससे बचाव के लिए आपको दूसरे बीमारी व्यक्ति से एहतियात के साथ मिलना चाहिए।
ब्रोंकाइटिस
इस फेफड़ों में संक्रमण में आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम ब्रोंकाई जो कि एयर वेज होता है, उसमें सूजन आ जाती है। इसे कभी-कभी चेस्ट कोल्ड भी कहा जाता है। इस बीमारी में आपके फेफड़े सूज जाते हैं और म्यूकस का उत्पादन करने लगते हैं। इसकी वजह से आपको सिरदर्द, गले में दर्द, आंखों में पानी, थकान, शारीरिक दर्द आदि लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, ब्रोंकाइटिस आमतौर पर एक्यूट होता है, जो कि पांच दिन से तीन हफ्तों के बीच तक जारी रह सकता है। लेकिन, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस भी होता है, जो कि तीन महीने से दो साल तक रह सकता है। इसका सबसे आम कारण स्मोकिंग होता है और यह बीमारी धूल या खतरनाक गैस की वजह से और गंभीर हो सकती है।
सामान्य जुकाम
सामान्य जुकाम सभी को कभी न कभी होता ही है। यह सबसे आम अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है, जो एडोनवायरस के 57 प्रकार की वजह से हो सकता है। सामान्य जुकाम के लक्षण दिखने से पहले ही इस बीमारी के फैलने की आशंका हो सकती है। इस बीमारी में, नाक बहना, गले में दर्द, सिरदर्द, लिंफ नोड्स में सूजन आदि बीमारियां हो सकती हैं।
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फेफड़ों में इंफेक्शन के लक्षण क्या हो सकते हैं?
फेफड़ों में इंफेक्शन अलग-अलग प्रकार या वजह से हो सकते हैं, जिनके कुछ लक्षणों के बारे में हमने ऊपर चर्चा की है। लेकिन, आइए एक बार हम सभी फेफड़ों में इंफेक्शन के लक्षणों के बारे में बात कर लेते हैं और उनके कारण के बारे में जानते हैं।
लगातार खांसी
क्रोनिक खांसी फेफड़ों में इंफेक्शन का एक मुख्य लक्षण हो सकता है, जो कि समय के साथ ज्यादा गंभीर हो सकता है। यह एक संकेत है कि आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम में कुछ समस्या है, जिससे लड़ने के लिए आपका शरीर कोशिश कर रहा है।
बुखार
हर किसी का सामान्य शरीरिक तापमान अलग-अलग हो सकता है। लेकिन, फिर भी 100.4 डिग्री सेल्सियस को सामान्य शारीरिक तापमान माना जाता है। जिसका मतलब है कि आपका शरीर फेफड़ों के इंफेक्शन से लड़ने की कोशिश कर रहा है।
सांस फूलने की बीमारी
फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से सांस फूलने की बीमारी हो सकती है। जो कि दर्शाता है कि किसी समस्या की वजह से आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो रही है और यह समस्या फेफड़ों में इंफेक्शन भी हो सकता है।
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म्यूकस में बदलाव
फेफड़ों में इंफेक्शन होने की वजह से आपके द्वारा उत्पादित किए जा रहे म्यूकस की मात्रा और रंग में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा, म्यूकस की गंध में भी बदलाव आ सकता है।
थकान
फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से आपको शारीरिक थकान महसूस हो सकती है। क्योंकि आपका शरीर और इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने की कोशिश कर रहा होता है, जिस वजह से आपके शरीर की ताकत और ऊर्जा इस्तेमाल हो रही होती है।
नील पड़ना
जब हमारे फेफड़ों में इंफेक्शन होता है, तो उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिस वजह से शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं जा पाती। शरीर को ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से आपकी त्वचा या होठों पर नील जैसा निशान पड़ सकता है।
छाती में दर्द
फेफड़ों में इंफेक्शन होने की वजह से कई बार आपको छाती में ऐसा दर्द महसूस हो सकता है कि, जैसे आपके सीने में कुछ चुभ रहा हो। यह दर्द खांसने के दौरान या सांस लेने के दौरान और ज्यादा गंभीर हो सकता है और कभी-कभी यह दर्द आपकी कमर के मध्य हिस्से से ऊपरी हिस्से तक महसूस हो सकता है।
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सांस में घरघराहट की आवाज आना
फेफड़ों में इंफेक्शन होने की वजह से आपके सांस छोड़ने पर एक हाई पिच वाली सीटी की आवाज या घरघराहट की आवाज आ सकती है। दरअसल, यह दर्शाता है कि आपके फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से एयर वेज यानी विंड पाइप में सूजन और सिकुड़न आ चुकी है, जिसकी वजह से सांस छोड़ने या लेने में घरघराहट की आवाज आने लगती है।