रीनल कैंसर (Renal Cancer)
रीनल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसमें किडनी में मौजूद कोशिकाओं का असामान्य रूप से विकास होने लगता है और ट्यूमर का निर्माण होता है। यह ट्यूमर शुरुआत में किडनी में मौजूद छोटी ट्यूबल्स में विकसित होता है और फिर धीरे-धीरे फैलने लगता है। इसका इलाज बहुत जरूरी होता है, वरना यह जानलेवा हो जाता है।
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किडनी रोग होने पर किन किडनी रोग के लक्षण का सामना करना पड़ता है?
किडनी रोग के लक्षण उनके प्रकार पर निर्भर करते हैं। इसी कड़ी में आइए, हम इन लक्षणों के बारे में बात करते हैं। निम्नलिखित लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं, लेकिन जब आपको नीचे बताए गए संकेतों में से एक या एक से ज्यादा दिखते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, आपको बता दें कि किडनी रोगों के शुरुआत में इसके लक्षण दिखना मुश्किल है। आमतौर पर किडनी रोग के लक्षण दिखना मतलब इनका गंभीर रूप ले लेना होता है।
ठंड लगना
किडनी रोग होने पर शरीर में रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन नकारात्मक रूप से प्रभावित हो जाता है। क्योंकि, किडनी ही शरीर को इसके निर्माण करने का संकेत देती है। रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन कम होने पर खून की कमी हो जाती है, जिसे एनीमिया कहा जाता है। खून का सही प्रवाह शरीर को गर्म रखने का भी कार्य करता है। लेकिन, एनीमिया की शिकायत के कारण रक्त प्रवाह नहीं हो पाता और हमें ठंड लगने लगती है।
बेहोशी या चक्कर आना
एनीमिया की कमी के कारण शरीर में अपर्याप्त खून होने पर ही मस्तिष्क को उचित मात्रा में खून नहीं मिल पाता। इसका मतलब है कि दिमाग तक खून के साथ पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में भी कमी आती है। इसकी वजह से ही बेहोशी या चक्कर आने शुरू होते हैं।
हर समय थकावट होना
स्वस्थ किडनी एरिथ्रोपीटिन (Erythropoietin; EPO) नामक हॉर्मोन का उत्पादन करती है, जो कि शरीर को ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन करने का संकेत भेजता है। जब किडनी रोग हो जाता है या किडनी फेल हो जाती है, तो ईपीओ के स्तर में कमी आती है। जिस वजह से अपर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त होने पर मसल्स को थकान बहुत जल्दी-जल्दी महसूस होने लगती है।
सांस फूलना
सांस फूलने की बीमारी किडनी रोग के कारण होने वाली दो परेशानियों की वजह से हो सकती है। पहला कारण होता है कि, किडनी रोग होने की वजह से आपके शरीर में अतिरिक्त फ्लूड का संग्रहण होने लगता है, जो कि फेफड़ों में इकट्ठा होने लगता है। दूसरा कारण होता है कि, किडनी रोग होने से एनीमिया की शिकायत होने लगती है और शरीर में ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल्स की कमी होने पर भी सांस फूलने लगती है।
याद्दाश्त और फोकस करने में दिक्कत
ऑक्सीजन युक्त खून की कमी होने पर अन्य शारीरिक अंगों की तरह दिमाग को भी पर्याप्त रक्त नहीं मिलता। जिस वजह से याद्दाश्त कमजोर होती है और ध्यान लगाने में दिक्कत होती है।
हाथ-पैरों में सूजन
जब किडनी रोग होता है, तो शरीर में अतिरिक्त फ्लूड एकत्रित होने लगता है। जो कि आपके किसी भी शारीरिक अंग में हो सकता है, जैसे- हाथ, पैर या दोनों में ही। अतिरिक्त फ्लूड जमने से पैर, टखने, तलवों या हाथ में सूजन आने लगती है।
चेहरे पर सूजन
शरीर में जम रहा यह अतिरिक्त फ्लूड आपके चेहरे की सूजन का कारण भी हो सकता है।
खुजली (Itching) होना
किडनी रोग की वजह से खून के फिल्टर होने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे खून से वेस्ट मटेरियल शरीर से बाहर नहीं निकल पाता। यही वेस्ट मटेरियल और हानिकारक तत्व शरीर में होने की वजह से त्वचा पर खुजली जैसी समस्या उत्पन्न करते हैं।
खाने का टेस्ट अजीब लगना
किडनी रोग की वजह से जब हमारे खून में वेस्ट मटेरियल जमा होने लगता है, तो इस स्थिति को यूरेमिया कहा जाता है। इसी समस्या की वजह से खाने का टेस्ट अलग लगने की समस्या होती है। इसके साथ ही आपको भूख लगने में कमी आ सकती है, जिसकी वजह से शरीर में पोषण न जाने की वजह से वजन भी घटने लगता है।
अमोनिया ब्रीद