शिशु मां के गर्भ में चालीस हफ्तों तक रहता है। लेकिन, अगर किन्हीं कारणों से शिशु का जन्म 37वें हफ्ते से पहले हो जाता है तो उसे प्रीमैच्योर या प्री-टर्म बेबी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि दस में से नौ प्रीमैच्योर शिशु सामान्य रूप से बढ़ते हैं। किंतु, इन बच्चों में डेवलपमेंट प्रॉब्लम्स का जोखिम अधिक रहता है। खासतौर, पर अगर शिशु का जन्म 23 से 24वें हफ्तों में हुआ है। प्री-टर्म बेबी कई समस्या का सामना करते हैं और आज हम बात करने वाले हैं प्रीमैच्योर बच्चे में किडनी की बीमारी (Kidney Disease in Premature Baby) के बारे में। प्रीमैच्योर शिशु और किडनी की तकलीफ के बारे में जानें विस्तार से। सबसे पहले जानते हैं शिशु के प्रीमैच्योर होने के कारण क्या हैं?