प्रीमैच्योर बच्चे में किडनी की बीमारी से जुड़े कुछ तथ्य (Facts about Kidney Disease in Premature Baby)
प्रीमैच्योर बच्चे में किडनी की बीमारी (Kidney Disease in Premature Baby) होना एक और चुनौती की तरह होता है। पिछले कुछ वर्षों में हुए शोध से पता चला है कि समय से पहले जन्म होना इस स्थिति के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है, जो जन्म के समय कम वजन से भी जुड़ा हुआ है। जानिए, प्रीमैच्योर बच्चे में किडनी की बीमारी से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में:
किडनी डिसफंक्शन एक बड़ी समस्या है (Kidney Dysfunction Is a Bigger Problem)
पिछले कुछ समय में डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने प्रीमैच्योर शिशुओं से जुड़े कई पहलुओं के बारे में जांच की है जैसे दिमाग संबंधी समस्या, हार्ट या लंग इश्यूज आदि। हालांकि, किडनी की अक्सर अनदेखी की गई है, जो एक चिंता है विषय है। क्योंकि, किडनी की हेल्थ संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। तथ्य यह है कि गुर्दे की परेशानियां शिशुओं के लिए कुछ समस्याएं पैदा करती हैं, लेकिन बाद में जीवन में, यह उन वयस्कों के लिए गंभीर परेशानियां पैदा कर सकती हैं, जिनका जन्म समय से पहले हुआ है।
नेफ्रॉन हैं इसका मुख्य कारण (Nephrons are The Main Cause)
नेफ्रॉन को प्रीमेच्योर बच्चे में किडनी की बीमारी का मुख्य कारण माना जाता है। यह वो माइक्रोस्कोपिक फिल्ट्रिंग यूनिट्स (Microscopic Filtering Units) हैं, जो किडनी बनाती है। इनके बारे एक रोचक चीज यह है कि एक बार जब शरीर इन्हें पैदा कर देता है, तो फिर से इनका उत्पादन नहीं करता है। यानी, जिन नेफ्रॉन्स का उत्पादन एक बार शरीर में हो जाता है, वो जीवनभर हमारे शरीर में रहते हैं। यही प्रीमैच्योर शिशुओं में सबसे समस्या की वजह है। अगर उनमें पर्याप्त नेफ्रॉन मास नहीं होता है, तो इसका नेगेटिव प्रभाव पूरी उम्र उनकी किडनी पर पड़ता है।
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लो बर्थ वेट और किडनी प्रॉब्लम्स एक दूसरे से लिंक्ड हैं (Low Birth Weight and Kidney Problems)
ऐसा माना गया है कि लो बर्थ वेट बाद के जीवन में क्रॉनिक किडनी डिजीज से कनेक्टेड होता है। इसका कारण यह है कि प्रीमैच्योरली जन्म लेने से नेफ्रॉन्स के बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। नेफ्रॉन्स को शरीर दोबारा नहीं बनाता है इसलिए यह चिंता का विषय बन सकता है।
शुरुआत में निदान से समस्या कम होने में मदद मिल सकती है