उपरोक्त कारण प्रीमैच्योर बेबी का वजन (Premature baby weight) कम करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की हेल्थ कंडीशन हो, तो बेहतर होगा कि आप तुरंत ट्रीटमेंट कराएं और डॉक्टर की निगरानी में रहें। ऐसे में आपको अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। आपकी लापरवाही न सिर्फ बच्चे के कम वजन का कारण बन सकती है बल्कि अन्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है।
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समय से पहले बच्चे का जन्म होने पर हो सकती हैं ये समस्याएं (Premature baby health issues)
प्रीमैच्योर बेबी का वजन जितना कम होगा, बच्चे के लिए उतने ही कॉम्प्लीकेशंस बढ़ जाएंगे। ऐसे में लॉंग टर्म हेल्थ प्रॉब्मलम्स की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में बेबी को ट्रीटमेंट का जरूरत होती है ताकि समय रहते समस्या में सुधार किया जा सके। ऐसे बेबी को विजन संबंधित समस्यां, सुनने में दिक्कत, सांस लेने में समस्या, सीखने में समस्या, पाचन संबंधि समस्याएं आदि का सामना करना पड़ सकता है। जानिए अन्य समस्याओं के बारे में।
- लो ब्लड शुगर लेवल्स (Low blood sugar levels)
- लो ऑक्सीजन लेवल्स (low oxygen levels)
- ब्रीथिंग प्रॉब्लम्स (Breathing problems)
- लो बॉडी टेम्परेचर (Low body temperature)
- इंफेक्शन (Infections)
- फीडिंग में दिक्कत होना (Difficulty feeding)
- वेट गेन होने में दिक्कत (Difficulty gaining weight)
- ब्लीडिंग प्रॉब्लम होना (Bleeding problems)
- डायजेस्टिव प्रॉब्लम (Digestive problems)
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प्रीमैच्योर बेबी का वजन हो कम, तो दिया जाता है ऐसा ट्रीटमेंट (Premature baby treatment)
जब लो बर्थ यानी कम वजन वाले बच्चे का जन्म होता है, तो उन्हें नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (Neonatal intensive care unit) में रखा जाता है और साथ उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति भी की जाती है। प्रीमैच्योर बेबी का वजन कम होने के साथ ही अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। बच्चे का टेम्परेचर को भी कंट्रोल किया जाता है और साथ ही स्पेशल फीड की भी व्यवस्था की जाती है, जो ट्यूब के माध्यम से होती है। बच्चे को विटामिन ए के साथ ही अन्य न्यूट्रीशन सप्लिमेंट्स भी दिए जाते हैं। डॉक्टर समय-समय पर बच्चे के वजन के साथ ही उसके सिर के साइज को भी मापते हैं, जो कि ग्रोथ और डेवलपमेंट के बारे में भी जानकारी देता है। करीब 18 से 24 महीने का होने पर बच्चे का वजन बढ़ जाता है। यानी आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक सावधानी की जरूरत है। अगर किन्हीं कारणों से बच्चे का वजन कम है, तो उन बातों का पालन करें, जो डॉक्टर ने आपसे कहीं हो। ऐसा करने से बच्चे भविष्य में आने वाली कई समस्याओं से बच सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको प्रीमैच्योर बेबी या प्रीमैच्योर बच्चे के वजन (Premature baby weight) से संबंधित इस आर्टिकल में बहुत सी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते समस्या से बचा जा सके। कम वेट के बेबी भी समय के साथ ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं, इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।