ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis) सूजन और अन्य उन विकारों के कारण हो सकता है, जो बोन मेरो उत्पादन में वृद्धि करते हैं।
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of White Blood Cell Disorder)
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर (Symptoms of White Blood Cell Disorder) के लक्षण बीमारी के प्रकार के ऊपर निर्भर करते हैं। कई मामलों में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन, इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं।
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- लगातार या बार बार इंफेक्शन होना (Frequent or Recurrent Infections)
- बुखार (Fever)
- माउथ अलसर (Mouth Ulcers)
- त्वचा में फोड़े-फुंसी (Skin Abscesses)
- निमोनिया (Pneumonia)
- थकावट (Fatigue)
- बैचेनी (Malaise)
- अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)
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वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर के क्या कारण है? (Causes of White Blood Cell Disorder)
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर (White Blood Cell Disorder) के कारण भिन्न होते हैं। इसका कारण कुछ आनुवंशिक विकार जो माता-पिता से बच्चों में जाते हैं, कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां (Other Medical Condition) या पर्यावरणीय कारक (Environmental Factor), प्रतिरक्षा समस्याएं (Immune Problems), विकृतियां (Malignancies) आदि हो सकते हैं।
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर का निदान (Diagnosis of White Blood Cell Disorder)
आमतौर पर वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर (White Blood Cell Disorder) के ऐसे कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं जिन पर ध्यान दिया जा सके। लेकिन, ब्लड टेस्ट की मदद से इसका निदान किया जा सकता है। इस समस्या के निदान के लिए यह टेस्ट कराए जा सकते हैं:
- कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट (Complete Blood Count Test)
- ब्लड कल्चर टेस्ट(Blood Cultures)
- बोन मेरो बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy)
- साइटोमेट्री रक्त परीक्षण (Cytometry Blood Test)
- इम्युनोग्लोबुलिन परीक्षण (Immunoglobulin Test)

वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर का उपचार किस तरह से किया जा सकता है? (Treatment of White Blood Cell Disorder)
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर का उपचार (Treatment of White Blood Cell Disorder) इसके प्रकार और कारणों पर निर्भर करता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से मॉनिटर किया जाता है। ताकि पता चल सके कि उपचार किस तरह से काम कर रहा है। इसका उपचार इस तरह से किया जा सकता है।
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- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics): एंटीबायोटिक का प्रयोग संबंधी इंफेक्शन के उपचार के लिए किया जाता है।
- कॉलोनी-स्टिमुलेटिंग फैक्टर्स (Colony-Stimulating Factors) या ग्रोथ फैक्टर्स (Growth Factors) : दवाएं बोन मेरो में वाइट ब्लड सेल के उत्पादन को तेज कर सकती हैं।
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन (Stem Cell Transplantation): स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन का प्रयोग कुछ मामलों में उपचारात्मक चिकित्सा के लिए किया जा सकता है।
- वाइट ब्लड सेल ट्रांसफ्यूजन (White Blood Cell Transfusion) : वाइट ब्लड सेल ट्रांसफ्यूजन का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है। क्योंकि किसी भी रिसर्च से यह साबित नहीं हुआ है कि इससे पीड़ित व्यक्ति में इंफेक्शन या अन्य जोखिम कम हुए हों।
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