ल्यूकोपेनिया (Leukopenia)
खून में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या सामान्य से कम होने को ल्यूकोपेनिया कहा जाता है। ऐसा आमतौर पर किसी बीमारी या अन्य स्थिति में सेल्स के नष्ट होने के कारण होता है। ल्यूकोपेनिया का ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है, कि हमारे खून में किस प्रकार के वाइट ब्लड सेल्स कम है और इसका कारण क्या है।
न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia)
एक खास तरह के ल्यूकोपेनिया (Leukopenia) को न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia) कहा जाता है। जिसका अर्थ है रक्त में कम न्यूट्रोफिल का होना। न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia) के अन्य कारणों में कीमोथेरेपी ,दवाईआं, वायरल बीमारियां आदि शामिल है। विकार जो शरीर के भीतर न्यूट्रोपेनिया का कारण बन सकते हैं, उनमें बोन मेरो में दोष भी शामिल हैं। ल्यूकोपेनिया और न्यूट्रोपेनिया ( Leukopenia and Neutropenia) दोनों इम्यून सिस्टम में कमी का कारण बन सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis)
सर्कुलेशन में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या के बढ़ने को ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis) कहा जाता है
ल्यूकोसाइटोसिस (Leukocytosis) सूजन और अन्य उन विकारों के कारण हो सकता है, जो बोन मेरो उत्पादन में वृद्धि करते हैं।
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of White Blood Cell Disorder)
वाइट ब्लड सेल डिसऑर्डर (Symptoms of White Blood Cell Disorder) के लक्षण बीमारी के प्रकार के ऊपर निर्भर करते हैं। कई मामलों में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन, इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं।
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- लगातार या बार बार इंफेक्शन होना (Frequent or Recurrent Infections)
- बुखार (Fever)
- माउथ अलसर (Mouth Ulcers)
- त्वचा में फोड़े-फुंसी (Skin Abscesses)
- निमोनिया (Pneumonia)
- थकावट (Fatigue)
- बैचेनी (Malaise)
- अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)