डेंगू फीवर मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। ये बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है। इंफेक्शन के करीब 14 दिन बाद बीमारी के लक्षण नजर आते हैं। डेंगू के लक्षणों में बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, गले में खराश, ज्वाइंट्स पेन आदि दिख सकते हैं। पेशेंट को हल्का बुखार से अधिक बुखार हो सकता है। बीमारी के लक्षण सात दिनों तक दिख सकते हैं। साथ ही शरीर में लाल दाने भी दिख सकते हैं।
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डेंगू फीवर का इलाज
डेंगू वायरस मच्छर में रहता है और फिर मच्छर के माध्यम से मनुष्य के शरीर के ये प्रवेश करता है। अगर घर से मच्छरों को खत्म किया जाए, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है। ट्रॉपिकल एरिया में ट्रैवलिंग के दौरान भी डेंगू से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। ब्लड टेस्ट के माध्यम से डेंगू वायरस के बारे में जानकारी मिलती है। डेंगू का इलाज करने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है बल्कि संक्रमण के लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर दवा देते हैं। एसिटामिनोफेन के साथ दर्द निवारक का इस्तेमाल किया जाता है।
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पोलियो (Polio)
पोलियो (Polio) को पोलियोमाइलाइटिस ( poliomyelitis) भी कहते हैं। पोलियो वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाली बीमारी है, जो पैरालिसिस, सांस लेने में समस्या का कारण बनती है। ये वायरल इंफेक्शन मौत का कारण भी बन सकता है। इस संक्रमण के होने पर आमतौर पर लक्षण नजर नहीं आते हैं। करीब 95 प्रतिशत रोगों में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। पोलियो वायरस के कारण पोलियो की बीमारी होती है। पोलियो होने पर कुछ लोगों को बुखार, गले में खराश, थकान, हाथ और पैरों की जकड़न, मैनिंजाइटिस यानी मस्तिष्क के आसपास की झिल्लियों में संक्रमण की समस्या हो सकती है। पोलियो से बचाव के लिए दो साल के बच्चों को चार से छह साल तक पोलियो की वैक्सीन दी जाती है। ओरल पोलियो वैक्सीन की सहायता से पोलियो को हराया जा सकता है।
कोरोना वायरस और कोविड-19 (Covid-19)
कोविड -19 वायरस के संक्रमण के कारण लाखों लोगों को साल 2020 में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कोविड-19 नया वायरस है, जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। वायरस के संक्रमण के कारण हल्के बुखार के साथ ही, जुकाम,खांसी, छींक, सिरदर्द आदि लक्षण दिख सकते हैं। कोविड-19 से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क बेहद जरूरी है। हाथों को मुंह में लगाने से पहले हाथों को क्लीन जरूर करें। हाइजीन का ख्याल रख इस संक्रमण से बचा जा सकता है। कोविड-19 से बचने के लिए इस बीमारी के बारे में जागरुकता बहुत जरूरी है। फिलहाल दुनिया में इस बीमारी की वैक्सिनेशन शुरू हो चुकी है लेकिन फिर भी सावधानी ही इस संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है।
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वायरल इंफेक्शन (Viral infections) का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?