स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन
बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से गले में खराश हो सकती है। इसमें सबसे ज्यादा सामान्य स्ट्रेप थ्रोट है। यह गले और टॉन्सिल्स का एक ऐसा इंफेक्शन है, जो ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की वजह से होता है।
बच्चों के गले में खराश के तकरीबन 40% मामलों में स्ट्रेप थ्रोट जिम्मेदार होता है। टॉन्सिलाइटिस और यौन संचारित संक्रमण जैसे गनोरिया और क्लेमेडिया गले में खराश का कारण बन सकते हैं।
स्ट्रेप थ्रोट वाले व्यक्ति यदि किसी व्यक्ति को छूते हैं तो वहां पर इंफेक्शन फैल जाता है। इससे स्वस्थ व्यक्ति के उस वस्तु को छूने पर इंफेक्शन उसे फैल सकता है। हालांकि, ज्यादातर स्ट्रेप थ्रोट के मामले गंभीर नहीं होते हैं। आमतौर पर तीन से सात दिन की अवधि के बीच स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण ठीक हो जाते हैं।
बच्चों और किशोरों के गले में खराश होना सबसे सामान्य बात है। चूंकि, युवा होने की वजह से उनकी बॉडी इससे पहले किसी भी वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में नहीं आई हुई होती है। इनमें से ज्यादातर बच्चे उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपनी इम्युनिटी में इन बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की ताकत पैदा नहीं कर पाते हैं। इसके चलते उनके गले में खराश होती है।
- स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण
- गले में दर्द
- निगलने में परेशानी
- भूख न लगना
- टॉन्सिल्स में दर्द और सूजन, कई बार सफेद चकते या पस पड़ जाना
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गले में खराश का कारण एलर्जी
एलर्जी पैदा करने वाले कारक जैसे पोलेन, घास और जानवरों की रूसी के संपर्क में आने पर इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया देता है। इससे कुछ कैमिकल्स रिलीज होते हैं, जो नेजल कंजेशन, वॉटरी आइज (आंख से पानी बहना), छींक और गले में जलन पैदा करते हैं।
सूखी हवा
- हवा मुंह और गले से नमी को छीन सकती है। इससे गला सूख जाता है और उसमें खरोंच जैसा महसूस होता है। ज्यादातर सर्दियों के मामले में हवा में रूखापन होता है, जब हीटर चलाए जाते हैं।
- धुंआ, केमिकल और जलन पैदा करने वाले अन्य पदार्थ
- पर्यावरण में मौजूद अनेकों कैमिल्स और पदार्थ गले में खराश पैदा करते हैं। निम्नलिखित पदार्थ गले में खराश का कारण बन सकते हैं:
- सिगरेट और अन्य प्रकार के तंबाकू का धुंआ
- वायु प्रदूषण
- सफाई में इस्तेमाल होने वाले यंत्र और अन्य कैमिकल्स
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चोट या इंज्युरी
गले में किसी भी प्रकार की चोट या कटना गले में खराश और दर्द पैदा कर सकता है। हालांकि, गले में भोजन का निवाला अटकने से भी गले में खराश पैदा हो सकती है।
बार-बार वोकल कॉर्ड और गले की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से खराश हो सकती है। तेज चिल्लाने या लंबे वक्त तक गाना गाने से आपके गले में खराश हो सकती है। हालांकि, फिटनेस इंस्ट्रक्टर और अध्यपकों के गले में खराश होना एक आम समस्या है, क्योंकि अक्सर उन्हें चिल्लाना पड़ता है।
गले में खराश की रोकथाम या गले में खराश के उपाय
- हाथों को नियमित रूप से साफ रखें: टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन से साफ करें। खाना खाने से पहले और छींकने के बाद हाथों को साबुन से साफ करें।
- जूठा खाना, जूठे ग्लास या यूटेन्सिल्स का इस्तेमाल करने से बचें।
- खांसी या छींक आने पर टिस्सू का इस्तेमाल करें और इसके बाद उसे फेंक दें। जरूरत पड़ने पर अपनी कोहनी को एक घेराव बनाकर उसमें छींके।
- एल्कोहॉल वाले सेनिटाइजर को साबुन और पानी न उपलब्ध होने पर हाथ धोने के लिए एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें।
- सार्वजनिक चीजों से बचें। बाजार में सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही आसपास की चीजों को हाथ लगाएं।
- टीवी का रिमोट, फोन और कंप्यूटर के कीबोर्ड को क्लीनर से नियमित रूप से साफ करें। यात्रा के दौरान होटल में इस्तेमाल होने वाले फोन और रिमोट को भी इस्तेमाल करने से पहले साफ कर लें।
- बीमार लोगों के संपर्क में आने से अपने आपको बचाएं।
अंत में हम यही कहेंगे कि गले की खराश को समय रहते ठीक किया जा सकता है। यदि आपको गले की खराश ज्यादा परेशान कर रही है और इसके लक्षण जा नहीं रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।