लोगों को बाहर काम करना बंद करने और एक्सरसाइज से बचने के लिए भी कहा गया है, जो सांस की बीमारियों का कारण हो सकता है। सर्दियों के छोटे दिन, धुंए से भरा आसमान और हर जगह दमघोटू हवा की उपस्थिति किसी को भी तनाव में डालने और मूड खराब करने का कारण बन सकती है। दिल्ली में लागू हेल्थ इमरजेंसी के बाद खुली हवा में एक्सरसाइज करने के लिए भी मना किया गया जिससे लोग कम से कम हवा को महसूस करें। वायु प्रदूषण जहां स्ट्रेैस बढ़ा रहा वहीं हमारे आसपास का मीडिया इस पर अधिक फोकस कर रहा जिससे लोगों के दिमाग में केवल प्रदूषण और हेल्थ इमरजेंसी घूम रहा।
क्या वायु प्रदूषण आपको डिप्रेशन में डाल सकता है
2018 में प्रकाशित चीन के आंकड़ों के लिए ओशनेर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट है। उस डेटा के अनुसार PM2.5 से अधिक बढ़ने से 6.67 प्रतिशत मानसिक बीमारी (अवसाद सहित) होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए प्रदूषित हवा न केवल आपके फेफड़ों का दम घोट रही है, बल्कि यह आपके सोचने के तरीके को भी प्रभावित करती है। वायु प्रदूषण हमारे मानसिक स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा रहा है, यह निर्धारित करने के लिए गहराई से शोध करने की सख्त जरूरत है। दिल्ली की हेल्थ इमरजेंसी सीधे आपके दिमाग से कैसे जुड़ी है इसके बारे में बताने के लिए यह शोध काफी है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या करें, क्या ना करें
अभी के लिए, प्रदूषित हवा और AQI अपडेट्स पर घबराने के बजाय, इस पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है कि क्या किया जाना चाहिए। कारपूलिंग से आप अपनी कार का उपयोग कम करने, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, अधिक से अधिक पेड़ लगाने के साथ ही कचरा जलाने से बचने की जरूरत है। ऐसा बहुत कुछ है जो व्यक्तिगत स्तर पर किया जा सकता है। आप अपने स्तर पर प्रदूषण को रोकने के लिए बहुत सी चीजें कर सकते हैं। अलग-अलग जगहों पर कचरा फेंकने से बचें और कचरे को जलाने से भी बचें। कोशिश करें कि कम दूरी के लिए कार या दोपहिया वाहन का प्रयोग ना करें और इसके बजाय पैदल चलकर अपना काम निपटाएं। कार पूलिंग के जरिए भी आप वातावरण को स्वच्छ बनाने में योगदान दे सकता हैं। जब लाइट, पंखे या अन्य उपकरण उपयोग में न हो तो उन्हें बंद कर देना चाहिए। उन चीजों को कम से कम खरीदे जिनका उत्पादन के लिए फॉसिल फ्यूल का उपयोग किया जाता हो। एनर्जी सेविंग लाइट और उपकरणों का इस्तेमाल करें। दफ्तर जाने के लिए बस, मेट्रो आदि का इस्तेमाल करें। इसलिए दिल्ली की हेल्थ इमरजेंसी में घबराने से बेहतर है अपनी तरफ से प्रदूषण कम करने की कोशिश कर सकते हैं।