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परिवार के साथ सामाजिक कार्यक्रमों में जाएं और बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य बढ़िया रखें
आपके आसपास किसी भी तरह का कोई सामाजिक कार्यक्रम या प्रतियोगिता हो तो पूरे परिवार के साथ जाएं। जैसे- मैराथॉन, परेड, मेला आदि जगहों पर सब साथ में जाएं। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों (Religious place) या में भी सपरिवार शामिल हों। इससे बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health of kids) अच्छा होता है।
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बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए बनाएं प्लान
अगर बच्चा टीनएज (Tenage) है तो उसके साथ मस्ती का प्लान बनाएं। कैरम खेलें, कार्ड गेम (Card game) खेले। इसके अलावा अंताक्षरी, डम शेराज, डांसिंग (Dancing), सिंगिग (Singing) जैसे खेल भी खेल सकते हैं। हो सके तो कंचे खेलें, बच्चे के साथ पतंग उड़ाएं। ऐसा करने से आपके बचपन की यादें तो ताजा होंगी ही साथ में बच्चे को भी पुराने खेलों के बारे में पता चलेगा।
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बच्चे के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए फैमिली के साथ फिल्म करें प्लान
परिवार के साथ महीने में एक बार फिल्म देखने जरूर जाएं। इसके अलावा, घर पर कोई अच्छी मूवी देखें। मूवी खत्म होने के बाद बच्चे से फिल्म के नैतिक मूल्यों के बारे में बात करें। साथ ही देखें कि बच्चे के जीवन से उस फिल्म को कैसे जोड़ सकते हैं। इस आधार पर बच्चे को समझाएं।
परिवार के साथ ट्रिप प्लान करें
वीकेंड्स पर या महीने में किसी एक दिन परिवार के साथ ट्रिप प्लान करें। पिकनिक, साइकलिंग, हाइकिंग या कैंपिंग पर जाएं। बच्चे के साथ बाहर जा कर उसे नई चीजें सिखाएं। ऐसा करने से परिवार और बच्चे के बीच एक मजबूत रिश्ता बनेगा।
परिवार के साथ बिताया समय आपकी जिंदगी में यादगार लम्हा बन जाता है। इसलिए बच्चे को पारिवारिक मूल्यों को समझाएं। उसे सामाजिक उतार-चढ़ाव के बारे में बताएं। बच्चे को भरोसा दिलाएं कि उसके हर कदम में परिवार हमेशा उसके साथ है।
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बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ समय दें
ऐसा देखा गया है कि कुछ पेरेशेंट् बच्चों का दिनभर का टाइट शेड्यूल तय कर देते हैं, जिसके कारण बच्चे अपने मन का काम नहीं कर पाते हैं। आपने देखा होगा कि बच्चे खेलते समय कुछ क्रिएटिव भी करते हैं। हो सकता है कि वो कुछ ऐसा क्रिएट कर दें, जिसे देखकर आपको बहुत खुशी हो। बच्चे अपने खिलौनों के साथ या फिर पेटिंग बुक में अपने आप या बाकी बच्चों के साथ मिलकर कुछ नया करने का प्रयास कर सकते हैं। अगर आप बच्चों को कुछ उनके लिए समय देंगी तो यकीनन उन्हें भी अच्छा लगेगा और वो कुछ नया करने का प्रयास करेंगे। कई बार बच्चे बाबा-दादी की हेल्प लेकर भी कुछ नया करने का प्रयास करते हैं।
अकेलापन बच्चों को बना देता है चिड़चिड़ा
आजकल लोग एक या दो बच्चों के बारे में ही सोचते हैं। जिन पेरेंट्स के एक ही बच्चा है, वो अगर अपने परिवार यानी बाबा-दादी, चाचा-चाची, ताऊजी आदि के साथ रहता है तो उसे अन्य बच्चों का साथ भी मिल जाता है। अगर बच्चा परिवार के साथ नहीं है तो वो अन्य बच्चों की कमी महसूस कर सकता है। आपने भी ये महसूस किया होगा कि जब बच्चा अकेला होता है तो भले ही आप उसे चाहे जितने भी खिलौने दें, उसे मजा नहीं आता है, लेकिन बच्चों का साथ मिलने पर वो खुशी से झूम उठता है। ऐसा सभी बच्चों के साथ होता है। अगर बच्चे लंबे समय तक अकेले रहते हैं तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। ये बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
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बच्चे और परिवार: परिवार में सहज महसूस करता है बच्चा
आपने क्या इस बात पर ध्यान दिया है कि जब आप बच्चे से नाराज होती हैं तो बच्चा पापा के पास इस उम्मीद से जाता है कि पापा शायद नाराज न हो ? अगर पापा भी नाराज हो तो बच्चे के लिए ये स्थिति बहुत कठिन हो जाती है कि अब कहां जाएं ? किससे बात करें और कैसे अपनी बात समझाएं। अब आप खुद ही सोच सकते होंगे कि अगर परिवार के अन्य सदस्य भी साथ हैं तो बच्चा उनसे अपने दिल की बात आसानी से कह सकता है। कई बार पेरेंट्स बच्चों की बात को समझ नहीं पाते हैं और उससे नाराज हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में परिवार के अन्य सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं। आपने खुद एहसास किया होगा कि पेरेंट्स से डांट पड़ने पर बच्चे अक्सर बाबा या दादी के पास अपनी फरियाद लेकर जाते हैं। सही मायनों में बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये बहुत अच्छा है कि वो अपने मन की बात आसानी से कह देते हैं।
एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे के व्यवहार (Child’s behaviour) में माहौल का बहुत असर होता है। अगर बच्चे को अच्छा माहौल नहीं मिलेगा तो उसके व्यवहार में परिवर्तन स्वाभाविक है। ये माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चों के लिए एक स्वस्थ माहौल तैयार करें। अगर किसी कारणवश आप परिवार के साथ नहीं रह पा रहे हैं तो बच्चे को कभी भी अकेलापन महसूस न होने दें और उसको ये अहसास दिलाते रहे कि किसी भी समस्या के वक्त आप उसके साथ हो।
आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य (Mental health of kids) में परिवार के असर से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर आपके बच्चे को किसी प्रकार की मानसिक समस्या है तो बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से बात जरूर करें।