हिंसा का पिछला इतिहास है
ऐसे मानसिक रोगी, जिनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड हो या वो शुरुआत से ही मारपीट में आगे रहा हो। इस केस में मानसिक रोगी कुछ उपद्रव कर सकता है। यदि किसी मानसिक रोगी में लड़ाई करना, गाली देना या बहुत गुस्सैल होने का पिछला प्रमाण मिलता है, तो ये संभव है कि किसी स्थिति में वो पैनिक हो जाए और कोई हिंसात्मक कदम उठा ले।
शराब या ड्रग्स का प्रयोग
यदि मानसिक रोगी पूर्व में शराब का आदी हो या उसे नशे की लत हो, तो उसके हिंसक होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ड्रग्स और नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों रोगियों में यह संभावना व्यक्त की जा सकती है कि वो किसी मौके पर काबू से बाहर जाकर खुद के साथ या दूसरों के साथ कुछ हिंसा कर दे। शराब या ड्रग्स की तलब उन्हें हिंसात्मक बना सकती है।
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भयभीत होने के कारण
डर एक अहम कारण हो सकता है, जो किसी मानसिक रोगी में हिंसा करने का भाव पैदा कर सकता है। डर और असहज होने पर रोगी अपने बचाव में किसी तरह की हिंसा कर सकता है। उसके डर का कोई भी प्रभावी कारण हो सकता है। असुरक्षा और डर ऐसे कारण हैं, जिनसे मानसिक रोगी ही नहीं, एक आम इंसान भी हिंसक हो सकता है।