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महिलाओं में डिप्रेशन के दौरान फीलिंग
- हर पल सेडनेस फील होना
- खुद को किसी किसी भी बात के लिए ब्लेम करना
- अनहेल्दी हैबिट्स जैसे कि ज्यादा मात्रा में खाने की आदत लग जाना
महिलाओं में डिप्रेशन के बारे में ये भी जानें
एडोलेसेंस के पहले लड़के और लड़कियों में डिप्रेशन रेयर होता है। अगर कम उम्र में डिप्रेशन हुआ भी तो डिप्रेशन का रेट सेम होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही लड़कियों में लड़कों की अपेक्षा दो गुनी गति से डिप्रेशन बढ़ता है। प्रेग्नेंसी, मोनोपॉज, डिलिवरी और पीएमएस के दौरान महिलाओं के हार्मोन में परिवर्तन होता है। हार्मोन में उतार-चढ़ाव, चिंता और मूड स्विंग डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं। डिप्रेशन के कारण रेगुलर लाइफ प्रभावित होती है। जो महिलाएं काम में ज्यादा उलझी रहती हैं या फिर काम के साथ ही बच्चों की देखरेख में भी बिजी रहती हैं, उन महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
महिलाओं में डिप्रेशन के कारण क्या हैं ?
प्युबर्टी (Puberty)
प्युबर्टी के दौरान महिलाओं में हार्मोनल चेंजेस देखने को मिलते हैं। वैसे तो प्युबर्टी में मूड स्विंग और हार्मोनल में बदलाव होना आम बात होती है, लेकिन कुछ बातें होती हैं जो प्युबर्टी में डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
- इमर्जिंग सेक्शुअल्टी और आइडेंटिटी इश्यू
- पेरेंट्स से किसी बात को लेकर कहासुनी होना
- स्कूल में स्टडी, स्पोर्ट्स के साथ ही अन्य क्रिएटिव एरिया में जीत हासिल करने का प्रेशर
- प्युबर्टी के बाद लड़कियों में डिप्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है। स्टडी के दौरान ये बात सामने आ चुकी है कि महिलाओं में ऐज बढ़ने के साथ ही डिप्रेशन का खतरा पुरुषों के मुकाबले बढ़ जाता है।
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पीएमएस की समस्या (Premenstrual problems)
ज्यादातर महिलाएं जिन्हें पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की समस्या होती है, उनमे कुछ लक्षण दिख सकते हैं। कुछ लक्षण जैसे पेट का फूलना, ब्रेस्ट टेंडरनेस, सिरदर्द की समस्या, घबराहट, चिड़चिड़ापन और धुंधलापन का अनुभव करना आदि। वहीं कुछ महिलाओं में इन लक्षणों के कारण रिलेशनशिप, जॉब व लीविंग में खतरा मंडराने लगता है। पीएमएस और डिप्रेशन के बीच अंतर कर पाना थोड़ा सा मुश्किल लग सकता है। एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और अन्य हार्मोन के कारण ब्रेन के केमिकल्स सेरोटोनिन (serotonin) प्रभावित हो सकता है। इनहेरिटेड ट्रेट्स, लाइफ एक्सपीरियंस और अदर फैक्टर भी रोल प्ले कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी और डिप्रेशन का संबंध
प्रेग्नेंसी के समय ड्रामेटिक हार्मोनल चेंजेस देखने को मिलते हैं। इस कारण से मूड भी प्रभावित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के समय अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसकी वजह से मूड चेंज हो जाए।
- लाइफस्टाइल और काम में बदलाव के कारण स्ट्रेस की समस्या
- रिलेशनशिप प्रॉब्लम के कारण
- डिप्रेशन के प्रीवियस एपिसोड के कारणस डिप्रेशन या पीएमडीडी
- सोशल सपोर्ट की कमी के कारण
- अनवांटेड प्रेग्नेंसी के कारण
- मिसकैरिज के कारण
- इनफर्टिलिटी की समस्या के कारण
- एंटीडिप्रेसेंट मेडिसन को बंद करने के कारण