अवसाद के लक्षण 4. अच्छा महसूस नहीं करना – ऐसे वक्त में व्यक्ति चिड़चिड़ाहट, घबराहट या फिर किसी न किसी बात को लेकर अक्सर चिंता में रह सकता है। दरअसल इस तरह की चिंता डिप्रेशन के लक्षणों में से एक है।
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अवसाद के लक्षण 5. कॉन्सन्ट्रेट नहीं कर पाना– ऑफिस, घर या किसी अन्य काम में फोकस नहीं कर पाना। डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति किसी भी काम को करने में असमर्थ होते हैं।
अवसाद के लक्षण 6. नकारात्मक सोच- अवसाद के लक्षण में शामिल है नकारात्मक सोच। परिस्थिति कैसी भी हो, लेकिन हर वक्त नेगेटिव सोचना और अपने आपको अकेला महसूस करना इसका प्रमुख लक्षण है।
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डिप्रेशन के कारण
कई बार ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति ज्यादा नशा करने लगता है। जो डिप्रेशन का कारण बनता है। फैमिली हिस्ट्री : यदि आपके परिवार में किसी को अवसाद हुआ हो या कोई अन्य मनोदशा विकार हुआ हो तो इससे आपमें भी अवसाद होने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि ये आपको अपने पूर्वजों से मिलता है। बचपन की किसी घटना की वजह से शरीर में बैठे डर और तनावपूर्ण स्थिति के कारण भी आपको अवसाद हो सकता है।
अगर ऐसे लक्षण आप में या आपके किसी करीबी में हैं, तो उनसे बात करें और उनकी परेशानी समझने की कोशिश करें। अगर अवसाद के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इस नजरअंदाज न करें। डिप्रेशन को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है, क्योंकि कभी-कभी लोग इतने डिप्रेस्ड हो जाते हैं कि वे आत्महत्या भी कर लेते हैं।
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डिप्रेशन (Depression) दूर करने के उपाय क्या हैं?
अवसाद एक जटिल समस्या मानी जाती है। इसमें व्यक्ति अपना जीवन एक अंधकार में व्यतीत करता रहता है। अवसाद को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं। जैसे-
- खुलकर बात करें – अपनी किसी भी परेशानी के बारे में खुलकर अपने करीबियों या दोस्तों से बात करें। कोई भी बात अपने मन में छुपाकर न रखें। अगर आप किसी से खुलकर बात नहीं करेंगे तो आपकी परेशानी कम होने की बजाये और बढ़ सकती है।
- योग करें- हम सभी जानते हैं, योग हर चीज का इलाज करने का एक सफल तरीका है। नियमित रूप से योग करने की कोशिश करें। शुरुआत 10 मिनट से भी किया जा सकता है। अगर आप पहली बार योगा करने की सोच रहें हैं, तो योगा एक्सपर्ट से सलाह ले और फिर योगा नियमित रूप से करें।
- पूरी नींद लें- रोजाना 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लें। अच्छी नींद (साउंड स्लीप) आपको कोई भी मानसिक या शारीरिक परेशानी को दूर करने के लिए सबसे बेहतर तरीका है। अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है, तो परेशानी को दूर करें और नियमित रूप से सोने का समय तय करें और उसी वक्त पर रोजाना सोने की आदत डालें।
- व्यस्त रहें- अपने आपको व्यस्त रखें। कुछ ऐसे काम भी जरूर करें जो आपको पसंद हो। दरअसल अवसाद या डिप्रेशन जैसे बीमारी तब शुरू होती है जब आप बिना वजह किसी बारे में ज्यादा सोचते हैं। इसलिए अपने आपको व्यस्त रखें और खुश रहें। किसी की बातों पर ध्यान न दें जिसका आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हो।
- गोल सेट करें : डिप्रेशन में होने पर हो सकता है कि आपको सब काम अधूरे से लगने लगें। इससे आपको अपने बारे में सबसे बुरा महसूस हो सकता है। खुद को पीछे खींचने के लिए अपने लिए कोई गोल सेट करें।
किसी छोटे काम से शुरुआत करें जैसे खाना बनाना या बागवानी में मन लगाना। जब आप अपना ध्यान बंटाना शुरू करेंगे तो धीरे धीरे आपको अच्छा महसूस होने लगेगा। आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कोई चुनौतीपूर्ण गोल भी शामिल कर सकते हैं।
- मेडिटेशन : सांस पर ध्यान केंद्रित करने से मन साफ होता है और दिमाग को शांति एवं स्थिरता मिलती है। इस क्रिया को मेडिटेशन कहते हैं। रोज मेडिटेशन करने से स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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- पौष्टिक आहार लें- अवसद के लक्षण में भी यह बताया गया की डिप्रेशन की वजह से लोगों को भूख नहीं लगती है। हालांकि इस दौरान खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें। खाने में हरी सब्जियों के साथ फलों को भी शामिल करें।
- डॉक्टर से सलाह लें- खुद को फिट रखने के लिए सबसे जरूरी है आप अपनी समस्या अपने आप में हो रहे बदलाव के बारे में मनोचिकित्सक को बताएं।
- अच्छी सोच रखें- हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार कई बार व्यक्ति नकारात्मक सोच की वजह से भी डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। इसलिए स्टूडेंट, वर्किंग मेन, वर्किंग वीमेन, हाउस वाइफ या कोई भी व्यक्ति क्यों न हो हर परिस्थिति में अपनी सोच सही रखें और मन में नेगेटिव विचार न आने दें। वैसे लोगों से भी दूर रहें जो अत्यधिक नकारात्मक सोच रखते हों
- एक्सरसाइज : एक्सरसाइज से कुछ समय के लिए शरीर में अच्छा फील करने वाले एंडोर्फिन नामक केमिकल रिलीज होता है। डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति को इससे अच्छे लाभ मिलते हैं। रोज एक्सरसाइज करने से दिमाग तरोताजा और पॉजिटिव बनता है। कुछ कदम पैदल चलने से भी लाभ हो सकता है।
- सप्लीमेंट्स : कुछ सप्लीमेंट्स डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। फिश ऑयल, फोलिक एसिड जैसे सपलीमेंट इसमें शामिल हैं। हालांकि, किसी भी सप्लीमेंट का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। अगर पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं तो सोच-समझकर सप्लीमेंट्स लें।
- दवा- डिप्रेशन की परेशानी को कम करने के लिए दवा भी प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
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