सुइसाइड करने के कारण व्यक्तिगत, सामजिक या आर्थिक हो सकते हैं। नीचे कुछ मुख्य आत्महत्या के कारण बताए गए हैं। जैसे-
डिप्रेशन (depression)
इसका सबसे बड़ा कारण अवसाद (डिप्रेशन) है। आज कल की भागदौड की जिंदगी में इंसान को इंसान से कमियों और खूबियों से तौला जाना इसका प्रमुख कारण है। व्यक्ति को उसके इच्छा के अनुरूप चीजें नही मिलती, तब वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। अगर सही समय पर इसका इलाज ना हुआ तो यह डिप्रेशन इतना बढ़ जाता है कि इसका परिणाम आत्महत्या भी हो सकता है। अवसाद की यह स्थिति आत्महत्या के कारणों में से एक है।
और पढ़ें: ये हो सकते हैं मनोविकृति के लक्षण, कभी न करें अनदेखा
अत्यधिक नशा करना
किशोरों में आत्महत्या के कारण के रूप में नशीले पदार्थों का उपयोग भी शामिल है। साथ ही साथ अन्य किसी ड्रग की लत होना जैसे हेरोइन, कोकीन, मेथाम्फेटामाइन, ओपिओइड्स (ऑक्सिकोडन, हाइड्रोकोडन, मोर्फिन और मेथाडन आदि) व अन्य नशीले पदार्थ। जब लोग शराब या ड्रग्स का सेवन कर लेते हैं तो वे और अधिक आवेगशील हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में वे बिना सोचे समझें ही खुदकुशी करने का प्रयास कर सकते हैं। दुर्भाग्य से अक्सर नशे के दौरान ही अधिकतर खुदकुशी करने के प्रयास किए जाते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें: जानिए क्या है एक्सपेक्टेशन हैंगओवर?
मानसिक विकार आत्महत्या के कारण में से एक
आमतौर पर लोग मानसिक बीमारी को शर्मनाक मानते हैं। किसी को भी अपनी मेंटल डिजीज के बारे में खुलकर बताते नहीं है जिससे आगे चलकर सही उपचार ना मिल पाने की वजह से यह बीमारी एक गंभीर मेंटल डिसऑर्डर में बदल जाती जो अक्सर आत्महत्या का भी कारण बनती है। डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, मनोविदलता (Schizophrenia) आदि मानसिक विकार सुइसाइड के कारण बनते हैं।
आत्महत्या के कारण : तनाव
सुइसाइड की दरों से स्ट्रेस का स्तर भी जुड़ा हुआ है। जो लोग खुदकुशी करते हैं, उनके शरीर में असाधारण उच्च गतिविधियां और स्ट्रेस हार्मोन पाया जाता है। सेरोटोनिन एक प्रकार का मस्तिष्क का कैमिकल (न्यूरोट्रांसमीटर) होता है, जो मूड, चिंता और आवेगशीलता (Impulsivity) से जुड़ा होता है। खुदकुशी करने वाले व्यक्ति के सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूड (CSF) और मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर सामान्य से कम पाया जाता है।
और पढ़ें: क्या गुस्से में आकर कुछ गलत करना एंगर एंजायटी है?
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपके मन में खुदकुशी करने के विचार आते हैं, तो अपने किसी करीबी दोस्त या प्रिय व्यक्ति के पास पहुंचें। भले ही आपको अपनी भावनाओं के बारे में बात करने में कठिनाई महसूस हो रही हो। अपने डॉक्टर या अन्य हेल्थकेयर प्रोवाइडर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लें, वो आपको कुछ दवाओं के सेवन के बारे में भी सजेस्ट कर सकता है। खुदकुशी के विचार आने की समस्या अपने आप ठीक नहीं होती, इसलिए जल्दी से जल्दी मनोरोग चिकित्सक की मदद लें।
और पढ़ें: बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना और उनकी मेंटल हेल्थ में है कनेक्शन
आत्महत्या के आंकड़े