एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर के बारे में शायद ही आपने कभी सुना या सोचा होगा! कहते हैं कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। हम अपनी जिंदगी को अच्छा बनाना के लिए बहुत कुछ करते है। यकीनन हमारी लोगों से कुछ एक्स्पेक्टेशॅन भी होती है। सोचा कुछ और फिर वो नहीं हुआ या फिर अच्छी खासी जॉब से हाथ धोना पड़ा। प्रमोशन के लिए कब से सोच रहे थे, लेकिन आज तक नहीं हो पाया। हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं जो सोच के मुताबिक चीजें नहीं पा पाते हैं। मन में चल रही बातें कई बार पूरी न होने पर हमे परेशान करती हैं। किसी ने सही कहा है की एक्स्पेक्टेशॅन सिरदर्द का कारण बन जाती है। सोशल मीडिया के समय में कहीं न कहीं हमारी एक्स्पेक्टेशॅन बहुत बढ़ गई हैं। कहते हैं कि उम्मीदों का नशा अल्कोहल के नशे से भी खतरनाक होता है। खतरनाक इसलिए क्योंकि शराब का नशा तो कुछ समय बाद उतर जाता है लेकिन उम्मीदों का नशा लंबे समय तक साथ रहता है।