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3. सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर (Self-Imposed Expectation Hangover)
सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर का मतलब है, जब हम कोई गोल या लक्ष्य तय करते हैं और उसके मुताबिक काम नहीं होता है, तो उसे सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, किसी नौकरी के लिए या किसी परीक्षा में पास होने के लिए जी-जान से मेहनत करने के बा़द भी उसमें सफलता नहीं मिलना। जिसके कारण अधिकतर छात्र आत्महत्या भी कर लेते हैं।
एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से कैसे बचाव करें?
एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से बचाव करने के कई तरीके है, हालांकि जरूरी है कि इन बातों पर गौर किया जाए।
1. हैंगओवर के कारण का पता करें
अगर इस समस्या से बचाव करना है, तो सबसे पहले इसकी जड़ यानी इसके होने के कारणों का पता करें। इसके कारणों का पता करने के लिए आप ऊपर बताए गए इसके तीनों प्रकारों की स्थितियों की खुद से तुलना भी कर सकते हैं। एक बार जब आपको इसके कारण पता चल जाएंगे, तो आप खुद को अपने किसी भी प्रिय को इस समस्या से आसानी से बाहर निकाल सकते हैं।
2.इसके बारे में बात करें
वैसे तो अपनी समस्याएं हर किसी के साथ बांटनी नहीं चाहिए, लेकिन कुछ करीबी और भरोसेमंद लोगों के साथ अगर अपनी समस्याएं बांटी जाए, तो उनका हल आसानी से निकाला जा सकता है। अगर आप भी एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर की समस्या से परेशान हैं, तो इसके कारणों का पता लगते ही या लगाने के लिए अपने किसी करीबी या प्रिय से इस समस्या के बारे में बात करें। लेकिन, ध्यान रखें कि उससे अपनी समस्या बांटते समय उससे यह उम्मीद न लगाएं कि उसकी मदद से आपकी समस्या 100 फिसदी तक दूर हो सकती है।
3.उम्मीदें पूरी होने पर निराश न हों
यह एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से बचने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। एक बात का ध्यान रखें कि हमारी सारी अपेक्षाएं एक ही समय पर पूरी नहीं हो सकती है या एक ही बार में प्रयास करने से हमें किसी काम में सफलता नहीं मिल सकती है। इसलिए, अगर आपकी कोई उम्मीद पूरी नहीं भी होती है, तो निराश न हो और न ही उस उम्मीद को खोएं। बल्कि, पूरी हिम्मत और मेहनत के साथ एक बार फिर से उस उम्मीद को पूरा करने का प्रयास करें। दूसरी बार प्रयास करने से पहले एक बार अपनी अपेक्षाओं का अवलोकन भी जरूर करें।