साइकोलॉजिकल हेल्प
साइकोलॉजिकल हेल्प एक ऐसा तरीका है, जो चिंता और डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों की मदद कर सकता है। साइकोलॉजिकल हेल्प से लोगों में सकारातमक सोच, चिंता में कमी आती है।
मेडिकेशन
मेडिकेशन चिंता और डिप्रेशन से पूरी तरह से निजात पाने के लिए सही तरीका नहीं है। मेडिकेशन से केवल इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। लेकिन, यह चिंता ओर डिप्रेशन को जड़ से खत्म नहीं कर सकता है।
लिस्ट बनाएं
हमेशा उन बातों की लिस्ट बनाएं, जो बातें आपके तनाव का कारण बनती हैं। सभी चीजों की सूची बनाने से आपको हमेशा यह याद रहेगा कि कौन-सी ऐसी स्थिति हैं, जहां आप खुद को सहज महसूस नहीं करते हैं।
नशीले पदार्थों से बचें
नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, ड्रग्स और शराब यह शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इसकी लत अगर एक बार इंसान को लग जाती है, तो इससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। यह हमारे शरीर को कमजोर कर देता है और हम डिप्रेशन और तनाव से लड़ने में असमर्थ हो जाते हैं।
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सकारात्मक वातारण
अगर वातारण अच्छा होगा, तो आप स्वाभाविक रूप से अच्छा महसूस करेंगे। एक कहावत भी है कि ‘मन चंगा तो जग चंगा’ और ऐसा तभी मुमकिन हो पाता है, जब आपके आसपास का वातावरण खुशहाल होता है। हमेशा हमें उन लोगों के साथ रहना चाहिए, जो हमें पॉजिटिव रहने में मदद करते हैं या जिनके साथ हम अच्छा महसूस करते हैं।
यदि हम किसी कारण से तनाव से ग्रस्त हैं और हमारे आसपास के लोग हमारे प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं, तो इससे तनाव कि स्थिति उत्पन्न होने की अधिक आशंका रहती है।
आहार अच्छा लेना
स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक अच्छा आहार लेना बहुत आवश्यक होता है। बहुत से शोधकर्ताओं ने कहा है कि अच्छा भोजन करना मानसिक स्वास्थ पर सकारात्मक असर डालता है। वास्तव में ऐसे कई अध्ययन भी हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि सात्विक भोजन करने से मानसिक तनाव को रोका जा सकता है। तनाव हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है, यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालकर हमको बीमार बनाता है। इससे बचने के लिए हमे अच्छे लाइफस्टाइल को अपनाना चाहिए।
नींद पूरी लें
यदि आप देर रात तक जागते हैं, तो ये सीधा आपके मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालता है। नींद पूरी न होने की वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिससे आपका शरीर और मस्तिष्क सुचारू रूप से काम नहीं कर पाता है। शरीर में बहुत-सी बीमारियां घर कर लेती हैं, इसीलिए 8 घंटे की नींद जरूर लें ताकि आप तनाव के खतरे को कम कर सकें।
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चिंता और डिप्रेशन के इलाज के लिए आमतौर पर साइकोलॉजिकल हेल्प या मेडिकेशन की मदद ली जाती है। कई मामलों में इन दोनों की ही जरूरत हो सकती है। आपके लिए इन दोनों तरीकों में से क्या बेहतर है, यह आपका डॉक्टर आपकी मानसिक स्थिति का आंकलन करने के बाद तय कर सकता है। साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
चिंता और डिप्रेशन दोनों के ही उचित उपाय के लिए इनके बीच का अंतर मालूम होना आवश्यक हैं। अपने रोजमर्रा के कामों को लेकर जीवन में थोड़ी-बहुत चिंता, एंग्जायटी हर इंसान को होती है। लेकिन, यदि कोई व्यक्ति अधिक चिंतित रहने लगे और हर छोटी बात पर गहनता से विचार करे, जिससे तनाव होने लगे, तो यह सोच का विषय है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में चिंता और अवसाद से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी मानसिक समस्या है तो बताए गए उपचार का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।बस इस बात का ध्यान रखें कि हर उपचार सुरक्षित नहीं होता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें तभी इसका इस्तेमाल करें। अगर आप चिंता या अवसाद से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।