जनरलाइज्ड एंग्जायटी (जीएडी) और ओसीडी अलग हैं। ओसीडी में चिंता काफी हद तक तर्कहीन होती हैं। ओसीडी एंग्जायटी डिसऑर्डर में यह निश्चित रूप से तुलना में थोड़ा अधिक होता है। जीएडी वाले लोग बहुत चिंता करते हैं, वे आमतौर पर अपनी चिंता से निपटने के लिए बाध्यकारी, अनुष्ठानिक व्यवहार में संलग्न नहीं होते हैं। हालांकि, ओसीडी एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले लोग आमतौर पर दोहराए जाने वाले व्यवहारों का उपयोग करते हैं।
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ओसीडी एंग्जायटी डिसऑर्डर का उपचार
ओसीडी एंग्जायटी डिसऑर्डर के निदान होने के बाद मनोचिकित्सक दवाइयां देते हैं, जिनकी मात्रा में फेर बदल करने की जरूरत पड़ सकती है। एक दवाई काम न करे, तो दूसरी बदल कर देनी पड़ सकती है, इसलिए मानसिक रोगों का इलाज कराते समय धैर्य रखें।
केवल दवाइयां ही कारगर नहीं होती व्यावाहरिक चिकित्सा भी दी जाती है। बाध्यता को रोकने और उससे उत्पन्न व्याकुलता को सहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उदाहरण के लिए जो व्यक्ति 15-15 मिनट में हाथ धोता हो, उसे कहा जाएगा कि आधे घंटे तक हाथ नहीं धोने हैं। पीड़ित व्यक्ति बेचैन होगा पर उसे बार-बार कहना पड़ेगा कि हाथ न धोने से कुछ नुकसान नहीं हुआ, तुम ठीक हो, कुछ गलत नहीं हो रहा। सायकोथेरिपी के अन्य तरीके भी हैं, जो पीड़ित व्यक्ति की आवश्यकता के अनुरूप मनोवैज्ञानिक प्रयोग करते हैं ।