- सामाजिक लोगों से कटाव और अकेले रहना
- याददाश्त कमजोर होना
- उदास महसूस करना
- ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
- किसी भी गतिविधि में भाग लेने के लिए इच्छा की कमी
- अपने आप से ही कटा-कटा महसूस करना
- कामकाज में असामान्यता
- खेल आदि में अरूचि
- एकाग्रता में समस्या
- अत्यधिक क्रोध आना
- डर या दूसरों के प्रति शक
- मनोदशा में अत्यधिक परिवर्तन
- हिंसक व्यवाहार
- हमेशा नर्वस महसूस करना
- शराब या नशीली दवाओं का सेवन करना
- अजीब व्यवहार करना
इन लक्षणों से भी पहचानें कही आप मानसिक रोग के शिकार तो नहीं
- खुद से नफरत करने लगना
- खुद को खत्म करने की भावना आना
- ये याद न रहना कि आप आखिरी बार कब खुश थे
- बिस्तर से उठाना या नहाने जैसे कार्यों को करना बहुत बड़ा काम लगने लगना
2. पर्सनालिटी डिसऑर्डर (व्यक्तित्व विकार) क्या हैं?
मानसिक रूप से अस्वस्थ इंसान के सोचने, भावनाओं को महसूस करने और व्यवहार करने का तरीका आम व्यक्ति से बिल्कुल अलग होता है। आमतौर पर ऐसा इंसान हर समय एक जैसा ही व्यवहार करता है। पर्सनालिटी डिसऑर्डर भी ऐसा ही एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति के व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव आ जाते हैं। इन बदलावों की वजह से रोगी की दिनचर्या बहुत बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। इस तरह के मानसिक विकारों की खास बात यह होती है कि खुद पीड़ित व्यक्ति को एहसास नहीं होता कि वह किसी मानसिक समस्या का शिकार हुआ है। पैरानोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर, एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, बॉर्डर पर्सनालिटी डिसऑर्डर, मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर कुछ मुख्य व्यक्तित्व विकार हैं।
व्यक्तित्व विकार के कारण क्या हैं?
व्यक्तित्व विकार की वजह आनुवांशिकता, वातावरण, पालन-पोषण के तरीके और सामाजिक परिवेश आदि हो सकते हैं।
जिन लोगों के करीबी रिश्तेदारों में व्यक्तित्व विकार की समस्या रही है, आगे आने वाली पीढ़ी में भी इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिनका अतीत दर्दनाक घटनाओं जैसे-बचपन में यौन उत्पीड़न, शारीरिक प्रताड़ना आदि से भरा हो, ऐसे लोगों में व्यक्तित्व विकार होने की संभावना होती है।
जिन लोगों में व्यक्तित्व विकार होता है, उनका भावनात्मक बर्ताव और लोगों से काफी अलग होता है। ऐसे में दिमागी संरचना या दिमागी रसायन में गड़बड़ी, व्यक्तित्व विकार का एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। ऐसी स्थिति में दिमाग का वह हिस्सा जो भावनाओं व निर्णय लेने की क्षमताओं को नियंत्रित करता है वह शरीर के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल नहीं कर पाता है यानि सूचनाएं आगे नहीं भेज पाता है।
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व्यक्तित्व विकार के लक्षण क्या हैं?
किसी व्यक्ति में पर्सनालिटी डिसऑर्डर तो नहीं है, यह जांचने के लिए व्यक्ति में दिखने वाले कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- किसी के व्यवहार में अचानक से बहुत ज्यादा बदलाव आ जाना
- दूसरे लोगों पर बहुत अधिक निर्भर रहने लग जाना
- सामाजिक रूप से अलग-थलग रहना
- हर किसी से घुलना मिलना बंद कर देना
- अचानक बहुत अधिक गुस्सा करना
- अचानक बहुत शांत हो शाना
- हमेशा डरे-डरे रहना
- अपने ऊपर नियंत्रण न रख पाना
- अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते न बना पाना
- अपने आस पास लोगों को शक की नजरों से देखना
- बात करने में कतराना
- भीड़ में जाने से डरना आदि।
पर्सनालिटी डिसऑर्डर हो या अन्य कोई मानसिक बीमारी, डॉक्टर की हिदायतों के अनुसार इलाज करवाने के साथ ही दिनचर्या को संतुलित बनाए रखें। नियमित तौर पर एक्सरसाइज, भरपूर नींद, सही मात्रा में पौष्टिक भोजन आदि से जल्द रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको खुद में या अपने किसी करीबी में ये लक्षण नजर आते हैं तो उनका अच्छे से ख्याल रखें। मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।