ई-सिगरेट पीने से होती है निकोटीन की लत
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के अंदर निकोटीन और दूसरे कई हानिकारक केमिकल्स होते हैं। लोग सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए इसे पीते हैं और उन्हें फिर इसमें जो नशीले पदार्थ होते हैं उनकी लत हो जाती है। यही कारण है कि हृदय रोगों से ग्रसित लोगों को ई सिगरेट से खास दूरी बनाकर रखनी चाहिए। कई शोधों में इस बात की पुष्टी हुई है कि ई सिगरेट दिल की धमनियों को कमजोर बनाता है। जिन लोगों को ई सिगरेट पीने की लत लग जाती है उन्हें इसके छोड़ने पर विदड्रॉल सिंड्रोम और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
ई-सिगरेट से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
सिगरेट की जगह ई-सिगरेट या वेपिंग करने वाले लोगों में इससे होने वाले नुकसान के कई लक्षण दिख सकते हैं। इनमें आमतौर पर सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द की शिकायत और लगातार खांसी भी शामिल हैं। वहीं सिगरेट का इस्तेमाल करने वालों में उल्टी, दस्त, थकान, बुखार, मितली या तेजी से वजन भी घट सकता है। साथ ही इन लोगों में समय के साथ इस तरह के लक्षण विकसित होते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से फेफड़ो को हो रहा नुकसान
अमेरिका के न्यूयार्क शहर में हाल ही में लंग्स की बीमारी के 34 नए मामले सामने आए। विशेषज्ञ इन्हें वेपिंग से जोड़कर देख रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ कि वेपिंग के लिए विटामिन-ई एसीटेट (Vitamin E acetate) का इस्तेमाल किया जा रहा है। लिए गए सैपंल्स से इसके होने का पता चलता है। ई-सिगरेट में विटामिन ई एसीटेट के इस्तेमाल से फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
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पूरी तरह से निकोटिन छोड़ देंगे तभी होगा लाभ
WHO ने 2019 वैश्विक तंबाकू महामारी रिपोर्ट में बताया कि तंबाकू उद्योग, तंबाकू नियंत्रण के लिए अपनाए जा रहे कदमों के खिलाफ काम कर रहा है। ई-सिगरेट से जुड़े विज्ञापनों में कहा जाता है कि पारंपरिक सिगरेट के बदले इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सुरक्षित है और ये सिगरेट पीने की आदत छोड़ने में मदद करती है जबकि डब्लूएचओ की मानें तो इस बात के समर्थन में कोई सही प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं। अगर कोई निकोटिन से पूरी तरह से राहत पाना चाहता है तो उसे सिगरेट पूरी तरह से छोड़ देगा, तभी उन्हें लाभ मिलेगा।
ई-सिगरेट बन सकता है कैंसर का कारण
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा जारी हुई एक रिपोर्ट में सामने आया है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में पाए जाने वाले कई पदार्थ कैंसर का कारण बन सकते हैं। पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल (Public Library of Science Journal) की रिपोर्ट के अनुसार ई-सिगरेट में कार्ट्रिज का उपयोग किया जाता है। इस कार्ट्रिज में उपयोग होने वाला फोर्मलडीहाइड (Formaldehyde) और बेंजीन (Benzene) कैंसर का महत्वपूर्ण कारण है।