बच्चे का जन्म एक मां के लिए उत्साह के साथ ही भय और चिंता भी लेकर आता है। कई बार अनजाने में ही ये डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) महिलाओं को डिलिवरी के बाद हो सकता है। इसे ‘बेबी ब्लूज (Baby blues)’ भी कहा जाता है। डिलिवरी के करीब दो से तीन दिनों के भीतर पोस्टपार्टम डिप्रेशन की शुरुआत हो सकती है। कई महिलाओं में डिप्रेशन लंबे समय तक रहता है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन बच्चे को जन्म देने के बाद मां के शरीर में आने वाली कमजोरी नहीं है बल्कि ये जन्म के दौरान पैदा हुए कॉम्प्लिकेशन की वजह से भी हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको जल्द ही अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आज इस आर्टिकल में पोस्टपार्टम डिप्रेशन और पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण को समझने की कोशिश करेंगे, जिससे इस बीमारी से बचना आसान हो जाता है।
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