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आप भी अपनी मर्जी से खा लेती हैं कोई भी दवा, तो प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन लेने से पहले पढ़ लें ये लेख


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

    आप भी अपनी मर्जी से खा लेती हैं कोई भी दवा, तो प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन लेने से पहले पढ़ लें ये लेख

    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन को लेकर महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए। ये बात सच है कि बिना डॉक्टर की सलाह से किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान भी यही बात लागू होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह से ली गई दवा होने वाले बच्चे पर बुरा असर डाल सकती है। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन यानी दवा लेना जरूरी है, लेकिन बिना डॉक्टर की जानकारी के नहीं। साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए अनहेल्दी फूड, एल्कोहाॅल, स्मोकिंग और अधिक कैफीन से दूरी बनाकर रखें।

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    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन

    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन पर ध्यान न देने से डेवलपिंग एम्ब्रियो को नुकसान पहुंच सकता है। प्रेग्नेंसी की प्लानिंग के दौरान भी दवा लेने से पहले उसके बारे में जानकारी देना उचित रहेगा। कई बार महिलाओं को कुछ हेल्थ कंडीशन की वजह से भी दवा लेनी पड़ती है। अगर प्रेग्नेंसी से पहले आपकी कोई हेल्थ कंडिशन है तो डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें कि क्या प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन से कोई समस्या पैदा होगी?

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    प्रेग्नेंसी के पहले हो सकता है कि कुछ लोग वैध ओपिओइड ( opioids) का प्रयोग कर रहे हो। सिंथेटिक ओपिओइड का प्रयोग दर्द निवारक के रूप में भी किया जाता है। इस ड्रग्स का दुरुपयोग भी किया जाता है। ये प्रेग्नेंसी के पहले या प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी सुरक्षित है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेना सही होगा। इसके साथ ही बहुत से ऐसी मेडिसिन होती है जो गर्भावस्था में नहीं खानी चाहिए। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन को लेकर महिलाओं को अधिक जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि कई बार प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी नुकसानदायक होता है।

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    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन- नैचुरल और हर्बल उपचार के दौरान भी रखें ध्यान

    प्रेग्नेंसी के मेडिकेशन के लिए हमेशा एलोपैथिक दवाओं से नुकसान नही होता है। गर्भावस्था के दौरान नैचुरल और हर्बल उपचार भी साइड इफेक्ट पैदा कर सकते हैं। बेहतर होगा कि इस बारे में एक बार डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही हर्बल ट्रीटमेंट लें। ज्यादातर नैचुरल प्रोडक्ट को सेफ्टी परपज के लिए चेक नहीं किया जाता है। कुछ हर्बल प्रोडक्ट होते हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान सेफ भी हो सकते हैं। ऐसे प्रोडक्ट में प्रेग्नेंसी के दौरान सेफ्टी की जानकारी दी रहती है। आपको जानकारी के आधार पर कोई भी प्रोडक्ट प्रेग्नेंसी में यूज नहीं करना चाहिए। जब आपका डॉक्टर कहें, तब ही कोई प्रोडक्ट यूज करें। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के दौरान ध्यान रखें चाहे वह हर्बल प्रोडक्ट्स हो या नैचुरल। कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के तैर पर हर्बल और आर्युवेदिक ये सोच कर लेती है कि सब नैचुरल है लेकिन यह बाद में परेशानी खड़ी कर सकता है।

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    लाइफस्टाइल और बिहेवियर

    प्रेग्नेंसी के दौरान लाइफस्टाइल और बिहेवियर पर गौर जरूर करना चाहिए। अगर प्रेग्नेंट महिला ऐसा कोई काम कर रही है जिससे उसके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है, तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। टॉक्सिक प्रोडक्ट को खाने में शामिल नहीं करना चाहिए। कुछ महिलाओं को शराब या फिर स्मोकिंग की आदत होती है, जो होने वाले बच्चे में बुरा प्रभाव डाल सकती है। हेल्थ केयर प्रोफेशनल महिला की काउंसलिंग, ट्रीटमेंट के साथ ही अदर सपोर्ट सर्विस की हेल्प ली जा सकती है। लाइफस्टाइल और बिहेवियर में चेंज करके सुधार किया जा सकता है।

    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के दौरान वॉमिटिंग की दवा है सुरक्षित?

    हो सकता है आपको प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी की समस्या हो रही हो। जी मिचलाने और उल्टी की समस्या को दूर करने के लिए लोगों के पास पहले से ही मेडिसिन रखी होती है। आप प्रेग्नेंसी के दौरान रखी हुई दवाओं को खाने की गलती न करें। हर्बल उपचार के दौरान भी सावधानी बरतें। बिना डॉक्टर के डिस्कशन के कोई भी दवा न लें। जब आप डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएंगी तो वो आपको जी मिचलाने और उल्टी से राहत के लिए मेडिसिन सजेस्ट करेंगे। आप चाहे तो ऐसे समय में अदरक की चाय ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के लिए आप अपने घर में रखे फर्स्ट-एड बॉक्स से दूर रहें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    कैफीन की मात्रा को करें बैलेंस

    प्रेग्नेंसी में अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन हानिकारक हो सकता है। हर दिन में एक बार कॉफी पी जाए, तो किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एल्कोहॉल की अधिक मात्रा के कारण होने वाले बच्चे को फीटल एल्कोहॉल स्पैक्ट्रम डिसऑर्डर हो सकता है। अगर आपको एल्कोहॉल की लत है तो तुरंत अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से इस बारे में बात करें। प्रेग्नेंसी के पहले और बाद में एल्कोहॉल का सेवन आपके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के अलावा आपकी और आदतें भी बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए कैफीन की सेवन की मात्रा कम करें।

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    स्मोकिंग के खतरे जानते हैं आप?

    हो सकता है कि प्रग्नेंसी से पहले आप और आपका पार्टनर स्मोकिंग करते हो। प्रेग्नेंसी के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग घातक साबित होती है। स्मोकिंग फर्टिलिटी को घटाने के साथ ही होने वाले बच्चे पर भी बुरा असर डालती है। स्मोकिंग के कारण टॉक्सिक केमिकल बच्चे तक पहुंच जाते हैं जिस कारण लो बर्थ वेट, स्टिलबर्थ और प्रीटर्म बर्थ की समस्या हो सकती है। स्मोकिंग का फीटस पर बुरा प्रभाव पड़ता है। स्मोकिंग के लती लोगों को प्रेग्नेंसी के बारे में सोचने के पहले ही इस आदत को छोड़ देना चाहिए। जहां एक तरफ प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन गलत लेने का नुकसान भ्रुण पर होता है वहीं स्मोकिंग बच्चे को पैदा होने के बाद भी परेशान कर सकती है।

    स्मोकिंग से गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरे के साथ ही महिला या पुरुष की फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिपोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान होने वाली मां या फिर पिता स्मोकिंग करते हैं तो बच्चे पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। सेकेंड हैंड स्मोक फीटस के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के साथ ही बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी आदतों को अपनाना जरूरी है।

    खानपान पर दें ध्यान

    प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के साथ ही पौष्टिक आहार पर ध्यान देना चाहिए। खाने में विटामिन, आयरन, फोलिक एसिड, मल्टीविटामिन सप्लीमेंट, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, ताजे फल आदि शामिल करें। प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त फूड को खाने में जरूर शामिल करें। खाने को एक साथ न खाकर दिन में पांच से छह बार खाएं। अगर किसी भी फूड से आपको एलर्जी है तो कोशिश करें कि उसे न खाएं। आप अपनी डॉक्टर के साथ मिलकर प्रेग्नेंसी के दौरान डायट प्लान कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन के साथ-साथ आपकी डायट भी अच्छी होनी चाहए।

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    प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको 300 कैलोरी एक्स्ट्रा चाहिए होती है। साथ ही 15 से 20 ग्राम रोजाना प्रोटीन की आवश्यकता होती है। कई बार शरीर की जरूरत के हिसाब से या फिर मेडिकल कंडिशन की वजह से ये आकड़ा अलग भी हो सकता है। आपको कैलोरी लेने के साथ ही उसे बर्न करने के बारे में भी सोचना चाहिए। प्लेट में 50 % फल और सब्जियाें को शामिल करें। 25 % प्रोटीन भी आपको लेना है। चार टेबलस्पून फैट रोजाना लिया जाना चाहिए। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन और सही डायट का तालमेल आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा।

    प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे पहले जो भी सावधानियां रखनी हैं, उसके बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। प्रेग्नेंसी में मेडिकेशन का सहारा बिना जानकारी के न लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

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