डिलिवरी के बाद महिलाएं कुछ कारणवश तुरंत वॉशरूम नहीं जा पाती। इसकी वजह से स्टूल टाइट हो जाता है। कई मामलों में उन्हें ड्रिप से आहार दिया जाता है। इस स्थिति में उनकी बॉडी में फाइबर की कमी हो जाती है। फाइबर स्टूल को मुलायम बनाने का काम करता है, जिससे वह रेक्टम कैनाल से आसानी से बाहर आ जाता है। डिलिवरी के बाद कब्ज होने पर महिलाओं को सबसे पहले अपनी डायट का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें खाने में अधिक फाइबर वाली हरी सब्जियां, फल, ओट्स और सलाद खूब खाना चाहिए। नॉर्मल डिलिवरी के बाद महिलाओं को खास परहेज नहीं बताया जाता है, जबकि सी-सेक्शन के बाद महिलाओं को कुछ समय के लिए परहेज बताया जाता है। आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लें आपके लिए क्या खाना सही रहेगा।
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8. प्रेशर आने पर तुरंत वॉशरूम जाएं
डॉक्टरों की मानें तो डिलिवरी के बाद महिला के बाॅवेल मूवमेंट में अनियमित्ता आ जाती है। यदि खाना खाने के तुरंत बाद उन्हें प्रेशर का अहसास होता है तो उन्हें तत्काल वॉशरूम जाना चाहिए। ऐसा न करने पर आंतों में हुआ कॉन्ट्रैक्शन शायद दोबारा न हो। इसलिए बेहतर होगा कि प्रेशर का अहसास होते ही इसे रोकने या दबाने की कोशिश ना करें।
9. हाई फाइबर डाइट लें
डॉक्टर सपरा ने कहा कि से पहले और डिलिवरी के बाद महिलाएं कुछ कारणवश तुरंत वॉशरूम नहीं जा पाती हैं। इसकी वजह से स्टूल टाइट हो जाता है। ज्यादातर मामलों में उन्हें ड्रिप से ही आहार दिया जाता है। इस स्थिति में उनकी बॉडी में फाइबर की कमी हो जाती है। फाइबर स्टूल को मुलायम बनाने का काम करता है, जिससे वह रेक्टम कैनाल से आसानी से बाहर आ जाता है। कब्ज होने पर महिलाओं को सबसे पहले अपनी डाइट का खास ध्यान रखना है। उन्हें अपने खाने में अधिक फाइबर वाली हरी सब्जियां, फल, ओट्स और सलाद खूब खाना है।
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10. डिलिवरी के बाद कॉन्स्टिपेशन की है समस्या तो करें नींबू पानी का सेवन
नींबू पानी में हाई एसिड कंटेंट पाया जाता है जो डाइजेस्टिव सिस्टम को तेज करने में मदद करता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
11. बॉडी को एक्टिव रखें
कई बार शरीर का लंबे वक्त तक सक्रिय न रहने से डाइजेशन सिस्टम प्रभावित होता है। खासतौर से डिलिवरी के बाद जब पहले ही आप कब्ज से जूझ रही होती हैं। इस दौरान यदि आप अपनी बॉडी को हल्का-फुल्का एक्टिव रखती हैं तो आंतों को गतिशीलता में सुधार आता है। इसका मतलब यह हुआ कि आंतों के कार्यों में कम से कम बाधा आती है। इसके लिए आप हल्की वॉक पर जा सकती हैं। यदि डिलिवरी सामान्य हुई है तो आप साइकिलिंग भी कर सकती हैं। इससे आपकी पेल्विक मसल्स भी एक्टिव होंगी और आंतों में गतिशीलता आएगी।
यदि एनस से ब्लीडिंग भी हो रही हो या डिलिवरी के बाद कॉन्स्टिपेशन की शिकायत तीन सप्ताह से अधिक समय तक है तो डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सिजेरियन के बाद कब्ज एक आम समस्या है। जिसे आहार और जीवनशैली में बदलाव करके कम किया जा सकता है।
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डिलीवरी के बाद कब्ज की समस्या होने की दवा
कई ओटीसी दवाओं की मदद से पोस्टपार्टम कॉन्स्टिपेशन से आराम पाया जा सकता है। ज्यादातर महिलाएं डिलीवरी के बाद बल्किंग एजेंट जैसे मेटाम्यूसिल या सिट्रसल प्रकार के पाउडर वाले फाइबर लेने शुरू करती हैं।
इन दवाओं को कम खुराक से शुरू किया जाता है और फिर धीरे-धीरे इनकी डोज बड़ा दी जाती है। जबतक कब्ज की समस्या से छुटकारा न मिल जाए। बेहतर परिणामों के लिए इन दवाओं का सेवन कुछ सप्ताह तक करना पड़ सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
अगर कब्ज की स्थिति धीरे-धीरे उत्पन्न हुई है तो उसके कारण होने वाली ब्लोटिंग और पेट में दर्द से राहत मिल सकती है।
मल को मुलायम बनाने वाली दवाएं जैसे कोलेस एक प्रभावशाली और सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यदि आपको इसके बाद भी मदद की जरूरत पड़ती है तो मीरालैक्स या मिल्क ऑफ मैग्नीशिया जैसे आरामदायम लैक्सेटिव का उपयोग करें। इससे पेट में जमा हुआ तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है। हालांकि, अगर आप पोस्टपार्टम कॉन्स्टिपेशन लैक्सेटिव का इस्तेमाल करने वाली हैं तो ध्यान रहे की आपको काफी अधिक मात्रा में पानी पिने की जरूरत पड़ सकती है।
सही लैक्सेटिव और पानी की पर्याप्त मात्रा के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। सेना या कैस्कारा वाले लैक्सेटिव का इस्तेमाल न करें क्योंकि यह कुछ समय के बाद अपना प्रभाव दिखाना बंद कर देते हैं।
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डिलिवरी के बाद कॉन्स्टिपेशन (constipation after delivery) की समस्या से बचने के लिए करें एक्सरसाइज
डिलिवरी के बाद कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय के साथ ही आपको एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। एक्सरसाइज की हेल्प से भी कब्ज की समस्या से राहत पाई जा सकती है। ये सच है कि डिलिवरी के तुरंत बाद महिला के लिए एक्सरसाइज करना पॉसिबल नहीं होता है, लेकिन कुछ समय का अंतराल लेकर एक्सरसाइज की जा सकती है। बेहतर होगा कि इस बारे में आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हम आपको यहां ऐसी कुछ एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको कब्ज की समस्या से राहत दिला सकती हैं।
डिलिवरी के तुरंत बाद महिला के लिए चलना बहुत मुश्किल काम होता है। महिला की अगर नॉर्मल डिलिवरी हुई है तो भी उसे चार से पांच दिन का समय चलने में लग सकता है, चुंकि टांकों की वजह से दर्द अधिक महसूस होता है। ऐसे में एक से दो हफ्ते का समय लेने के बाद वॉकिंग से शुरूआत की जा सकती है। आप पहले दिन 15 मिनट की वॉक से शुरूआत कर सकते हैं। अगर आपको ठीक महसूस होता है तो वॉक आधे घंटे तक जरूर करें। आप रोजाना वॉक करें, इससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या से राहत मिल सकती है।
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डिलीवरी के बाद कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए करें योग
स्टमक मसल्स की एक्सरसाइज करने से पेट को बहुत राहत पहुंचती है। कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए डिलिवरी के बाद योग जरूर करें। योग में आप मार्जरी आसन यानी कैट पोज (Cat Pose) और बीतिलासन यानी काऊ पोज (Cow Pose) योग करें और गहरी सांस लें। मार्जरी आसन में बिल्ली की तरह आकृति बनाते हुए पीठ में खिचांव लाएं।
वहीं बीतिलासन यानी काऊ पोज में हैंड और नी को नीचे रखें और बैक को डाउनवर्ड पुजिशन में रखें। ऐसा करने से स्टमक नीचे की ओर आएगा। इस पुजिशन को लगभग पांच बार दोहराएं। अगर आपको इस योग को करने में परेशानी हो रही है तो आप एक या दो बार करके धीरे-धीरे इसकी शुरूआत करें।
ट्रायंगल पोज कब्ज की समस्या से दिलाएंगा राहत

ट्राइगल शेप एक्सरसाइज की हेल्प से डायजेस्टिव जूस रिलीज होता है और साथ ही बाउल मूवमेंट सक्रिय होता है जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। अपने पैरों को आपको करीब 2 से 3 फीट तक फैलाना होगा, जिससे पैर और कूल्हे ट्राइगल शेप बनाएं। अब एक हाथ को ऊपर की ओर उठाएं और दूसरे हाथ को जमीन से टच कराएं। आप इस पोज को आराम से करें और जल्दबाजी न करें।
आपने जो हाथ जमीन में साधा है, उस पर आपको शरीर के कुछ हिस्से का वजन भी महसूस होगा। आप इस पोज को 30 सेकेंड तक करें और फिर साइड चेंज कर दें। अगर आपने पहली बार में दाएं हाथ को जमीन में रखा था तो अब बाएं हाथ को जमीन में साधे और दाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाएं।
फॉरवर्ड बेंड या उत्तानासन (uttanasana)

कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए उत्तानासन ( uttanasana) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस आसन को करने से पेट में जोर पड़ता है और बाउल मूवमेंट तेज होता है। इस आसन को करने से बॉडी के डिफरेंट पार्ट में खिंचाव आता है। अगर डिलिवरी के बाद महिला बिना किसी परेशानी के इस आसन को कर पा रही है तो ये वाकई कॉन्स्टिपेशन की समस्या से राहत दिला सकता है।
फॉरवर्ड बेंड या उत्तानासन घुटने और जांघों को भी मजबूत करता है।अगर इस आसन को रोजाना किया जाए तो डिलिवरी के बाद होने वाले कमर दर्द से भी छुटकारा मिल सकताहै। आप पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर दोनों पैरों को मिलकर दोनों हाथ ऊपर की तरफ रखें। कमर के हिस्से को अब नीचे की तरफ झुकाएं। अब आपके कमर के ऊपर का पूरी हिस्सा जमीन की ओर है और अब आप अपने हाथों से अपने पैर को छूने की कोशिश कर सकते हैं। आपको नीचे झुकने में दर्द का एहसास हो सकता है, लेकिन धीमे-धीमे इस आसान को करें ताकि आपको बिना परेशानी के लाभ मिल सके।
कब्ज की समस्या है तो इन बातों का रखें ख्याल
अगर आपको हल्के प्रेशर का एहसास हो रहा हो तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहले थोड़ा टहलें या फिर आप चाहे तो थोड़ी कॉफी भी पी सकती हैं। आप जबरदस्ती टॉयलेट में जाकर प्रेशर बनाने की कोशिश न करें। राइट मूमेंट का इंतजार करें। अगर आप इंडियन टॉयलेट का यूज कर रहे हैं तो बेहतर है, वरना वेस्टर्न स्टाइट वाले टायलेट में आप स्टूल के ऊपर पैर रखकर बैठें। अधिक प्रेशर न लगाएं, वरना आपको टांकों में दर्द भी हो सकता है। अगर आपको फिर भी अधिक समस्या हो रही है तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें।
डिलिवरी नॉर्मल हो या फिर सिजेरियन, प्रसव के बाद कब्ज की समस्या आम होती है। अगर आप योग या फिर एक्सरसाइज करने की हालत में नहीं है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में आप अपने खानपान पर ध्यान दें और फाइबर युक्त खाना खाएं। आपको कुछ दिनों बाद खुद महसूस करेंगे कि कब्ज की समस्या से धीरे-धीरे ठीक हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि डिलिवरी के बाद कॉन्स्टिपेशन विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। डिलिवरी के बाद कब्ज से बचना चाहती हैं तो इन उपायों को अपनाएं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।